अहमदाबाद: सोमवार को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ने पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का शव उनके परिवार को सौंप दिया. रूपाणी की मौत पिछले हफ्ते एयर इंडिया विमान दुर्घटना में हो गई थी.
उनके बेटे ऋषभ रूपाणी सुबह 11:17 बजे अस्पताल के शवगृह पहुंचे. सभी जरूरी प्रक्रिया के बाद उन्हें 11:30 बजे शव सौंपा गया. इस दौरान उनके परिवार के सदस्य, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अहमदाबाद प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
पूर्व मुख्यमंत्री के शव को तिरंगे में लपेटा गया और शवगृह के बाहर गुजरात पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
भाजपा के राज्य इकाई के कार्यकर्ताओं ने शव को अहमदाबाद एयरपोर्ट तक पहुंचाया, जहां से उसे राजकोट ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार किया जाना था.

कार्यक्रम के अनुसार, विजय रूपाणी का शव दोपहर करीब 2:30 बजे राजकोट पहुंचना था और 4 बजे उनके निवास स्थान पर ले जाया जाना था.
उनका शव एक घंटे के लिए दर्शन के लिए रखा जाना था और फिर शाम 5 से 6 बजे के बीच रामनाथ पारा श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाना था.
रविवार को गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने पुष्टि की थी कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में डीएनए मैच के बाद विजय रूपाणी की पहचान की गई.
मुख्यमंत्री एयर इंडिया 171 फ्लाइट में अहमदाबाद से लंदन जा रहे थे, जिसमें कुल 242 यात्री और चालक दल के सदस्य थे. उड़ान भरने के एक मिनट बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जा गिरा, जो एयरपोर्ट से 2 किलोमीटर दूर है. विमान में सवार सभी लोग, एक ब्रिटिश नागरिक को छोड़कर, मारे गए. शुक्रवार को विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, जिसे इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए डिकोड किया जा रहा है.
अब तक विमान और हॉस्टल से 270 शव बरामद किए गए हैं. अहमदाबाद सिविल अस्पताल में डीएनए टेस्ट के जरिए शवों की पहचान की जा रही है.
घटना के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे और विजय रूपाणी के परिवार से मुलाकात की.

सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए ऋषभ ने कहा, “यह समय सिर्फ हमारे परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उन 270 परिवारों के लिए भी दुखद है. मैं पुलिस, आरोग्य विभाग, सिविल डिफेंस, फायर सर्विस और आरएसएस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस हादसे में सराहनीय प्रयास किए. मैं प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य नेताओं का भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने न केवल हमारे परिवार का, बल्कि सभी पीड़ित परिवारों का साथ दिया.”
“मेरे पिता ने अपने 50-55 वर्षों के राजनीतिक जीवन में कई लोगों के जीवन को छुआ. आज वे सभी लोग हमारे साथ खड़े हैं. पंजाब से भी कई पार्टी कार्यकर्ता शोक व्यक्त करने आ रहे हैं.”

गुजरात सरकार ने 16 जून को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया.
अहमदाबाद और राजकोट में पूर्व मुख्यमंत्री के कई पोस्टर लगाए गए, जिनमें से कुछ में उनके विनम्र स्वभाव और उनके पार्टी कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री बनने की राजनीतिक यात्रा का उल्लेख था.
रूपाणी ने गुजरात में भाजपा को कई कठिन दौरों से निकाला, जिसमें पाटीदार आरक्षण आंदोलन भी शामिल था. 2016 में उन्हें मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था, जिन्हें आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के लिए जाना गया.
अगले साल, रूपाणी ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाई, जिसमें कांग्रेस का दबाव और पाटीदार आंदोलन की नाराजगी झेलनी पड़ी जैसा कि दिप्रिंट ने रिपोर्ट किया था. उस समय भाजपा को 182 में से 99 सीटें मिलीं, जो अब तक की सबसे कम थीं, लेकिन बहुमत के लिए काफी थीं. इसके बाद रूपाणी फिर से मुख्यमंत्री बने.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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