पटना: बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) के पूर्व प्रमुख और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का रविवार को पटना में हृदयाघात से निधन हो गया.
कुणाल के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें सुबह हृदयाघात हुआ जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुणाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया.
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि दिवंगत आचार्य किशोर कुणाल एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील अधिकारी थे.
उन्होंने कहा कि कुणाल विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों से भी जुड़े रहे और उन्होंने महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव के पद पर रहते हुये विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक कार्य किए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुणाल ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहते हुये अपने कार्यों को सफलतापूर्वक संपादित किया.
कुमार ने कहा कि कुणाल के निधन से प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.
1972 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी कुणाल पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव थे. यह ट्रस्ट राज्य में कई अस्पताल भी चलाता है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त किया.
उपमुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, “किशोर कुणाल जी का जीवन समाज सेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित था. उन्होंने महावीर मंदिर को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य किए. उनके योगदान को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है.”
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”
कुणाल (74) ने पटना के महावीर मंदिर के पुनर्निर्माण से लेकर महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय, महावीर वरिष्ठ नागरिक अस्पताल समेत नौ चैरिटेबल अस्पतालों की स्थापना की.
उन्होंने बिहार के पूर्वी चंपारण में विराट रामायण मंदिर के निर्माण का बीड़ा भी उठाया और 20 जून, 2023 को इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ.
कुणाल के प्रयास से गत 12 दिसंबर को बच्चों के इलाज के लिए देश के पहले कैंसर अस्पताल महावीर बाल कैंसर अस्पताल का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया.
आचार्य किशोर कुणाल के प्रयास से अयोध्या के अमावा राम मंदिर परिसर में पटना के महावीर मंदिर की ओर से राम रसोई और सीतामढ़ी स्थित जानकी जन्म स्थान पुनौराधाम में सीता रसोई चलायी जा रही है.
1972 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी कुणाल ने मई 2001 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी.
वे अगस्त 2001 से फरवरी 2004 तक बिहार के दरभंगा स्थित केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति रहे. बाद में उन्होंने स्वेच्छा से पद त्याग दिया. कुणाल 23 मई, 2006 को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक बने और 2010 में इसके अध्यक्ष बने. उन्होंने 10 मार्च, 2016 को इस पद से इस्तीफा दे दिया.
कुणाल ने 13 जून 1993 को पटना हनुमान मंदिर में एक दलित पुजारी नियुक्त किया था.
उन्होंने बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक के रूप में बिहटा, पालीगंज, बोधगया, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगुसराय और अन्य स्थानों पर कई प्रमुख मंदिरों में दलित पुजारियों की नियुक्ति की .
कुणाल ने बिहार के सभी मंदिरों में दलित न्यासियों की नियुक्ति की और उन्हें बड़े पैमाने पर मंदिर के मामलों के प्रबंधन से जोड़ा.
बिहार के एमएलसी संजय मयूख ने कहा, “सामाजिक और धार्मिक जगत का एक चमकता सितारा हमारे बीच से चला गया. यह बहुत दुखद है, क्योंकि किशोर कुणाल (महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना के सचिव) प्रशासनिक सेवा में अधिकारी रहते हुए समाज सेवा से जुड़े रहे. बिहार ही नहीं देश के कई क्षेत्रों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता. हम सभी उनके प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.”
बिहार भाजपा अध्यक्ष और राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, “उनके (किशोर कुणाल-महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना के सचिव) निधन से बिहार और पूरे देश का सनातनी समाज मर्माहत है और हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और हम पूरे बिहार के लोग उनके निधन की खबर सुनकर मर्माहत हैं.”
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, “…उनकी (कुणाल) ईमानदारी, उनका कठोर स्वभाव, आध्यात्म के प्रति उनकी उदारता और विभिन्न संस्थाओं का निर्माण उनके जीवन के ऐसे अविस्मरणीय योगदान हैं, जिन्हें आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी. आचार्य किशोर कुणाल एक संस्था और आध्यात्मिक जगत के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर के रूप में जाने जाएंगे…”
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शोक जताते हुए कहा, “यह हम सभी के लिए दुखद है. यह समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. वे सिर्फ एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं थे — जब उन्होंने सेवानिवृत्ति ली — तो उन्होंने आध्यात्मिक जगत में अपनी छाप छोड़ी. मंदिर किस तरह लोगों की सेवा में हो सकते हैं — पटना का हनुमान मंदिर इसका एक उदाहरण है…”
कुणाल का अंतिम संस्कार सोमवार को दोपहर दो बजे हाजीपुर स्थित कौनहारा घाट पर किया जाएगा.