नई दिल्ली: उत्तराखंड के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी सम्मेलन के पहले सत्र में राज्य के विनिर्माण, ऊर्जा उत्पादन और स्टार्टअप क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हुआ. इस सत्र में प्रमुख उद्योगपतियों और उद्यमियों ने उत्तराखंड में संभावित निवेश के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए.
थाइलैंड से आए ब्रॉस्टेन ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एके काला ने सम्मेलन में बताया कि 30 वर्षों तक विदेश में काम करने के बाद अब वह भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट खोलने जा रहे हैं, जिसमें उत्तराखंड को प्राथमिकता दी जाएगी. उनका उद्देश्य उत्तराखंड में ऑयल एंड गैस सेक्टर के लिए उपकरण तैयार कर दुनिया भर में सप्लाई करना है. डॉ. काला ने यह भी कहा कि वह उत्तराखंड के खाली हो चुके गांवों को फिर से आबाद करने के लिए काम करेंगे और इसके लिए एक गांव को गोद लेने का प्रस्ताव शासन को दे चुके हैं. इसके अलावा, उन्होंने 70 वर्ष से अधिक उम्र की जरूरतमंद महिलाओं के लिए भी अपनी मां के नाम पर चल रहे भीमा केयर फाउंडेशन के माध्यम से मदद देने की योजना बनाई है.
सिंगापुर से आई मंडला ग्लोबल की संस्थापक मीनाक्षी अरोड़ा डबराल ने उत्तराखंड सरकार के हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड की सराहना करते हुए कहा कि इसमें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद शामिल हैं. वह उत्तराखंड की महिला उद्यमियों को अपने ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर उनके उत्पाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं. मीनाक्षी ने उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की सिंगापुर में सप्लाई करने का भी उल्लेख किया और कहा कि उत्तराखंड विश्व खाद्य श्रंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
उत्तराखंड में एआई आधारित स्टार्टअप चलाने वाले कुनाल उनियाल ने बताया कि उन्होंने लंदन से वापस आकर उत्तराखंड में एआई आधारित शिपिंग ट्रांसपोर्ट स्टार्टअप शुरू किया है. उन्होंने कहा कि कई निवेशक राज्य में आ रहे हैं और “मेक इन उत्तराखंड” की दिशा में काम कर रहे हैं.
राजेश गुनसोला, जो टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चला रहे हैं, ने कहा कि इस परियोजना में 50 लोगों को रोजगार मिला है. वह अब सोलर प्रोजेक्ट पर भी काम करने जा रहे हैं. सोलर ऊर्जा क्षेत्र में कंसलटेंट अमन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ सोलर ऊर्जा उत्पादन के लिए अत्यधिक उपयुक्त हैं, और यहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं.
सत्र की अध्यक्षता करते हुए अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु ने कहा कि प्रदेश सरकार ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के साथ ही निवेश आकर्षित करने के लिए कई प्रयास कर रही है. इसके तहत जल्द ही जियो थर्मल और ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी भी तैयार की जाएगी। सत्र का संचालन आयुक्त उद्योग प्रतीक जैन ने किया.