नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा कि ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम(ईईएफ) भारत और रूस के बीच घनिष्ठ और परस्पर लाभकारी सहयोग विकसित करने की अपार क्षमता मुहैया कराता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से रूस के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे, जहां वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर मुख्य अतिथि के तौर पर पांचवें ईईएफ में शामिल होंगे. मोदी इसके अलावा राष्ट्रपति पुतिन के साथ 20वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा है, ‘दोनों देशों के बीच ‘विशेष संबंध’ है और दौरे के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में संबंध विकसित करने पर जोर दिया जाएगा.’
मोदी ने लिखा, ‘रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र का भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर दौरा करना हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंधों में विविधता लाने व इसे और मजबूत करने की महत्ता को रेखांकित करता है.’
मोदी ने कहा, ‘दोनों देश रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के शांतिपूर्वक इस्तेमाल जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सहयोग करते हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी मजबूत साझेदारी एक बहुध्रुवीय दुनिया को आगे बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है और दोनों देश इस दिशा में क्षेत्र और बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोगी हैं. मैं अपने दोस्त व्लादिमीर पुतिन के साथ हमारी द्विपक्षीय साझेदारी के सारे पहलुओं और आपसी हित के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय हितों पर चर्चा करने की उम्मीद करता हूं.’
मोदी बुधवार सुबह व्लादिवोस्तोक पहुंचेंगे और दिन की शुरुआत 20वें वार्षिक भारत और रूस सम्मेलन में भाग लेकर करेंगे. दोनों देशों के नेताओं के बीच खाड़ी और अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है.
मोदी और पुतिन उसके बाद रूस के प्रमुख जहाज निर्माण यार्डो में से एक यार्ड का दौरा करेंगे.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘रूस में, मैं जवेजडा जहाज निर्माण परिसर का भी दौरा करूंगा. यह जहाज निर्माण क्षेत्र में रूस की उल्लेखनीय क्षमता को सीखने और साथ ही इस क्षेत्र में सहयोग की संभावना तलाशने का भी अवसर मुहैया कराएगा.’
इस बात की भी संभावना है कि प्रधानमंत्री ईईएफ बैठक में शामिल होने वाले नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करें.
उन्होंने कहा, ‘फोरम का उद्देश्य रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में व्यापार और निवेश के अवसरों का विकास करना है.’
प्रधानमंत्री के गुरुवार को भारत लौटने से पहले, मोदी और पुतिन एक प्रमुख जूडो चैंपियनशिप में भाग लेंगे.