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Wednesday, 5 March, 2025
होमदेशराजस्थान के बिजयनगर में कैसे एक ‘धर्मांतरण रैकेट’ ने सांप्रदायिक अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया

राजस्थान के बिजयनगर में कैसे एक ‘धर्मांतरण रैकेट’ ने सांप्रदायिक अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया

राजस्थान के बिजयनगर में पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के परिवार के सदस्यों ने मुस्लिम लड़कों और पुरुषों द्वारा नाबालिग हिंदू लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के आरोपों से इनकार किया है.

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अजमेर: राजस्थान के बीचोबीच बसा बिजयनगर एक साधारण सा शांत कस्बा था, लेकिन 16 फरवरी को यह बदलने वाला था. अब यहां ‘धर्म परिवर्तन रैकेट’ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं, जिससे स्थानीय हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव खुलकर सामने आ गया है.

बीते सप्ताह बिजयनगर के लिए बिल्कुल अलग रहा. हिंदुत्व संगठन सकल हिंदू समाज ने बिजयनगर और अजमेर में बंद का आह्वान किया, वकीलों ने अदालत परिसर में आरोपियों को पीटने की कोशिश की, और जिला प्रशासन ने कब्रिस्तान के गेट बंद कर दिए. साथ ही, एक मस्जिद को अतिक्रमण बताते हुए उसे नोटिस भी जारी कर दिया.

शनिवार को हिंदुत्व संगठनों ने अजमेर में ‘आक्रोश’ रैली निकाली और मामले की सीबीआई जांच की मांग की. साथ ही, राजस्थान सरकार से उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ‘योगी मॉडल’ लागू करने की अपील की—जिससे मुस्लिम परिवारों में डर का माहौल बन गया है. अब वे आशंकित हैं कि कहीं उनके घरों पर भी बुलडोजर न चल जाए.

पूरा विवाद 16 फरवरी की रात 9:30 बजे से 11 बजे के बीच बिजयनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई तीन एफआईआर से जुड़ा है. इन एफआईआर में 13 मुस्लिम लड़कों और पुरुषों, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं, पर पांच हिंदू नाबालिग लड़कियों को ब्लैकमेल करने, यौन शोषण करने और जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.

सभी लड़कियां कक्षा 10 की छात्राएं हैं और एक ही स्कूल में पढ़ती हैं.

Bijainagar police station | Bismee Taskin | ThePrint
बिजयनगर पुलिस स्टेशन | बिस्मी तस्कीन | दिप्रिंट

पुलिस ने एफआईआर से जुड़े मामले में 10 वयस्कों (एडल्ट) को गिरफ्तार किया है और 3 नाबालिगों को हिरासत में लिया है. गिरफ्तार लोगों में एक पूर्व पार्षद और दो हिंदू पुरुष भी शामिल हैं, जो पुलिस के अनुसार उस कैफे के मालिक हैं, जहां कथित यौन शोषण हुआ था.

पुलिस अधिकारियों ने दिप्रिंट को पुष्टि की कि आरोपियों में से किसी का भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. इनमें से कम से कम छह आपस में रिश्तेदार हैं, अधिकतर बिजयनगर के तारों का खेड़ा और राज नगर के निवासी हैं, और पेंटिंग, वेल्डिंग जैसे छोटे-मोटे काम करके गुजारा करते हैं.

इधर, दिप्रिंट से बात करने वाले कुछ आरोपियों के परिवारों ने एफआईआर में लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उनका दावा है कि उन्हें धर्म के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है.

 

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब राजस्थान में भाजपा सरकार ने विधानसभा में धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 पेश किया है. इस विधेयक को राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में मंजूरी दी थी. इसमें विभिन्न अपराधों के लिए अधिकतम 10 साल की सजा और 50,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इस सख्ती का कारण तथाकथित ‘लव जिहाद’ के मामलों में वृद्धि की चिंताओं को बताया जा रहा है.

‘लव जिहाद’ शब्द हिंदुत्व संगठनों द्वारा गढ़ा गया है, जो उन मामलों को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जहां मुस्लिम पुरुषों पर आरोप लगाया जाता है कि वे हिंदू महिलाओं से शादी कर उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर करते हैं.


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एक ‘पैटर्न’ और एक ‘साजिश’

पहली एफआईआर की कॉपी दिप्रिंट के पास है. इसके मुताबिक, बिजयनगर के एक निवासी ने पुलिस को बताया कि 15 फरवरी को उसने अपनी नाबालिग बेटी को रुकमन नाम के एक युवक से फोन पर बात करते हुए पकड़ लिया. पिता का दावा है कि यह फोन रुकमन ने ही उसकी बेटी को दिया था और वह इस मामले में अकेला आरोपी है.

आगे पिता ने आरोप लगाया कि रुकमन उनकी बेटी को बार-बार, लगभग 15-20 बार, कॉल कर मिलने का दबाव बना रहा था. उसने कथित तौर पर धमकी दी थी कि अगर लड़की नहीं मिली तो वह उसकी तस्वीरें वायरल कर देगा.

परिवार ने लड़की को रुकमन से मिलने भेजने का फैसला किया और खुद भी उसके साथ गए. वे तारों का खेड़ा इलाके में स्थित एक कब्रिस्तान पहुंचे, जहां हिंदू संगत समाज नाम के एक बिना रजिस्ट्रेशन वाले हिंदुत्व संगठन के सदस्यों ने रुकमन को घेर लिया.

इसके बाद, उन्होंने उसे पुलिस के हवाले कर दिया और शिकायत दर्ज कराई.

Sealed gate of burial ground where girl's family intercepted Rukman | Bismee Taskin | ThePrint
कब्रिस्तान का सीलबंद गेट जहां लड़की के परिवार ने रुक्मन को रोका | बिस्मी तस्कीन | दिप्रिंट

एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि रुकमन नाबालिग लड़की को जबरन कैफे में ले गया, अपनी पसंद के कपड़े पहनने के लिए दबाव डाला, शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की और उसे अपने दोस्तों से मिलने के लिए मजबूर किया. लड़की के माता-पिता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि रुकमन ने उसे रमज़ान के दौरान रोज़े रखने के लिए कहा और उसकी मांगें न मानने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी.

लेकिन लड़की के परिवार का दावा है कि बाद में उन्हें पता चला कि यह एक ‘पैटर्न’ था.

पहली एफआईआर के दो घंटे के भीतर ही दो और एफआईआर दर्ज की गईं—एक स्थानीय दलित व्यक्ति द्वारा और दूसरी पहली शिकायतकर्ता के भाई व दो अन्य ब्राह्मण समुदाय के लोगों द्वारा. इन एफआईआर में भी इसी तरह के आरोप लगाए गए.

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कम से कम चार अन्य नाबालिग हिंदू लड़कियों को भी मुस्लिम लड़कों द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था और उन्हें ब्लैकमेल किया गया. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अब तक ऐसे किसी भी आरोप का प्रमाण नहीं मिला है.

मसूदा डीएसपी सज्जन सिंह, जो इस मामले की निगरानी कर रहे हैं, ने दिप्रिंट को बताया, “आरोपियों ने अपने फोन का डेटा हटा दिया था. हमें अब तक कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है. डिवाइस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.”

डीएसपी सिंह ने पुष्टि की कि नाबालिग लड़कियों के बयान मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में दर्ज किए गए, जबकि आरोपियों ने हिरासत में पुलिस के सामने अपनी सफाई दी.

पुलिस के पास परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी हैं, जिनमें आरोपियों के फोन की लोकेशन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और गवाहों के बयान शामिल हैं.

इस कथित अपराध के पीछे मुख्य मकसद क्या हो सकता है, इस पर डीएसपी सिंह ने कहा, “वे (आरोपी) चाहते थे कि लड़कियां धर्म परिवर्तन कर लें.”

पुलिस के पास जिन नाबालिग लड़कियों के परिवारों ने शिकायत दर्ज कराई है, उनमें कम से कम दो ब्राह्मण समुदाय से और एक दलित समुदाय से हैं.

तीसरी एफआईआर दर्ज कराने वाली एक अन्य नाबालिग लड़की के पिता ने कहा कि पहले तो परिवारों को इसकी “बड़ी बात” का एहसास नहीं हुआ. “…लेकिन फिर उसने (आरोपी में से एक ने) खुलासा किया कि उन्हें हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन करने और उन्हें बेचने के लिए पैसे मिल रहे थे. उसने कहा कि ब्राह्मण लड़कियों की कीमत 20 लाख रुपये और दलित लड़कियों की कीमत 10 लाख रुपये है. फिर हमने पहली शिकायत दर्ज की.”

उन्होंने आरोप लगाया कि रुक्मण ने नाबालिग लड़की (जिसके पिता ने पहली एफआईआर दर्ज कराई थी) पर तब हमला किया जब उसने उससे “चीनी मोबाइल हैंडसेट लेने” से इनकार कर दिया. “उसके हाथ पर ब्लेड के निशान हैं; वह डरी हुई है. सर्दी का मौसम था. ये लड़के उन्हें कार में लेने आते थे, कैफ़े ले जाते थे.”

आरोपी द्वारा नाबालिग लड़कियों को उनकी निजी तस्वीरें या वीडियो इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हमें रुक्मण के फोन में कुछ तस्वीरें मिलीं और उन्हें हटा दिया गया.”

डीएसपी सिंह के अनुसार, आरोपी ने “लड़कियों को तब देखा होगा जब वे स्कूल जाती थीं.” उन्होंने कहा कि वे “इंस्टाग्राम पर भी जुड़े थे” और “लड़कियों को पता था कि लड़के और पुरुष मुस्लिम थे.”

Masuda DSP Sajjan Singh | Bismee Taskin | ThePrint
मसूदा डीएसपी सज्जन सिंह | बिस्मी तस्कीन | दिप्रिंट

“जांच में पता चला कि दो लड़कियों के साथ दो आरोपियों ने एक कैफे में यौन उत्पीड़न किया था. उनमें से एक पर दो मुस्लिम पुरुषों ने दो बार हमला किया था,” डीएसपी सिंह ने कहा, जबकि तीनों एफआईआर पोक्सो और बीएनएस की धाराओं के तहत दर्ज की गई हैं, चार्जशीट दाखिल होने के बाद प्रत्येक आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे. “अन्य आरोपियों को पता था कि क्या हो रहा था, वे लड़कियों को फोन आदि पहुंचाने में इन लड़कों की मदद करते थे. वे सभी इस साजिश का हिस्सा हैं. आगे की जांच जारी है.”

दूसरी एफआईआर में नाबालिग दलित लड़की के परिवार ने भी ऐसा ही दावा किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी एक “गिरोह” की तरह काम करते हैं.

‘सिर्फ इसलिए गलत है क्योंकि वह मुसलमान है’

नाजिया, जिसका भाई सोहैल आरोपी है, ने उसके खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह केवल नाबालिग दलित लड़की का दोस्त था.

“मुझे पता था कि सोहैल उस हिंदू लड़की से बात कर रहा था. वे सितंबर से एक-दूसरे से बात कर रहे थे और उसने मुझे उनकी एक साथ ली गई तस्वीर भी दिखाई थी. वह अकेली लड़की थी जिससे वह कभी बात करता था. सिर्फ इसलिए कि वह मुसलमान है, उसे गलत ठहराया जा रहा है. हर कोई उसे बलात्कारी कह रहा है. हम इस तरह कैसे जिएंगे?”

जब सोहैल पर लड़की का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा, तो नाजिया ने पलटकर कहा, “उसे तो यह भी नहीं पता कि नमाज़ में कौन-से कलमे पढ़े जाते हैं.”

नाजिया ने दिप्रिंट को यह भी बताया कि उनका परिवार लड़की के परिवार को अच्छी तरह जानता था.

“मैं उसी ऑफिस में काम करती हूं, जहां उसके चाचा भी काम करते हैं. हमें समझ नहीं आ रहा कि उन्होंने धर्म परिवर्तन का आरोप क्यों लगाया.”

उन्होंने आगे बताया कि लड़की के परिवार ने फरवरी की शुरुआत में सोहैल से बात करने से मना कर दिया था.

“लेकिन हमें नहीं पता कि इसके बाद भी वे बात कर रहे थे या नहीं.”

हालांकि, लड़की के चाचा, जो उसके अभिभावक भी हैं, ने इस दावे से इनकार किया कि उन्हें उसकी सोहैल से दोस्ती के बारे में जानकारी थी.

वहीद रहमान, जिनका बेटा जावेद भी आरोपी है, ने बताया कि जावेद जयपुर से एफआईआर दर्ज होने से 7-10 दिन पहले ही लौटा था.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “ये लड़कियां और कुछ लड़के दोस्त थे और अब हमारे बेटों को निशाना बनाया जा रहा है.”

जावेद, सोहैल, रेहान और आशिक—चारों चचेरे भाई हैं.

रेहान के चाचा शाफे मोहम्मद ने अपने भाई चांद मोहम्मद के घर के बाहर एक गिराए गए चबूतरे की ओर इशारा करते हुए दिप्रिंट को बताया, “आज उन्होंने हमारे घर की भी नापजोख कर ली. मेरा बेटा पूछताछ के लिए हिरासत में है. क्या वे अब सारे मुस्लिम लड़कों को उठा लेंगे? पांच लड़कों ने लड़कियों से बात की, और अब हमें जो सज़ा दी जा रही है, उसके बाद यहां कोई भी मुस्लिम लड़का सिर उठाकर नहीं चल पाएगा.”

Demolished platform outside the house of Chand Mohammed | Bismee Taskin | ThePrint
चांद मोहम्मद के घर के बाहर गिराया गया चबूतरा | बिस्मी तस्कीन | दिप्रिंट

रेहान की बहन ने आरोप लगाया कि हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के दखल के कारण झूठे बलात्कार और ब्लैकमेल के आरोप लगाए गए.

इस बीच, सोहैल की मां अफसाना ने भी अपनी बेटी नाजिया की बात का समर्थन किया.

“मैंने उससे कहा था कि अगर उसे शादी करनी है, तो मैं उसके लिए कोई मुस्लिम लड़की ढूंढ दूंगी. हमने उसे डांटा भी, लेकिन उसने कहा कि वे सिर्फ दोस्त हैं. अब तो ऐसा लगता है कि मुसलमान होना ही सज़ा बन गया है. जब हम यूपी में ‘लव जिहाद’ के मामले देखते थे, तो कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हम भी इसमें फंस जाएंगे.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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