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गुरूवार, 26 जून, 2025
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हिमाचल में मानसून का कहर: पनबिजली प्रोजेक्ट पर काम कर रहे 20 मजदूरों के बाढ़ में बह जाने की आशंका

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और कुछ दूसरे जिलों में भारी नुकसान हुआ है. इस वजह से अब पर्यावरण की जिम्मेदारी और आपदा से निपटने की तैयारी को लेकर तुरंत कदम उठाने की ज़रूरत महसूस की जा रही है.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में बुधवार को मूसलाधार बारिश और बादल फटने से अफरा-तफरी मच गई, जिसका खानियारा, धर्मशाला के पास इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना (आईपीएचपी) को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा.

कांगड़ा के डिप्टी कमिश्नर हेमराज बैरवा ने बताया कि मिनी-हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में काम कर रहे 20 से ज्यादा मजदूरों के मनुनी खड्ड में अचानक आई बाढ़ में बह जाने की आशंका है, जिनमें से दो के शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं. हालांकि, आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा है.

कुल्लू और कुछ दूसरे जिलों में भारी नुकसान हुआ है. बचाव अभियान जारी रहने के साथ ही अब पर्यावरण की जिम्मेदारी और आपदा से निपटने की तैयारी को लेकर तुरंत कदम उठाने की ज़रूरत महसूस की जा रही है.

25 जून को दोपहर करीब 2 बजे भारी बारिश और आस-पास के नालों से बहकर आए पानी के कारण मनुनी खड्ड में अचानक पानी बढ़ गया, जिससे कांगड़ा जिले में आईपीएचपी साइट पर मजदूर कॉलोनी जलमग्न हो गई.

बारिश के कारण प्रोजेक्ट पर काम रोक दिया गया, इसलिए करीब 280 मजदूर अस्थायी आश्रयों में आराम कर रहे थे. लगभग 260 लोगों को बचा लिया गया है.

बैरवा ने कहा, “बचाव दल इलाके की तलाशी ले रहे हैं और हम लापता लोगों की सही संख्या जानने के लिए उनकी संख्या की पुष्टि कर रहे हैं.”

जम्मू-कश्मीर के डोडा के एक मजदूर, प्रत्यक्षदर्शी दया किशन ने स्थानीय मीडियाकर्मियों को इस भयावह मंज़र के बारे में बताया: “हम 28 लोग थे, जब पानी बढ़ने लगा तो कुछ लोग दोपहर का खाना खा रहे थे. जब तक हम सड़क पर पहुंचे, तब तक बहाव बहुत तेज़ हो गया था. हमने दूसरों को चेतावनी देने की कोशिश की, लेकिन बहाव बहुत तेज़ हो गया.”

पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और स्थानीय प्रशासन खड्ड और आसपास की पहाड़ियों पर तलाशी अभियान चला रहे हैं.

स्थानीय पंचायत प्रधान अमर सिंह ने हाइड्रो कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि कंपनी ने मलबा खड्ड में फेंका और पेड़ों की कटाई की, जिससे पानी के बहाव का रास्ता बदल गया और बाढ़ का असर और भी ज्यादा बढ़ गया।

सिंह ने दिप्रिंट से कहा, “हमने ये मुद्दा पहले ही प्रशासन के सामने उठाया था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.”

इससे पहले भी इसी जगह बाढ़ में मशीनें और ट्रक बह गए थे, जिससे साफ होता है कि यहां बार-बार खतरा बना रहता है. धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने अंदाज़ा लगाया कि करीब 15-20 मजदूर पानी में बह गए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इस हादसे पर दुख जताया और राहत कार्यों में मदद का भरोसा दिया.

हिमाचल प्रदेश में तबाही

मानसून का प्रकोप कांगड़ा से आगे तक फैल गया, कुल्लू जिले में जीवा नाला (सैंज घाटी), हुरला नाला (गरसा घाटी) और होरांगद (बंजार क्षेत्र) में बादल फटने की तीन पुष्ट घटनाओं के कारण भारी नुकसान की सूचना मिली है.

कुल्लू में जब लोग अपना सामान बचाने की कोशिश कर रहे थे, तभी तेज बहाव में कम से कम तीन लोग बह गए. इस बाढ़ से सड़कों, पुलों और बाकी बुनियादी सुविधाओं को भी काफी नुकसान हुआ है.

कुल्लू जिले में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में बह जाने के बाद क्षतिग्रस्त वाहन, हिमाचल प्रदेश, 25 जून, 2025 | फोटो: पीटीआई
कुल्लू जिले में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में बह जाने के बाद क्षतिग्रस्त वाहन, हिमाचल प्रदेश, 25 जून, 2025 | फोटो: पीटीआई

कुल्लू में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. आठ गाड़ियां, 10 छोटी पुलियां और एक बिजली परियोजना बर्बाद हो गई है. मणिकरण घाटी में एक अस्थायी पुल टूट गया, जिससे बालाधी गांव बाकी इलाकों से कट गया है. करीब 2,000 से ज्यादा पर्यटक अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं और औट-लुहरी-सैंज हाईवे बंद पड़ा है.

बंजार इलाके में बाढ़ ने एक सरकारी स्कूल, खेतों और एक गौशाला को नुकसान पहुंचाया है.

लाहौल और स्पीति में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे काज़ा-समदोह रोड समेत कई सड़कें बंद हो गई हैं.

राज्य की बड़ी नदियां जैसे ब्यास और सतलुज पूरे उफान पर हैं, जिससे आगे और नुकसान का खतरा बढ़ गया है. कई जगहों पर पानी की सप्लाई भी बाधित हो गई है. हालात को देखते हुए सरकार ने नदियों के किनारे पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है और कुल्लू, बिलासपुर व ऊना जिलों में सभी वॉटर स्पोर्ट्स को फिलहाल बंद कर दिया गया है.

मौसम पूर्वानुमान और अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में 29 जून तक भारी से बहुत भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

कुल्लू, शिमला और सोलन में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. 1 जुलाई तक पूरे राज्य में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में 26 जून तक हल्की से मध्यम बारिश का खतरा है.

पालमपुर में मंगलवार से 145.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है, इसके बाद जोगिंदरनगर (113 मिमी) और धर्मशाला (54.1 मिमी) में बारिश दर्ज की गई है. IMD ने भूस्खलन और अचानक बाढ़ के जोखिम का हवाला देते हुए निवासियों से नदियों और निचले इलाकों से बचने का आग्रह किया है.

पर्यावरण और व्यवस्था से जुड़ी चिंताएं

इस आपदा ने फिर से दिखा दिया है कि जलविद्युत परियोजनाएं हिमाचल की नाज़ुक पर्यावरण व्यवस्था पर कितना बुरा असर डाल रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों में मलबा फेंकना, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और बिना योजना के बनाई गई सड़कों और इमारतों से बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ रहा है.

2022 में राज्य की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पूरे हिमाचल के सभी 77 ब्लॉक भूस्खलन की चपेट में हैं. इसकी बड़ी वजह कंक्रीट का बढ़ता इस्तेमाल और जंगलों का कम होना है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अब पहाड़ गर्म हो रहे हैं और मानसून भी अनियमित हो गया है, जिससे बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं.

राज्य में भले ही आपदा प्रबंधन के लिए कंट्रोल रूम और सिस्टम बने हुए हैं, लेकिन बाढ़ जैसी बड़ी आपदाओं से निपटना अब भी मुश्किल हो रहा है. ये हालात 2023 की मानसून तबाही की याद दिलाते हैं, जिसमें करीब 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

राहत कार्य जारी हैं

सरकार ने बचाव और राहत के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें तैनात की हैं. राहत शिविर चालू हैं और ज़रूरी सामान लोगों तक पहुंचाया जा रहा है.

प्रशासन फंसे हुए पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में रुकावट आ रही है. लोगों से अपील की गई है कि वे पहाड़ी इलाकों और नदियों के पास न जाएं. मदद के लिए आपातकालीन नंबर जारी किए गए हैं.

राज्य सरकार ने केंद्र से भी मदद मांगी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर राहत और बचाव कार्यों में सहयोग के लिए समन्वय कर रहे हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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