नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने पर भारत और पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बाद इस्लामाबाद ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) तथा जम्मू एवं कश्मीर से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तत्काल दर्जन भर आतंकी शिविर फिर से सक्रिय कर दिए हैं.
वहीं दूसरी तरफ जम्मू जिला प्रशासन की ओर से हालात की समीक्षा किए जाने के बाद शनिवार को सीआरपीसी धारा 144 को हटा लिया गया है. वहीं स्कूल,कॉलेज भी खोल दिए गए हैं. अभी सूबे की हालात पर नजर रखी जा रही है, इसके मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद रखी गई हैं. बता दें धारा 144 को गत 5 अगस्त को लगाया गया था. जम्मू में बकरीद की तैयारियों को लेकर शनिवार को बाजार भी खुल गए हैं. लोग इस त्यौहार को शांतिपूर्ण तरीके से मना सके, इसके लिए सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं. जिला उपायुक्त जम्मू सुषमा चौहान के अनुसार हालात सामान्य है, जिससे धारा 144 हटाई गई है.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण ने कश्मीर में शांतिकारक प्रभाव डाला है. शांति की स्थिति बनी हुई है. त्योहार अच्छे से मनाने के लिए ईद से पहले कर्फ्यू में और आराम दिया जाएगा.
JAMMU: Schools have reopened in the city from today; visuals from Blooming Dale Public School and Sri Ranbir Model Higher Secondary School. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/AIQYwmAGUB
— ANI (@ANI) August 10, 2019
नापाक कोशिश में जुटा है पाक
पेरिस स्थित अंतरसरकारी संस्थान फाइनेंशियलएक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा दी गई मई 2019 तक की समयसीमा को देखते हुए लगभग पूरी तरह बंद हुए इन आतंकी शिविरों में पिछले सप्ताह के दौरान काफी ज्यादा गतिविधियां देखी गईं. शीर्ष खुफिया सूत्रों ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगे पीओके क्षेत्र के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में आतंकी शिविर प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तानी सेना के सहयोग से दोबारा सक्रिय हो गए हैं जिसे देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दो दिन पहले संसद के संयुक्त सत्र में बयान दिया था कि भारत में अब अगर पुलवामा जैसा हमला होता है तो इसके लिए इस्लामाबाद जिम्मेदार नहीं होगा. इमरान खान के बयान में प्रत्यक्ष तौर पर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) तथा पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के हैंडलर्स को प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड दोबारा सक्रिय करने के लिए खुली छूट दी गई है.
खुफिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि जेईएम, एलईटी और तालिबान के लगभग 150 सदस्य कथित तौर पर कोटली के निकट फागूश और कुंड शिविरों तथा मुजफ्फराबाद क्षेत्र में शवाई नल्लाह और अब्दुल्लाह बिन मसूद शिविरों में इकट्ठे हुए हैं.
खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अतहर भी पीओके क्षेत्र में देखा गया है.
रक्षा मंत्रालय में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि इस समय घाटी में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक अरविंद कुमार, जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे. एनएसए ने जम्मू एवं कश्मीर पर सरकार के साहसिक निर्णयों के बाद सुरक्षा रणनीति तथा सीमा पार से आतंकी खतरों पर चर्चा की.
(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)