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Friday, 22 November, 2024
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एनएमसी बिल का विरोध कर रहे एम्स के डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस

रजिस्ट्रार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि स्टूडेंट यूनियन और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जल्द से जल्द अपने काम पर लौटें वर्ना उनपर सख्त एक्शन लिया जा सकता है

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नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक का विरोध कर रहे एम्स के डॉक्टरों को अकादमिक अनुभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. विभाग ने रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और स्टूडेंट्स यूनियन के सभी सदस्यों को कारम बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

अपने नोटिस में रजिस्ट्रार ने आदेश जारी करते हुए कहा है, ‘स्टूडेंट यूनियन और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जल्द से जल्द अपने काम पर लौटें वर्ना उनपर सख्त एक्शन लिया जा सकता है जिसमें उनकी सेवाओं का निलंबन और छात्रों को टरमिनेट किए जाने से लेकर छात्रावास में रहने का अधिकार आदि भी लिया जा सकता है.’

अकादमिक रजिस्ट्रार ने यह भी कहा है, ‘यह देखा जा रहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम बंद करके आरडीए और छात्र संघ ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है. इसे सक्षम प्राधिकारी ने गंभीरता से देखा है.’

एएनआई के अनुसार फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स असन (फोर्डा), की स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक में एनएमसी विधेयक के कुछ आर्टिकल पर बात की गई है. फोर्डा के अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस बिल से चिकित्सा के हितों में बाधा नहीं पहुंचेगा और विधेयक के बारे में जो भी संदेह है वह स्पष्ट किए जाएंगे.

बता दें कि फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स असन की भारतीय इकाई ने दिल्ली और अन्य राज्यों से विभिन्न रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद, आज सुबह 9 बजे से आवश्यक चिकित्सा सेवाओं को फिर से शुरू किया था.

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमेध ने कहा, ‘आज शाम रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सभी अध्यक्षों के साथ आज शाम 8 बजे बैठक के बाद यह निर्धारित किया जाएगा कि हड़ताल जारी रहेगी या नहीं.’

बता दें कि देशभर के डॉक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक के राज्य सभा में पास किए जाने के बाद से ही हड़ताल पर हैं. शनिवार को दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एलान किया कि उनकी एनएमसी बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर चल रही उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. वहीं उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि आपातकालीन सेवाएं शनिवार 3 अगस्त सुबह से ही शुरू हो जाएंगी.

एम्स के अलावा सफदरजंग के मेडिकल के छात्र भी आज एनएमसी बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरे. उन्होंने भी इस बिल के विरोध में प्रदर्शन किया. वहीं चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने भी आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. जबकि हैदराबाद के भी जूनियर डॉक्टरों ने मरीजों को न देखने का फैसला लिया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए), रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) व युनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन (यूआरडीए) के चिकित्सकों से मुलाकात की.

हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘मैंने चिकित्सकों से कहा कि वे विधेयक के संदर्भ में अपने संदेहों को दूर करें. एक चिकित्सक होने के नाते मैं उनकी चिंताओं से अवगत हूं. हम चिकित्सकों के साथ-साथ मरीजों के हितों का ध्यान रखते हैं. यह विधेयक मेडिकल शिक्षा में बड़ा बदलाव लाएगा.’

बता दें कि डॉक्टरों का विरोध नेशनल मेडिकल कमीशन के बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को लाइसेंस दिए जाने पर है. बता दें कि इस विधेयक के पास होने के बाद नॉन मेडिकल, फार्मेसी, यूनानी और आयुर्वेद के छह महीने का कोर्स कर एलोपैथिक की दवाएं लिख सकेंगे.

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