नई दिल्ली : भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया है. सोमवार को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया गया इसके साथ ही अनुच्छेद 35-ए भी ख़त्म हो गया है, जिससे राज्य के ‘स्थायी निवासी’ की पहचान होती थी.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही जहां जम्मू-कश्मीर में सेना हाई अलर्ट पर है वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार शाम को सूबे के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मुद्दे पर महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा जावेद से ‘वॉइस नोट्स’ के ज़रिये दिप्रिंट के गौरव ने बात की.
इल्तिजा जावेद ने कहा, ‘मेरी मां (महबूबा मुफ़्ती ) को कल शाम साढ़े छह बजे से पास के सरकारी गेस्ट हाउस ‘हरि निवास’ में रखा गया है, पता नहीं है उन्हें कब तक रखा जायेगा.’
‘मेरी मां अभी ठीक हैं. उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है. उन्हें हिरासत में रखा गया है.’
‘यह बहुत शर्मनाक है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र छोटे मुसलमान बहुल राज्य से इतना डरता है कि वह किसी को भी कहीं आने-जाने नहीं दे रहें है.’
इल्तिजा ने कहा, ‘यहां चारों तरफ डर का माहौल है और गुस्सा भी है.’
‘यह बिलकुल असंवैधानिक है’
‘लोगों को लग रहा है कि रातों रात उनकी सिविल लिबर्टी छीन ली गयी है. कश्मीर में इमरजेंसी जैसा माहौल है और कश्मीरियों से जानवर की तरह व्यवहार किया जा रहा है.’
इल्तिजा ने दी प्रिंट से बातचीत में यह भी कहा, ‘एक तरफ सरकार यह कह रही है कि इन धाराओं को हटाने से जम्मू-कश्मीर के लोगों की भलाई होगी. तब वहां के लोगों को छोड़ क्यों नहीं रहे है. बाहर जाने की अनुमति भी क्यों नहीं दें रहे हैं. यह बिलकुल असंवैधानिक है.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘सरकार को लगता है कि वह दबाव में रखेंगे तो चीजें नियंत्रण में होंगी लेकिन ऐसा नहीं है. यह बहुत गलत धारणा है.’
‘यहां का युवा देख रहा है कि कैसे उनका अधिकार रातों रात छीन लिया गया है. कश्मीर के युवाओं के साथ धोखा हुआ है. उनको बाहर निकलने भी नहीं दिया जा रहा है और अपने लोगों से बात भी नहीं करने दी जा रही है. यह निर्णय सही नहीं है, इसका परिणाम सही नहीं होने वाला है.’
जब उनसे पीडीपी के रुख के बारे में पूछा तो इल्तिजा जावेद कहा, ‘पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस या घाटी के अन्य पार्टियों की बात नहीं है. यह घाटी की बात है.’
‘स्विगी से पिज़्ज़ा, फूड डिलीवरी करने जैसा’
‘सभी पार्टियों को साथ आना होगा और मिलकर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाना चाहिए. यह गलत है.’
‘यह चोरों की तरह लाया गया बिल है संसद में सांसदों को बिलकुल मौका नहीं दिया गया.’
‘तुरंत ही बिल को टेबल कर दिया गया. यह स्विगी से पिज़्ज़ा, फूड डिलीवरी करने जैसा है.’
‘आप जल्दबाजी में सब कर रहे है. यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. इसके फैसले इतने जल्दी नहीं लिए जा सकते हैं. सभी पार्टियों को मिलकर काम करना चाहिए.’
इल्तिजा जावेद इस बात पर भी जोर दिया, ‘जिस तरह से यह फैसला लिया गया गया है. यह कश्मीरियों की भलाई के लिए हो ही नहीं सकता है. हमसे केवल स्पेशल स्टेटस छीना ही नहीं गया, बल्कि हमें दंडित भी किया जा रहा है.’
‘गाय, बकरी की तरह घर में बिठा दिया गया है. जैसे हम जानवर हैं बाहर जाने की अनुमति नहीं है. दुनिया के सबसे बड़े जम्हूरियत में ऐसा हो रहा है. देश में बहुत सारे लोग हैं जो इस निर्णय से खुश हैं. मैं उनसे कहना चाहती हूं कि उनके पास बहुत बड़ा बहुमत है, वो किसी भी राज्य के साथ कुछ भी कर सकते हैं.’
इल्तिजा गुस्से में कहती हैं, ‘अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए वो कुछ भी करेंगे. अगर हमारी बारी आज थी तो कल आपकी भी बारी भी आ सकती है. ये लोग सम्प्रदायिकता के आधार पर किसी को भी बांट सकते है.’