बदलाव की बयार राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में तेज़ी से और निर्णायक रूप से बही. स्कॉर्पियन्स का हिट गाना टॉर्नेडो जैसी भाजपा लहर को व्यक्त करता है: “Like a storm wind that will ring the freedom bell.” आज, दिल्लीवासियों को अपनी आज़ादी मिल गई है — कुप्रबंधन, झूठे वादों, नाटक और सबसे बढ़कर, एक भ्रष्ट नेता से. पिछले एक दशक से AAP के शासन में, दिल्ली रास्ता भटक गई थी. अब, शहर AAP-दा से मुक्त है — आम आदमी की राजनीति की AAP-दा — और उसके पीछे छोड़ी गई गंदगी.
जिस शहर में मैं पैदा हुई और जिसकी निस्वार्थ सेवा की, उसे AAP ने घुटनों पर ला दिया — कूड़े के पहाड़, खराब सड़कें, पीने लायक पानी और सांस लेने लायक हवा नहीं. फिर भी, AAP के नेता राष्ट्रीय राजनीति में अपना पैर पसारने में व्यस्त थे, उनके पास दिल्ली के विकास और चुनावी वादों को पूरा करने के लिए न तो समय था और न ही कोशिश. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण जीत हासिल की, जो 27 साल के वनवास के बाद राजधानी में सत्ता में वापसी का प्रतीक है — जैसा कि मैंने किसी को कहते सुना था.
आइए विश्लेषण करते हैं कि बीजेपी ने दिल्ली चुनावों में 70 में से 48 सीटें जीतकर क्लीन स्वीप क्यों किया. इस सफलता का श्रेय रणनीतिक प्रचार, सत्ता विरोधी भावनाओं का लाभ उठाने, प्रभावी नेतृत्व, संगठनात्मक ताकत और लक्षित मतदाता आउटरीच के संयोजन को दिया जा सकता है.
रणनीतिक प्रचार और नेतृत्व
भाजपा के अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जिनकी व्यक्तिगत भागीदारी और अपील ने मतदाताओं को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मोदी की रैलियों ने एक “डबल इंजन” सरकार की ज़रूरत पर जोर दिया — जहां एक ही पार्टी केंद्र और राज्य दोनों पर शासन करती है — ताकि समेकित, त्वरित विकास सुनिश्चित हो सके. उन्होंने AAP सरकार की आलोचना की, इसे “आप-दा” करार दिया, और मतदाताओं से उज्ज्वल भविष्य के लिए बदलाव का विकल्प चुनने का आग्रह किया. अंत में, यह जादू ही था जिसने चुनावों को झकझोर दिया, और भाजपा को उसकी शानदार जीत दिलाई. कोई भी ड्राइविंग सीट पर एक शिकायती व्यक्ति को नहीं देखना चाहता और दिल्ली के मतदाताओं ने निर्णायक रूप से एक ऐसे नेता को चुना है जिन्हें लोगों की नब्ज़ मालूम है. भाजपा मुख्यालय में “मोदी मोदी” के नारे गूंज रहे थे और पार्टी कार्यकर्ताओं ने नृत्य, ढोल और आतिशबाजी के साथ जश्न मनाया, जिससे यह पुष्टि हुई कि “मोदी है तो मुमकिन है” का नारा वास्तव में दिल्ली की जनता के दिलों में गूंज रहा है.
भाजपा ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और तर्क दिया कि राज्य को केंद्र के साथ जोड़ने से दिल्ली में नीतियों और योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा. यह कथन मतदाताओं के बीच अधिक प्रभावी शासन और विकास की मांग करने वाले मतदाताओं के साथ गूंजता रहा. प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न के ज़रिए विकास की गाथा मतदाताओं के बीच गूंजती रही.
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भ्रष्टाचार — गया या आया?
AAP सत्ता में भ्रष्टाचार के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करके आई थी और यह भी कि वह भ्रष्टाचार को जड़ से कैसे खत्म करेगी, लेकिन भ्रष्टाचार एक खरपतवार की तरह है जो किसी इमारत की जड़ों में घुसकर उसे बीच से खोखला करके गिरा देता है, पेड़ के अंदर कुछ भी नहीं रह जाता और वह धराशायी हो जाता है. भ्रष्टाचार के आरोप AAP के लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं पर लगे.
जबकि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में शराब की दुकानों को चलाने के लिए लाइसेंस जारी करने में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते महीनों तिहाड़ जेल में बिताए, वहीं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए सीबीआई ने जांच की. अमानतुल्लाह खान, जिन्होंने अपनी ओखला सीट बरकरार रखी, उन पर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ईडी ने जांच की.
भाजपा की कल्याणकारी योजनाएं
दिल्ली के निवासी उन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित थे, जिनका लाभ भाजपा शासित राज्यों के निवासी उठा रहे थे. 2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसमें 50 करोड़ से ज़्यादा लाभार्थी शामिल हैं. यह माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का मुफ्त अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा प्रदान करती है. इस योजना में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए PM-JAY (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) और स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWC) शामिल हैं.
दिल्ली ने आयुष्मान भारत को लागू नहीं किया है, क्योंकि AAP सरकार मोहल्ला क्लीनिक और दिल्ली आरोग्य कोष सहित अपने स्वयं के मुफ्त स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम चलाती है. मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति मतदाताओं को अच्छी तरह से पता है, जिनमें से आधे से ज़्यादा में स्टाफ की कमी है, डॉक्टर नहीं हैं, या वहां बस कोई काम नहीं करता है. भ्रष्टाचार के आरोपों ने इन क्लीनिकों को कलंकित किया और हाल ही में फर्ज़ी स्वास्थ्य परीक्षणों से जुड़े घोटाले ने पहले से ही कमज़ोर AAP को हिलाकर रख दिया.
जब दिल्ली का घोषणापत्र तैयार किया जा रहा था, तब मैं नागरिकों को रेवड़ियां न मिलने पर परेशानी ज़ाहिर करते हुए सुन रही थी और कैसे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कथित तौर पर लाभार्थियों की डिटेल्स नोट कर रहे थे और उनके आधार कार्ड ले रहे थे. AAP सरकार की तथाकथित कल्याणकारी योजनाओं से वास्तव में कितने लोगों को लाभ मिला, यह एक रहस्य है जिसे अभी तक सुलझाया जाना बाकी है.
मेरे दिमाग में एक विशेष प्रसंग उभर कर आता है. ऑटोवालों के एक समूह (जिन्हें माना जाता है कि वह AAP का मुख्य मतदाता आधार थे) ने शिकायत की कि AAP सरकार उन्हें बहुत परेशान कर रही है क्योंकि उनके लिए कोई कल्याणकारी योजना नहीं है और वह ऑटो किराए पर लेने के लिए बड़ी रकम चुका रहे हैं. AAP का संकीर्ण दृष्टिकोण और दूरदर्शिता की कमी, समाज के एक वर्ग को लाभ पहुंचाते हुए, पूरे जनसांख्यिकीय वर्ग की आजीविका को पूरी तरह से नष्ट कर रही है.
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शीश महल
आगरा में ताजमहल को प्रेम और इसकी वास्तुकला के चमत्कार के लिए याद किया जाता है, जबकि दिल्ली का शीश महल भ्रष्टाचार के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा, जो एक मुख्यमंत्री की बेईमानी की याद में एक स्मारक है.
मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास का 45 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण किया गया, जिसमें वियतनाम से संगमरमर आयात किया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर में शौचालय दिल्ली की झुग्गियों के घरों से भी महंगे हैं. 4-6 करोड़ रुपये के मोटर चालित पर्दे, सोनी के अल्ट्रा स्लिम टीवी कुल मिलाकर 64 लाख रुपये के हैं — ये सभी निवर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा महलनुमा आवास खाली करने के समय पीडब्ल्यूडी की सूची में दर्ज किए गए थे.
सांसों की लड़ाई
दुख की बात है कि दिल्ली की लड़ाई वास्तविक अस्तित्व की लड़ाई बन गई है, सांस लेने के लिए हवा की लड़ाई, क्योंकि शहर अपनी प्रदूषित हवा और गंदे पानी से घुट रहा है. निवासियों ने नलों में सीवेज के पानी की शिकायत की. अब वह इन बुनियादी मुद्दों को हल करने के लिए भाजपा की ओर देख रहे हैं.
जीवन का अधिकार संविधान में निहित है और दिल्ली की प्रदूषित हवा और पानी 33 मिलियन लोगों को इस बुनियादी मौलिक अधिकार से वंचित कर रहे हैं. घोषणापत्र बैठक में, मैंने एक कार्यकर्ता समूह, वारियर मॉम्स की महिलाओं को यह कहते हुए सुना कि उनका बच्चा दिल्ली के प्रदूषण में सांस नहीं ले पा रहा है. इस बिंदु को बाद में दिल्ली के लिए भाजपा के घोषणापत्र में जोड़ा गया, जिसमें पार्टी ने वादा किया कि अगर वह सत्ता में आई तो वह इस पर काफी काम करेगी और पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को आधा कर देगी. दिल्ली स्वच्छ वायु मिशन शुरू किया जाएगा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी यातायात प्रदूषण को कम करने का वादा किया है.
सुशासन
सुव्यवस्थित विज्ञापनों, सोशल मीडिया अभियानों और सार्वजनिक रैलियों के ज़रिए भाजपा विकास और सुशासन का एक दृष्टिकोण पेश करने में सक्षम थी. पार्टी के संदेश ने दिल्ली को एक विश्व स्तरीय शहर में बदलने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जो मतदाताओं की प्रगति और समृद्धि की आकांक्षाओं के अनुरूप था.
आम आदमी पार्टी एक ऐसे शहर में सुशासन की कोई झलक प्रदान करने में विफल रही जो न केवल भारत का दिल है, बल्कि राष्ट्र के मुकुट का एक चमकता हुआ रत्न भी है. दिल्ली के राज्य के खजाने ने शहर को लगभग कंगाल बना दिया और केंद्र सरकार, जिसने आम जनता के लिए बजट पेश किया है, दिल्ली के खाली हो चुके खजाने को भी दुरुस्त करेगी.
जब मैं 5 फरवरी को अपना वोट डालने के बाद मतदान केंद्र से बाहर आई, तो मैंने एक विकसित दिल्ली की कामना की — मुझे यह देखकर खुशी हुई कि दिल्ली अब पीछे नहीं रहेगी.
(मीनाक्षी लेखी भाजपा की नेत्री, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उनका एक्स हैंडल @M_Lekhi है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं)
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