नई दिल्ली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने ‘मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ योजना लागू की है, जिसके तहत उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में सीधी नियुक्ति दी जा रही है.
इस पहल के तहत राज्य ने ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ शुरू की है, जिसके तहत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. 2023-24 में 71 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को बिना किसी परीक्षा या इंटरव्यू के सीधे प्रथम श्रेणी के सरकारी पदों पर नियुक्त किया गया. इसमें बाल विकास परियोजना अधिकारी और प्रखंड पंचायती राज अधिकारी जैसे पद शामिल हैं, जबकि अन्य को पुलिस उपनिरीक्षक, समाज कल्याण विभाग में अधीक्षक और लिपिक के पद पर नियुक्त किया गया.
2010 में इस योजना के शुरू होने के बाद से अब तक कुल 342 खिलाड़ियों को इसका लाभ मिला है, जिसमें 2010 में 33, 2011 में 125, 2015 में 82 और 2020 में 31 खिलाड़ी शामिल हैं. इन नियुक्तियों का उद्देश्य एथलीटों को करियर की स्थिरता सुनिश्चित करते हुए खेलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
इस पहल की जड़ें अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में रेल मंत्री के रूप में नीतीश कुमार के कार्यकाल से जुड़ी हैं, जहां उन्होंने रेलवे में एथलीटों को नौकरी देने की प्रथा की शुरुआत की थी. इससे प्रेरित होकर, बिहार ने अपने खिलाड़ियों को इसी तरह के अवसर प्रदान करने के लिए इस मॉडल को अपनाया.
नौकरी के प्रावधानों से परे, राज्य खेल के बुनियादी ढांचे में भी भारी निवेश कर रहा है. शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ब्लॉक स्तर पर स्टेडियम बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 250 से अधिक का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है. सरकार एथलीटों को उनके कौशल को निखारने के लिए राज्य से बाहर भेजकर उनके लिए उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चला रही है.
एक व्यापक सहायता प्रणाली बनाकर, बिहार सरकार खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में काम कर रही है. अब असाधारण प्रदर्शन करने वाले एथलीटों को एसडीओ और डीएसपी बनने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें और अधिक ऊंचाइयां हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी.
खेल विकास के लिए यह निरंतर प्रतिबद्धता प्रतिभा को पोषित करने और एक जीवंत खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के राज्य के दृष्टिकोण का प्रमाण है. एथलीटों को पुरस्कृत करने और उनका समर्थन करने के लिए सरकार के प्रयास न केवल उनके मनोबल को बढ़ा रहे हैं, बल्कि अन्य राज्यों के लिए एक बेंचमार्क भी स्थापित कर रहे हैं.
‘मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ योजना जैसी पहलों के साथ, बिहार अपने एथलीटों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करते हुए खेल उत्कृष्टता के एक नए युग का मार्ग प्रशस्त कर रहा है.