रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का स्पष्ट संदेश बताया है. सरकार का कहना है कि उनका उद्देश्य प्रदेशवासियों को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है.
निलंबित अधिकारियों पर 2019 से 2023 के बीच 88 करोड़ रुपये की अवैध कमाई और संपत्ति बनाने के आरोप हैं. EOW और ACB जांच में सामने आया कि यह घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के ज़रिये चलाया जा रहा था.
सरकार ने आबकारी उपायुक्तों सहित जिला आबकारी अधिकारियों और सहायक आयुक्तों पर कार्रवाई की है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “यह घोटाला पिछली सरकार के वक्त हुआ था. हमारी सरकार दोषियों को नहीं बख्शेगी. प्रदेश में अब भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है.”
सरकार शराब घोटाले के अलावा डीएमएफ, महादेव सट्टा एप और तेंदूपत्ता घोटालों की भी जांच कर रही है. पिछले दो सालों में ACB ने 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा है.
सरकार ने PSC-2021 परीक्षा में अनियमितताओं की CBI जांच कराई है, जिसमें तत्कालीन चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया. भारतमाला और CGMSC घोटालों की जांच भी EOW को सौंपी गई है.
इसके अलावा, कई सुधारों के तहत शराब पर होलोग्राम, ई-ऑक्शन, सिंगल विंडो सिस्टम, जेम पोर्टल से खरीद जैसे कदम उठाए गए हैं.
सीएम साय ने कहा, “जनता को पारदर्शी प्रशासन देना ही सरकार की प्राथमिकता है. कार्रवाई में किसी का भी रुतबा नहीं देखा जाएगा.”