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Saturday, 8 February, 2025
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दिल्ली चुनाव: आंबेडकर विवाद के बीच AAP ने BJP से अधिक SC-आरक्षित सीटें जीतीं

बाबा साहब आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह की विवादित टिप्पणी को लेकर आप ने भाजपा की आलोचना की थी. दिल्ली की आबादी में दलित समुदाय की हिस्सेदारी 16 फीसदी से ज्यादा है.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 12 सीटों में से आठ पर जीत हासिल की है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शेष चार सीटें जीती हैं.

दलित समुदाय दिल्ली की जनसंख्या का 16 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाता है और यह लगभग दो दर्जन सीटों, जिनमें 12 आरक्षित विधानसभा सीटें शामिल हैं—सुलतान पुर मजरा, मंगोल पूरी, करोल बाग, पटेल नगर, मादीपुर, देवली, आंबेडकर नगर, त्रिलोकपुरी, कोंडली, सीमापुरी, गोकलपुर और बवाना—में परिणाम निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

इस बार विभिन्न पार्टियों के चुनावी अभियानों का मुख्य केंद्र मुफ्त योजनाएं और यमुना प्रदूषण और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे रहे. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाबासाहेब आंबेडकर पर कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर भी हमला किया था. आम आदमी पार्टी ने एक एआई-जनरेटेड वीडियो जारी किया था, जिसमें आंबेडकर को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को “आशीर्वाद” देते हुए दिखाया गया था.

इसी समय, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी और भाजपा की संविधान और हाशिए पर मौजूद समुदायों के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया था, जब वे दिल्ली के सीलमपुर में आयोजित ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे.

आम आदमी पार्टी ने 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सभी 12 सीटों पर जीत हासिल की थी.

इन आरक्षित सीटों में झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों की एक बड़ी संख्या है, जहां आम आदमी पार्टी को अपनी लोकलुभावन योजनाओं के कारण पहले अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त मिली थी. झुग्गी-झोपड़ी वाले लोग पारंपरिक रूप से कांग्रेस के समर्थक माने जाते थे, खासकर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के शासनकाल के दौरान, लेकिन आम आदमी पार्टी ने 2013 और 2015 में उन्हें अपनी तरफ आकर्षित किया, खासकर मोहल्ला क्लिनिक्स, बिजली और पानी के बिलों में कमी, और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने जैसी लक्षित नीतियों के जरिए.

बीजेपी ने भी 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए इन्हें जोड़ने की कोशिश की. पार्टी की दिल्ली इकाई ने ‘प्रवास’ कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसमें नेता और कार्यकर्ता रात भर झुग्गी इलाकों में रहे, वहां के निवासियों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की.

बीजेपी ने वादा किया है कि अगर वह राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आती है तो अपने पहले कैबिनेट बैठक में झुग्गी-झोपड़ी वालों को मकान आवंटित किए जाएंगे, जबकि आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने 8,000 तैयार-पक्के घरों की चाबियां योग्य उम्मीदवारों को नहीं सौंपी हैं.

दिल्ली भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहनलाल गिहारा ने पहले दिप्रिंट से कहा था कि पार्टी ने 30 से अधिक विधानसभा सीटों, जिनमें आरक्षित सीटें भी शामिल हैं, में आक्रामक आउटरीच कार्यक्रम चलाया था, जिनमें से कुछ सीटों पर भाजपा कभी नहीं जीती थी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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