नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कामना की कि यह राष्ट्रीय उत्सव संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त व समृद्ध भारत बनाने की दिशा में जारी प्रयासों को और मजबूत करे.
भारत आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन हो रहा है.
प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं! आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर हम उन सभी महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारा संविधान बनाकर यह सुनिश्चित किया कि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करे, यही कामना है.’’
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं. गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्र की सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा.
भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ों से आज़ादी तो मिल गई थी, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ. ठीक 75 वर्ष पहले आज ही के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था.
भारत के एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में रविवार को 75 वर्ष पूरे करने के अवसर पर यहां कर्त्तव्य पथ पर होने वाली परंपरागत परेड के लिए सभी तैयारियों हो गई है. परेड में देश अपनी सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करेगा.
वीवीआईपी गणमान्य व्यक्तियों के अलावा, पैरालंपिक दल के सदस्य, सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले गांवों के सरपंच, हथकरघा कारीगर और वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता उन लगभग 10,000 विशेष अतिथियों में शामिल हैं जिन्हें 76वें गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए आमंत्रित किया गया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाने के लिए आयोजित समारोह में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे. परेड में इंडोनेशिया का 352-सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ता भी भाग लेगा.
भारत 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में यहां रविवार को कर्तव्य पथ पर अपनी सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करेगा. इस दौरान देश अपनी विरासत एवं विकास के प्रतीकात्मक संगम प्रदर्शित करेगा.
राष्ट्रपति मुर्मू और उनके इंडोनेशियाई समकक्ष के सलामी मंच पर आगमन पर राष्ट्रपति के अंगरक्षक उनके साथ होंगे.
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि दोनों राष्ट्रपति ‘पारंपरिक बग्गी’ में आएंगे. यह परंपरा 40 साल के अंतराल के बाद 2024 में फिर से शुरू की गई थी.
सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति होंगे. इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे.
संविधान के लागू होने का 75 साल पूरा होना इस वर्ष समारोहों का मुख्य आकर्षण होगा. इस बार झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है.
रविवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों एवं संगठनों की 15 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी.
देश ब्रह्मोस, पिनाक और आकाश सहित कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन कर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेगा. साथ ही, सेना की युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’ और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’ पहली बार परेड में शामिल की जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि टी-90 ‘भीष्म’ टैंक, सारथ (पैदल सेना ले जाने वाला वाहन बीएमपी-2), ‘शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ 10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, ‘मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम’ ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (हल्का विशिष्ट वाहन) भी परेड का हिस्सा होंगे.
भारत परेड के दौरान 76वें गणतंत्र दिवस को चिह्नित करने के लिए कर्तव्य पथ पर ‘विरासत’ और ‘विकास’ का प्रतीकात्मक संगम भी प्रदर्शित करेगा.
राष्ट्र संविधान के लागू होने की इस बार ‘प्लेटिनम जुबली’ मना रहा है. इस प्रकार 26 जनवरी का दिन और भी अधिक महत्व रखता है.
संविधान को संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को अंगीकृत किया गया था तथा यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ.
परेड से पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे.
परेड सुबह राष्ट्रीय सलामी के साथ शुरू होगी और 90 मिनट तक जारी रहेगी. परेड भारत की विरासत और विकास यात्रा को दर्शाएगी.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, औपचारिक परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले वाद्ययंत्रों पर ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन बजाकर की जाएगी.
दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार परेड कमांडर होंगे, जबकि ‘परेड सेकेंड-इन-कमान’ दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) मेजर जनरल सुमित मेहता होंगे.
मेजर जनरल मेहता ने बृहस्पतिवार को बताया कि दो परमवीर चक्र विजेता – सूबेदार मेजर एवं मानद कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) (दोनों करगिल युद्ध के नायक) और अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) परेड का हिस्सा होंगे.
फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के 40 विमान और भारतीय तटरक्षक बल के तीन डोर्नियर विमान शामिल होंगे.
परेड में कई अन्य चीजें भी पहली बार देखने को मिलेंगी, जैसे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) की झांकी, जो सशस्त्र बलों के बीच ‘‘तालमेल’’ को दर्शाएगी.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, झांकी में युद्ध के मैदान का परिदृश्य दिखाया जाएगा, जिसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ थल, जल और वायु में समन्वित अभियान का प्रदर्शन किया जाएगा.
तीनों सेनाओं की झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ होगा.
अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, डीआरडीओ ‘रक्षा कवच -बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय सुरक्षा’ विषय पर एक झांकी पेश करेगा.
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय थलसेना का प्रतिनिधित्व घुड़सवार टुकड़ी, आठ मशीनीकृत टुकड़ियां और छह मार्चिंग दस्ते करेंगे.
इस वर्ष की परेड में 5,000 कलाकार देश के विभिन्न भागों की 45 से अधिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें 11 मिनट की सांस्कृतिक प्रस्तुति ‘जयति जय मम् भारतम्’ शामिल होगी. ऐसा पहली बार होगा जब प्रस्तुति विजय चौक से लेकर सी-हेक्सागन तक पूरे कर्तव्य पथ को कवर करेगी ताकि सभी आगंतुक इसे देख सकें.
सिग्नल कोर के जांबाजों द्वारा मोटरसाइकिल पर प्रदर्शन भी किया जाएगा. कैप्टन आशीष राणा इसका नेतृत्व करेंगे और कैप्टन डिंपल सिंह भाटी दूसरी पंक्ति में होंगी.