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Saturday, 8 February, 2025
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स्कूल बस में 5 साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न, ‘राजनयिक छूट’ के कारण आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं

जानकारी मिली है कि आरोपी वयस्क है और केन्याई राजनयिक का बेटा है. यौन उत्पीड़न को छह महीने बीत चुके हैं. शुक्रवार को स्कूल के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए.

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नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली के एक पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाला 12वीं का छात्र, जो केन्याई राजनयिक का बेटा है, उसने छह महीने पहले स्कूल बस में 5 साल की बच्ची का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था, लेकिन राजनयिक छूट के कारण अभी तक उस पर कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई है. दिप्रिंट को दिल्ली पुलिस के शीर्ष सूत्रों से इस बारे में जानकारी मिली है.

कथित घटना पिछले साल अगस्त में हुई थी और 18 सितंबर को भारतीय न्याय संहिता की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि नाबालिग उसी स्कूल में पढ़ने वालीं पहली क्लास की छात्रा हैं और आरोपी छात्र वयस्क है.

दिप्रिंट से बात करते हुए, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आरोपी को राजनयिक छूट प्राप्त है. हमने विदेश मंत्रालय (MEA) से संपर्क किया है. हम उसकी राजनयिक छूट के कारण उससे पूछताछ नहीं कर सकते या उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते.”

शुक्रवार को स्कूल के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें लोगों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. दिप्रिंट से बात करते हुए नाबालिग के पिता ने कहा, “उसने पिछले साल अगस्त में उसका यौन शोषण किया था. ऐसा दो बार हो चुका है. एक दिन उसने बार-बार पेशाब आने की शिकायत की और हम उसे डॉक्टर के पास ले गए. दो डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उसका यौन शोषण किया गया है. हम स्कूल गए और इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बस में यात्रा करने वाले सभी छात्रों को बुलाया, सिवाय आरोपी के. हमें बताया गया कि वह फील्ड ट्रिप पर गया हुआ था.”

इसके बाद माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर POCSO का मामला दर्ज किया गया. हालांकि, नाबालिग उस समय अपने माता-पिता को आरोपी का नाम नहीं बता पाई.

पिता ने कहा, “वह उसका नाम लेने से डरती थी.” पिता ने आगे कहा कि 11 नवंबर को नाबालिग ने आरोपी का नाम परिवार को बताया, जिसके बाद वह स्कूल गए और पुलिस को भी सूचित किया. उन्होंने कहा कि एक बार तो आरोपी की बहन भी मौजूद थी और उसने आरोपी से नाबालिग पर हमला करना बंद करने को कहा था.

हालांकि, माता-पिता का कहना है कि तब से मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है. पिता ने स्कूल प्रशासन पर आरोपी छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि स्कूल और पुलिस दोनों ही आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. जब हमने पुलिस से पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला विदेश मंत्रालय के पास है और विदेश मंत्रालय इसे कानूनी चैनलों में उठाएगा. हमने प्रिंसिपल और पुलिस से आरोपी को निलंबित करने के लिए कहा ताकि मेरी बेटी कम से कम अब सुरक्षित महसूस कर सके, लेकिन स्कूल ने ऐसा नहीं किया. इसके बजाय, उन्होंने मुझे सुझाव दिया है कि मैं अपनी बेटी का स्कूल बदल दूं. उसने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया. उसकी मेडिकल जांच भी कराई गई. हालांकि, आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.”

दिप्रिंट ने कॉल और मैसेज के जरिए टिप्पणी के लिए पुलिस उपायुक्त (दक्षिण दिल्ली) अंकित चौहान से संपर्क किया. जवाब मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि मामला विचाराधीन है और कई कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय पुलिस के संपर्क में है.

पिता ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी बार-बार अपराध करता है. “अब तक चार अन्य मामले भी सामने आ चुके हैं. चार नाबालिगों के माता-पिता ने कहा है कि उनकी बेटियों के साथ आरोपी ने मारपीट की, लेकिन स्कूल ने कोई कार्रवाई नहीं की. पैरेंट्स ने प्रिंसिपल को सूचित किया, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.”

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है. एक अधिकारी ने कहा, “हम सभी विवरणों की पुष्टि कर रहे हैं.”

पिता ने कहा, “पुलिस ने हमें बताया है कि इसमें बहुत समय लगेगा. पर असल में कुछ भी नहीं हो रहा है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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