पटना: कभी कचरे और बदबूदार नाले के लिए बदनाम रहा पटना का डंपिंग जोन अब राजधानी वाटिका यानी इको पार्क में बदल गया है. यहां पाटली, गोल्डमोहर, स्वर्ण चंपा, अमलतास और बोतल पाम सहित सैकड़ों प्रजातियों के पेड़ लगाए गए हैं.
पटना में 2025 तक 110 पार्कों का निर्माण और कायाकल्प किया गया है, जिसने शहर को हरित और स्वच्छ माहौल दिया है. राजधानी वाटिका में बच्चों के लिए रोलर कोस्टर, स्केटिंग जोन, स्काई वॉक जैसे झूले और महिलाओं के लिए अलग जिम व किटी पार्टी स्पॉट की सुविधा है.
सर्दियों में यहां गुलाब बगीचा और प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी खास आकर्षण होती है. हर साल जलाशय में कांब डक, लालसर, कूट समेत 30 से अधिक प्रजातियों के पक्षी आते हैं. साफ-सुथरे शौचालय, पेयजल, बोटिंग और ग्रह-नक्षत्र गार्डन जैसी सुविधाओं के कारण यह जगह परिवारों के लिए पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बन चुकी है.
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