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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
होमदेशसरकार ने एयर इंडिया प्लेन क्रैश की दोहरी जांच की घोषणा की—एक तकनीकी और दूसरी अधिक व्यापक

सरकार ने एयर इंडिया प्लेन क्रैश की दोहरी जांच की घोषणा की—एक तकनीकी और दूसरी अधिक व्यापक

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा है कि भारत के बोइंग 787 बेड़े की निगरानी शुरू हो गई है और एयर इंडिया को बीमा वितरण में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है.

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नई दिल्ली: अहमदाबाद में एयर इंडिया फ्लाइट 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के 48 घंटे बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को इस हादसे की दो तरफा जांच की घोषणा की—एक तकनीकी जांच एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है, जबकि एक उच्चस्तरीय समिति भी बनाई गई है जो दुर्घटना से जुड़ी सभी संभावनाओं की जांच करेगी. यह समिति 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि शुक्रवार को डीजीसीए के निर्देश के अनुसार एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों की जांच भी की जाएगी. भारत में मौजूद 34 ड्रीमलाइनर में से 8 की जांच पहले ही की जा चुकी है.

मीडिया से बात करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिंहा ने भी दुर्घटना की समयरेखा की पुष्टि की—यह फ्लाइट 1.39 बजे तय समय पर उड़ी थी, लेकिन कुछ ही सेकंड में मेडे कॉल दे दी गई क्योंकि विमान 650 फीट तक पहुंचने के बाद तेजी से ऊंचाई खोने लगा. एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा संपर्क साधने की कोशिशों का कोई जवाब नहीं मिला. 1.40 बजे तक विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से सिर्फ 2 किमी दूर मेघाणी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से लंदन जा रहे इस बोइंग 787-8 विमान में कुल 242 लोग सवार थे—जिसमें से 241 की मौत हो गई. इस विमान के बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल मेस पर गिरने के कारण जमीन पर भी कई लोगों की मौत हुई, जिससे कुल मौतों का आंकड़ा 270 पहुंच गया.

शुक्रवार शाम 5 बजे ब्लैक बॉक्स हॉस्टल मेस की छत से बरामद किया गया.

गुजरात में डीएनए सैंपल निकालने, प्रोफाइलिंग करने और मिलान की प्रक्रिया चल रही है. नायडू ने दिप्रिंट को बताया कि एयर इंडिया को मृतकों के परिवारों को बीमा राशि जल्दी देने के निर्देश भी दिए गए हैं.

मंत्री ने कहा, “हमने कहा है कि यह प्रक्रिया परिवारों के लिए आसान और तेज़ होनी चाहिए.”

उन्होंने यह भी बताया कि जांच पहले ही दिन से शुरू हो गई थी. “ब्लैक बॉक्स यह समझने में मदद करेगा कि विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले आखिरी क्षणों में क्या हुआ,” उन्होंने कहा. उन्होंने यह भी कहा कि जांच की प्रक्रिया अपेक्षा से तेज़ी से आगे बढ़ी है.

हादसे के बाद गुरुवार दोपहर 2.30 बजे रनवे को बंद कर दिया गया था, और शाम 5 बजे अन्य फ्लाइट्स के लिए फिर से खोल दिया गया. मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के तीन घंटे के भीतर सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे और शाम 5 बजे तक आग पर लगभग पूरी तरह से काबू पा लिया गया था.

नायडू ने कहा, “गुजरात सरकार ने राहत दल भेजे हैं जो आग बुझाने, मलबा हटाने और शव निकालने का काम कर रहे हैं. AAIB की टीम ने तुरंत जांच शुरू कर दी.”

दोहरी जांच

जांच के बारे में बात करते हुए, मंत्री नायडू ने कहा कि एएआईबी (विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो) की तकनीकी जांच चल रही है और डिजिटल फ्लाइट वीडियो रिकॉर्डर को डिकोड करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. उन्होंने बताया कि एएआईबी की यह जांच एक बहुविषयी टीम करेगी, जिसमें मेडिकल और फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.

वहीं दूसरी तरफ, पहली बार एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है—जो 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. यह समिति हादसे से जुड़ी सभी संभावित वजहों की जांच करेगी, स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP), सुरक्षा मानकों की समीक्षा करेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए दिशानिर्देश तैयार करेगी.

यह समिति केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में काम करेगी और इसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय वायु सेना, गुजरात गृह विभाग, राज्य आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के अधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा इसमें नागरिक उड्डयन ब्यूरो के सदस्य, खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक और अन्य विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, ताकि समग्र दृष्टिकोण मिल सके.

यह समिति सोमवार को अपनी पहली बैठक करेगी.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एयर इंडिया ने एक्स पर बताया कि वह DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत बोइंग 787 विमान की एक बार की सुरक्षा जांच पूरी कर रही है.

बयान में कहा गया, “ये जांच उन विमानों पर की जा रही हैं जो भारत लौट रहे हैं, और इसके बाद ही उन्हें अगली उड़ान के लिए मंजूरी दी जा रही है. एयर इंडिया अब तक बोइंग 787 विमानों में से 9 की जांच पूरी कर चुकी है और बाकी 24 की जांच नियामक द्वारा तय समयसीमा के अंदर पूरी करने के रास्ते पर है. कुछ मामलों में इन जांचों के कारण लंबा टर्नअराउंड टाइम लग सकता है और खासकर उन लंबी दूरी की उड़ानों में देरी हो सकती है, जो ऐसे हवाईअड्डों पर जाती हैं जहां उड़ान संचालन के लिए समय सीमा होती है…”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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