नई दिल्ली: इनदिनों प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं और नई फसल आने में अभी दो महीने का समय है. ऐसे में प्याज के आसमान छूते दाम को नियंत्रित करने के लिए सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एमएमटीसी पाकिस्तान, मिस्र, चीन और अफगानिस्तान जैसे देशों से प्याज आयात करने वाली है. कंपनी ने इन देशों से बोलियां आमंत्रित की है, ऐसा माना जा रहा है कि इससे प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जा सकेगा और आपूर्ति में सुधार हो सकेगा.
विभिन्न देशों से प्याज पर मंगाई गई बोलियों पर प्याज के व्यापारी नाराज हैं. वहीं स्वाभिमानी सहकारी संगठन के राजू शेट्टी नाराज होते हुए कहते हैं, ‘सरकार ऐसा कैसे कर सकती है, तब जब खरीफ फसल कटने को तैयार है और दिवाली के बाद यह बाजार में होगी. और पाकिस्तान से आयात करने की जरूरत क्या है? क्या भारतीय किसान दुश्मन हैं?’
ऐसे समय में जब अमुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत के इस कदम के विरुद्ध आवाज़ उठा रहा है और भारत के साथ अपने सामान्य रिश्ते नहीं बने रहने देना चाहता है, ऐसे में पाकिस्तान से प्याज़ के आयात का फैसला राजनीतिक बवाल पैदा कर रहा है और किसानों की चिंता भी बढ़ा ही रहा है.
बता दें कि इस समय देश के विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर पहुंच चुकी है. जिसके बाद सरकार ने प्याज आयात किए जाने का फैसला लिया है. एमएमटीसी ने 6 सितंबर को प्याज का टेंडर मंगाया है और सबसे कम कीमत वाले देश को यह टेंडर दिया जाएगा. माना जा रहा है कि नवंबर तक प्याज देश में आयातित होनी शुरू हो जाएगी. शेट्टी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘देश की नई प्याज और आयातित प्याज एक ही समय में आएगी जिससे हमारे किसानों को जो अच्छी दर मिल सकती थी वह नहीं मिलेगी.’
फिलहाल, अगर प्याज के थोक दर की कीमत नासिक महाराष्ट्र के लासलगांव में करीब 2300 रुपये प्रति क्विंटल है, जो बड़े और मेट्रो शहरों में 39-42-45 रुपये की दर पर बेचा जा रहा है.
MMTC Ltd. (Metals and Minerals Trading Corporation of India) has invited bids for 'import of onion on CIFFO (Cost Insurance and Freight Free Out, international trade), from Pakistan, Egypt, China, Afghanistan & any other origin'.
— ANI (@ANI) September 13, 2019
एमएमटीसी के अनुसार, पाकिस्तान, मिस्र, चीन, अफगानिस्तान या किसी अन्य स्थान से 2,000 टन प्याज आयात के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं. बोलियां 24 सितंबर से पहले जमा करानी होगी और यह 10 अक्टूबर तक वैध होगी. प्याज की खेप नवंबर के अंतिम सप्ताह तक बंदरगाह पर पहुंच जानी चाहिए. बोलीदाताओं को विभिन्न स्थान के प्याज के लिए अलग अलग बोली अमेरिकी डॉलर में लगानी होगी. यह बोली न्यूनतम 500 टन प्याज के लिए लगानी होगी.
बता दें कि एमएमटीसी ने पिछले साल भी प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज का आयात किया था.
केंद्रीय सहकारी एजेंसी नाफेड तथा सरकारी उपक्रम मदर डेयरी भी रियायती दरों पर दिल्ली के बाजारों में इस सब्जी की आपूर्ति बढ़ा रही है. महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में खरीफ (गर्मी) फसल की कमी के चलते प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं.
विभिन्न शहरों में पिछले कुछ महीनों में प्याज की दरों में औसतन बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह अप्रैल में 830, मई में 931 रुपये, जून में बढ़कर 1,222 हुई, जुलाई में 1252 और अगस्त में यह बढ़कर 1880 हो गई जबकि सितंबर में इसका औसत दर 2377 रुपये प्रति क्विंटल हो चुकी है.