नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि पार्टी केवल भाजपा और आरएसएस—जो “हमारे देश की हर संस्था पर कब्जा कर चुके हैं”—के खिलाफ नहीं लड़ रही है, बल्कि वह “भारतीय राज्य” के खिलाफ भी एक “सभ्यतागत युद्ध” लड़ रही है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने नई दिल्ली में कांग्रेस के नए पार्टी मुख्यालय “इंदिरा भवन” के उद्घाटन के मौके पर कांग्रेस की वैचारिक लड़ाई पर अपना रुख स्पष्ट किया.
राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ पार्टी और उसके मातृ संगठन आरएसएस की तीखी आलोचना की, विशेष रूप से सरसंघचालक मोहन भागवत के मंगलवार को दिए गए बयान पर कि भारत को “सच्ची स्वतंत्रता” 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के दिन मिली. भागवत के बयान को राहुल ने राजद्रोह करार दिया और कहा कि इसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर मुकदमे का सामना करना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि “हम इन लोगों की बेतुकी बातों को सुनना बंद करें, जो वे लगातार दोहराते और चिल्लाते रहते हैं.” भागवत ने यह बयान इंदौर में एक कार्यक्रम में की थी.
राहुल गांधी ने आगे कहा, “मोहन भागवत में यह दुस्साहस है कि वह हर दो-तीन दिन में देश को बताएं कि स्वतंत्रता संग्राम के बारे में उनका क्या विचार है, संविधान के बारे में उनका क्या विचार है. वास्तव में, उन्होंने कल जो कहा वह राजद्रोह है, क्योंकि यह यह कहता है कि संविधान अमान्य है. यह कहता है कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ पूरी लड़ाई अमान्य है, और उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से कहने का दुस्साहस किया. किसी अन्य देश में उन्हें गिरफ्तार कर मुकदमे का सामना करना पड़ता. यह सच्चाई है. 1947 में भारत को स्वतंत्रता नहीं मिलने की बात कहना हर भारतीय का अपमान है.”
उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह भी चेताया कि यह केवल भाजपा या आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठन से लड़ाई नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा सोचते हैं, वे देश में वर्तमान स्थिति की सच्चाई को समझने में विफल हैं.
राहुल गांधी ने कहा, “यह मत सोचिए कि हम कोई निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं. इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है… बीजेपी और आरएसएस ने हमारे देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है. अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं.”
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‘चुनाव आयोग से खुश नहीं’
अपने तर्क को और मजबूत करने के लिए, राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि “हमारे चुनावी प्रणाली में गंभीर समस्या है, और हमें चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कराए जाने के तरीके पर भरोसा नहीं है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में “कुछ गड़बड़” हुई, जिसमें भाजपा-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की और विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, को करारी हार का सामना करना पड़ा.
राहुल ने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव और 2024 के विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र में एक करोड़ से अधिक नए मतदाता जोड़े गए. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उन्हें उन लोगों के नाम और पते देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में मतदान किया.
राहुल ने कहा, “चुनाव आयोग को यह सूची देने से क्या नुकसान होगा, और वे यह सूची क्यों नहीं दे रहे हैं? चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है. अगर महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के बीच मतदाताओं की संख्या में एक करोड़ की वृद्धि हुई है, तो यह चुनाव आयोग का कर्तव्य और पवित्र जिम्मेदारी है कि वह हमें दिखाए कि यह कैसे हुआ, और वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं.”
उन्होंने ये बातें दिल्ली के कोटला मार्ग पर नए उद्घाटित भवन के सभागार में बोलते हुए कही.
‘इंदिरा भवन में खून-पसीना लगा’
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और विभिन्न राज्यों के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति में इस नए भवन का उद्घाटन किया. यह देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक क्षण था, जो 1978 से लुटियंस ज़ोन के 24 अकबर रोड स्थित कार्यालय से संचालित हो रही थी.
नया मुख्यालय कांग्रेस की यात्रा को दर्शाने के लिए बनाया गया है, जिसमें 1885 में इसके पहले अध्यक्ष वॉमेश चंद्र बैनर्जी के कार्यकाल से लेकर वर्तमान अध्यक्ष खड़गे तक की जानकारी शामिल होगी. भवन के चार मंजिलों को आगंतुकों को पार्टी के अतीत और वर्तमान की झलक देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें एक पुस्तकालय भी है, जिसका नाम दिवंगत मनमोहन सिंह के नाम पर रखा गया है.
राहुल गांधी ने कहा कि यह नया भवन, जिसकी निर्माण प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी, उन लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खून और पसीने से बना है, जिन्होंने देश की आज़ादी से पहले और उसके बाद दशकों तक संघर्ष किया. इसका शिलान्यास 2009 में तब किया गया था जब केंद्र में कांग्रेस-नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी.
उन्होंने कहा, “लेकिन अब यह ज़रूरी है कि हम इस भवन से विचारों को लें और कांग्रेस के नेताओं की तरह इन्हें देश की मिट्टी तक फैलाएं क्योंकि हम इन लोगों के साथ एक सभ्यता के युद्ध में लड़ रहे हैं. वे हर दिन उन विचारों पर हमला कर रहे हैं, जिन पर हम विश्वास करते हैं. और केवल यही संगठन, इस कमरे में मौजूद लोग और इस संगठन के लाखों कार्यकर्ता इसे रोकने का साहस और क्षमता रखते हैं. हम एक वैचारिक पार्टी हैं और हमारी विचारधारा कल नहीं उभरी है.”
राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी ने भारत के लिए एक ऐसा अंधकारमय दृष्टिकोण पेश किया है, जो देश की सभ्यता की भावना के अनुरूप नहीं है.
उन्होंने कहा, “यह मत भूलिए कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज में विश्वास नहीं करते, संविधान में विश्वास नहीं करते. वे चाहते हैं कि भारत को एक छिपे हुए, गुप्त समाज द्वारा चलाया जाए. वे चाहते हैं कि भारत को एक आदमी चलाए और इस देश की आवाज़ को दबा दिया जाए. वे दलितों की आवाज़ को दबाना चाहते हैं. वे अल्पसंख्यकों की आवाज़ को दबाना चाहते हैं. वे पिछड़े वर्गों की आवाज़ को दबाना चाहते हैं. यही उनका एजेंडा है.”
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