बलूचिस्तान: बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने बलूचिस्तान में हथियारबंद सिलसिलेवार हमलों की ज़िम्मेदारी ली है. द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, BLF ने “ऑपरेशन बाम” की “सफल समाप्ति” की घोषणा की है, जिसमें दो दिनों के भीतर 84 समन्वित हमले किए गए.
शुक्रवार शाम को जारी एक बयान में BLF के प्रवक्ता मेजर ग्वाहराम बलोच ने कहा कि ये हमले 9 जुलाई से 11 जुलाई के बीच हुए और इनमें पाकिस्तानी सेना के जवानों, खुफिया एजेंसियों के एजेंटों और अहम सरकारी ढांचों को निशाना बनाया गया.
द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, BLF का दावा है कि इन हमलों में पाकिस्तान आर्मी और फ्रंटियर कोर के कम से कम 50 जवान मारे गए और 51 से अधिक घायल हुए। संगठन ने यह भी कहा कि मुसाखेल इलाके में एक चौकी पर 9 कथित खुफिया एजेंटों को मार डाला गया.
BLF ने अपने अभियानों का विवरण देते हुए बताया कि उसने 30 से अधिक सीधे हमले किए, जिनमें 4 घात लगाकर किए गए हमले शामिल हैं. इन हमलों में पाकिस्तान आर्मी, मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI), इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI), पुलिस, लेवीज़ और कस्टम्स बलों को निशाना बनाया गया. साथ ही 25 वाहनों को नष्ट या बेकार कर दिया गया, जिनमें गैस टैंकर और खनिज ले जाने वाले ट्रक शामिल हैं.
संगठन ने 7 मोबाइल टावरों को आग लगाने, 5 निगरानी ड्रोन गिराने और एक सरकारी बस व एक स्थानीय बैंक को नुकसान पहुंचाने का भी दावा किया है.
इस अभियान के हिस्से के रूप में, BLF ने मकरान, रक़्शान, सरावान, झालावान, कोह-ए-सुलेमान, बेला और कच्छी जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में 22 अस्थायी चौकियां स्थापित कीं, जिन पर थोड़े समय के लिए नियंत्रण कायम करते हुए हथियार भी कब्जे में लिए गए.
एक अन्य बयान में BLF ने “ऑपरेशन बाम” को अपने सैन्य सिद्धांत में “रणनीतिक बदलाव” बताया, जिसका उद्देश्य “उपनिवेशी प्रशासनिक ढांचे को पंगु बनाना” है, जिसे उसने “पंजाबी-शासित पाकिस्तानी राज्य” कहा.
द बलूचिस्तान पोस्ट के हवाले से दिए गए बयान में दावा किया गया है कि पाकिस्तान अब बलूचिस्तान पर न तो हिंसा, न ही प्रचार और न ही संसदीय लोकतंत्र का भ्रम फैलाकर नियंत्रण बनाए रख सकता है. इसमें राज्य द्वारा बलूचिस्तान के संसाधनों के शोषण और उसके लोगों के हाशिए पर जाने की निंदा की गई, जिसे “पंजाबी साम्राज्यवाद और फासीवाद” कहा गया.
BLF ने चेतावनी दी, “बलूचिस्तान अब उस परजीवी राज्य को सुनहरे अंडे देने वाला नहीं रहेगा,” और कहा कि अगर दमन जारी रहा, तो “इसके और गंभीर परिणाम होंगे.”
संगठन ने ऑपरेशन बाम को “राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन में एक मील का पत्थर” बताया और इसे संगठित प्रतिरोध के एक नए चरण की शुरुआत कहा.
यह खबर ANI एजेंसी ली गई है.
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