भुवनेश्वर: बजरंग दल के करीब 50 सदस्यों ने गुरुवार रात ‘कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी’ (केआईआईटी) कैंपस के गेट पर हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन, जिन पर लिखा था, “भारत को बदनाम करने के लिए केआईआईटी यूनिवर्सिटी को शर्म आनी चाहिए” और “जय सिया राम” के नारे लगाए.
कड़ी सुरक्षा के बीच — ओडिशा पुलिस के जवान और स्विफ्ट एक्शन फोर्स के जवान गेट के बाहर तैनात थे — बजरंग दल के लोगों ने संस्थान के संस्थापक और पूर्व सांसद अच्युत सामंत की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और परिसर के प्रवेश द्वार पर उनका पुतला जलाया.
बजरंग दल ने सामंत पर भारत को ‘बदनाम’ करने का आरोप लगाया है. वायरल वीडियो में केआईआईटी के दो कर्मचारी नेपाल के स्टूडेंट्स को कैंपस में फटकार लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में कर्मचारियों को यह दावा करते हुए सुना जा सकता है कि केआईआईटी का 40,000 स्टूडेंट्स को मुफ्त में शिक्षा देने का वार्षिक बजट नेपाल के जीडीपी से ज़्यादा है.
स्टूडेंट्स ने कहा कि वह कैंपस में असुरक्षित महसूस करते हैं, कई लोगों ने टिप्पणी की कि वहां पुलिस “मज़ाक” कर रही थी.
दिप्रिंट द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त पिनाक मिश्रा ने पुष्टि की कि बजरंग दल के सदस्य कैंपस के अंदर नहीं आ पाए. उन्होंने कहा, “उन्हें मैन गेट पर रोक दिया गया था.”

बीटेक कंप्यूटर साइंस के थर्ड इयर की छात्रा प्रकृति लम्साल की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत के बाद से कैंपस में तनाव बहुत अधिक है.
नेपाल की नागरिक लम्साल ने 16 फरवरी को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद कैंपस में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. अगले दिन नेपाल के स्टूडेंट्स को कॉलेज छोड़ने के लिए कहा गया और कथित तौर पर कॉलेज अधिकारियों ने उन्हें हॉस्टल के कमरों से बाहर निकाल दिया.
बजरंग दल के सदस्य और पूर्व राज्य सुरक्षा प्रमुख हिमांशु भूषण दास ने दिप्रिंट से कहा, “लड़की (प्रकृति) न्याय की हकदार है. केआईआईटी में जो कुछ हुआ है, उसने नेपाल के साथ हमारे रिश्ते खराब कर दिए हैं. अच्युत्य सामंत अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को सुरक्षा प्रदान नहीं करने के लिए जिम्मेदार हैं.”
कूटनीतिक कार्रवाई
स्टूडेंट्स का दावा है कि उन्हें शहर भर के विभिन्न रेलवे स्टेशनों और बस स्टॉप पर अचानक उतार दिया गया, जिससे उन्हें घर जाने के लिए सामान पैक करने या तैयारी करने का वक्त नहीं मिला.
इस घटना के बाद नेपाल की ओर से कूटनीतिक कार्रवाई की गई, जिसमें नेपाल के सांसदों ने अपने स्टूडेंट्स के साथ किए गए व्यवहार की निंदा करते हुए इसे नेपाल के लोगों का अपमान बताया.
इस बीच, मामले की जांच कर रही ओडिशा सरकार की उच्च स्तरीय समिति के समक्ष पेश होने के लिए बुलाए जाने के बाद अच्युत सामंत छात्रावासों का दौरा कर रहे हैं और स्टूडेंट्स से क्लास में लौटने का आग्रह कर रहे हैं.
विश्वविद्यालय के अधिकारी उन नेपाली स्टूडेंट्स के भी संपर्क में हैं, जो कैंपस छोड़कर चले गए हैं और उनसे भी लौटने का आग्रह किया जा रहा है. अधिकारियों ने पैरेंट्स के साथ वीडियो कॉल की व्यवस्था की है, जिसमें उन्हें उनके बच्चों की सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है.
लेकिन स्टूडेंट्स ने दिप्रिंट को बताया कि वह कैंपस में वापस आने से बहुत डरते हैं. बीटेक (कंप्यूटर साइंस) के सेकंड इयर में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट के माता-पिता ने कहा, “वीडियो कॉल पर वह हमें बताते हैं कि हमारे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी, लेकिन अभी मैं उसे वापस नहीं भेजना चाहता.”
केआईआईटी ने नेपाल के स्टूडेंट्स को प्रवेश से रोकने वाले नोटिस के लिए माफी मांगी है.
केआईआईटी कैंपस में वर्तमान में एक नेपाली छात्र का अनुमान है कि 30-40 चौथे वर्ष के छात्र और 15 तीसरे वर्ष के छात्र बचे हैं, जबकि केवल 4-5 फर्स्ट और सेकंड इयर के स्टूडेंट्स अभी भी ओडिशा में हैं.
उन्होंने फोन पर दिप्रिंट से कहा, “बाकी सभी लोग वापस आने से बहुत डरे हुए हैं.”
नेपाली छात्र पर हमले के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और वह फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं.
इस बीच, मृतक छात्रा के कथित प्रेमी आद्विक श्रीवास्तव को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है और वह न्यायिक हिरासत में है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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