केरल: मंगलवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं को केरल विश्वविद्यालय परिसर में राज्यपाल राजेंद्र विष्णनाथ आर्लेकर के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर राज्यपाल के खिलाफ नारेबाज़ी की और विश्वविद्यालयों के ‘भगवाकरण’ का आरोप लगाया. पुलिस ने हालात को काबू में लाने की कोशिश की। विज़ुअल्स में दिखा कि पुलिस के अधिकारी सुरक्षा उपकरणों के साथ एसएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले रहे थे, जबकि प्रदर्शनकारी नारेबाज़ी कर रहे थे.
इस दौरान माकपा विधायक एम. वी. गोविंदन भी विश्वविद्यालय कैंपस पहुंचे.
विवाद की शुरुआत तब हुई जब SFI ने केरल विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में ‘भारत माता’ की तस्वीर के इस्तेमाल का विरोध किया. प्रदर्शनकारी उपकुलपति मोहनन कुनुम्मल को निलंबित किए जाने से भी नाराज़ थे. 2 जुलाई को राज्यपाल ने केरल डिजिटल विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सीज़ा थॉमस को केरल विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया था.
राज्यपाल आर्लेकर ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “राज्यपाल ने कुलाधिपति के रूप में आदेश दिया है कि डॉ. सीज़ा थॉमस, कुलपति, केरल डिजिटल विश्वविद्यालय, 3 से 8 जुलाई 2025 तक केरल विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्य करेंगी.”
पिछले महीने, एसएफआई कार्यकर्ताओं ने कन्नूर विश्वविद्यालय में भी एक आदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया था. उस आदेश में कथित राष्ट्रविरोधी सामग्री पर नज़र रखने के लिए विशेष समिति गठित की गई थी, जिसका सिंडिकेट सदस्यों ने विरोध किया था। बाद में विरोध के कारण आदेश वापस ले लिया गया.
सिंडिकेट बैठक के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासनिक कार्यालय के बाहर भी तनाव फैल गया. एसएफआई कार्यकर्ताओं ने “यह शाखा नहीं, विश्वविद्यालय है” जैसे बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया और कार्यालय में घुसने की कोशिश की, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई.
सिंडिकेट के ज़्यादातर सदस्यों ने कुलपति के. के. साजू के आदेश का विरोध किया, जिसके बाद कुलपति ने बैठक में आदेश वापस लेने की घोषणा की.
यह खबर ANI एजेंसी से ली गई है.
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