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Tuesday, 15 July, 2025
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में ‘फ्री मलेरिया’ की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़

स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि अब फोकस लक्षणरहित मामलों की पहचान पर है, ताकि संक्रमण पूरी तरह रोका जा सके.

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रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने मलेरिया उन्मूलन के लिए एक और निर्णायक अभियान की शुरुआत की है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ का 12वां चरण शुरू किया गया है, जो न केवल प्रभावशाली रणनीति का उदाहरण है, बल्कि जनस्वास्थ्य की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. 25 जून से शुरू हुए इस चरण के अंतर्गत राज्य के 10 जिलों में गहन जांच, त्वरित उपचार और व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया गया.

अब तक 19,402 घरों का सर्वेक्षण किया गया, 98,594 लोगों की रक्त जांच हुई, इनमें से 1,265 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए. सभी संक्रमितों को मौके पर ही दवा की पहली खुराक दी गई — पहले स्थानीय भोजन देकर, ताकि दवा का प्रभाव सुरक्षित और असरदार रहे. प्रत्येक मरीज को उपचार कार्ड भी दिया गया, जिससे इलाज का नियमित फॉलोअप संभव हो सके.

बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में 2015 की तुलना में 71% की गिरावट दर्ज की गई है. राज्य का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) भी 27.40 से घटकर 7.11 तक आ गया है, जो बताता है कि छत्तीसगढ़ मलेरिया नियंत्रण में सफलता की ओर बढ़ चुका है.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, “यह लड़ाई अब केवल इलाज की नहीं, रणनीति और जनसहभागिता की है. हमारा लक्ष्य है — 2027 तक ‘शून्य मलेरिया’ और 2030 तक ‘पूर्ण मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़’ — और हम इसे सिर्फ कागजों में नहीं, जमीनी सच्चाई में बदल रहे हैं.”

स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि अब फोकस लक्षणरहित मामलों की पहचान पर है, ताकि संक्रमण पूरी तरह रोका जा सके.

उन्होंने कहा, “हर संक्रमित तक पहुंचना, समय पर इलाज करना और भविष्य में संक्रमण की कोई संभावना न रह जाए — यही हमारी प्राथमिकता है.”

अभियान में मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पंचायत प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भूमिका रही. लोगों को मच्छरदानी के उपयोग, जलजमाव रोकने और सफाई रखने जैसे व्यवहारिक उपायों के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शिता और राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण यह प्रयास न केवल राज्य को मलेरिया मुक्त बनाने में मददगार होगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणादायक मॉडल साबित होगा.

आने वाले वर्षों में यह अभियान देशभर में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार का उदाहरण बन सकता है.

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