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Friday, 20 December, 2024
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अपहरण का टिकट: सुनील पाल और मुश्ताक़ ख़ान को यूपी गैंग ने कैसे फंसाया

पुलिस ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के नाम पर मुंबई के कलाकारों का अपहरण कर उनसे पैसे ऐंठने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. मास्टरमाइंड लवी समेत पांच अन्य फरार हैं.

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बिजनौर/मेरठ: “लवी ने सब कुछ किया. उसने एक ऑनलाइन इवेंट मैनेजमेंट कंपनी शुरू की और हम सबको साथ जोड़ा. यह सब उसी की योजना थी. हमने बस उसका साथ दिया,” अर्जुन कर्णवाल ने सुनील पाल और मुश्ताक खान के हाई-प्रोफाइल अपहरण मामले में पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया.

उसे रविवार को मेरठ में पुलिस की “जवाबी फायरिंग” में पैर में गोली लगी, जबकि लवी 2 दिसंबर से फरार है.

जांचकर्ताओं के अनुसार, यह दोनों बिजनौर-मेरठ बेल्ट से संचालित होने वाले एक गैंग का हिस्सा हैं. यह गैंग मुंबई से कलाकारों, कॉमेडियंस और अन्य कलाकारों को इवेंट्स के नाम पर टिकट और एडवांस ऑफर देकर फंसाता था और फिर उनका अपहरण कर उन्हें रिहा करने के लिए फिरौती वसूलता था.

कर्णवाल और गिरोह के चार अन्य सदस्य, जो अब पुलिस हिरासत में हैं, ने सारी जिम्मेदारी लवी पर डाल दी है. बिजनौर और मेरठ की कम से कम पांच पुलिस टीमें लवी की तलाश कर रही हैं. हालांकि, लवी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, सिवाय इसके कि वह कई नामों से जाना जाता है. कुछ लोग उसे राहुल सैनी के नाम से जानते हैं, तो कुछ सुशांत या हिमांशु के नाम से.

अब तक की जांच में गिरोह के 10 सदस्यों का खुलासा हुआ है, जिनमें से पांच, जिनमें लवी भी शामिल है, अब भी फरार हैं.

Lavi | By special arrangement | ThePrint
गिरोह का नेतृत्व करने वाला लवी | विशेष व्यवस्था | दिप्रिंट

जांच में यह भी सामने आया है कि लवी के पास अपहरण और लूट के लिए एक सूची थी. उसके पास बॉलीवुड के कुछ इवेंट मैनेजरों और कलाकारों तक पहुंच थी, और वह अपहरण की हर छोटी-बड़ी योजना को नियंत्रित करता था. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उसने इतनी पहुंच कैसे बनाई, यह उसकी गिरफ्तारी के बाद ही साफ हो पाएगा.

लवी, जो बिजनौर का निवासी है और जिसे अब पुलिस जबरन वसूली रैकेट का सरगना और अभिनेता मुश्ताक खान और कॉमेडियन सुनील पाल के अपहरण का ‘कुख्यात’ मास्टरमाइंड मान रही है, के खिलाफ पहले कोई मामला सामने नहीं आया है. पुलिस के पास लवी की एक तस्वीर है जिसमें वह सफेद टी-शर्ट पहने हुए है और एक अन्य तस्वीर में वह एक गहनों की दुकान में लाल जैकेट में अर्जुन कर्णवाल के साथ देखा गया है.

बिजनौर जेल में शराब तस्करी और अन्य मामलों में बंद विवेक सैनी ने भी दावा किया है कि पिछले साल लवी द्वारा चलाए जा रहे गिरोह ने उसका अपहरण किया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसने पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.

जबरन वसूली गिरोह कितने समय से सक्रिय है, इस पर बिजनौर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने कहा, “अन्य गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है कि केवल लवी को योजनाओं की पूरी जानकारी थी, और वे उसके निर्देशों के अनुसार काम करते थे. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही और विवरण सामने आएंगे.”

जांचकर्ताओं के अनुसार, गिरोह ने शुरुआत में शक्ति कपूर का अपहरण करने की योजना बनाई थी, लेकिन अभिनेता को अग्रिम भुगतान के रूप में 50,000 रुपए भेजने में असफल रहने के कारण उनकी योजना विफल हो गई. गिरोह ने शक्ति कपूर से कुल 5 लाख रुपए का वादा किया था.

Lavi (in red jacket) and Arjun Karnwal at a jewellery shop | By special arrangement | ThePrint
लवी (लाल जैकेट में) और अर्जुन कर्णवाल एक आभूषण की दुकान पर | विशेष व्यवस्था | दिप्रिंट

इससे पहले, गिरोह ने टीवी अभिनेता राजेश पुरी का अपहरण करने की योजना बनाई थी, लेकिन जब उन्होंने आनंद विहार, दिल्ली में उनके साथ ली गई सेल्फी अपनी परिवार को भेज दी, तो योजना रद्द कर दी गई.

एसपी अभिषेक झा ने कहा कि पुलिस को लवी की अभिनेता अरुण बख्शी के साथ एक तस्वीर मिली है. हालांकि, जब अभिनेता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनका अपहरण नहीं हुआ था.

“लवी अक्सर बॉम्बे जाता था. वह एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाता था. उसने कैसे संपर्क बनाए और यह योजना बनाई, यह जांच के दौरान स्पष्ट होगा और उसकी गिरफ्तारी के बाद और जानकारी सामने आएगी,” मेरठ के उप पुलिस अधीक्षक प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने दिप्रिंट को बताया.

अगवाह और अवॉर्ड फंक्शन

“यह एक अवॉर्ड फंक्शन है, और वह फंक्शन के गेस्ट हैं,” शिकायतकर्ता शिवम यादव ने पुलिस को बताया, यह समझाते हुए कि गिरोह ने मुश्ताक खान को कैसे फंसाया. जांचकर्ताओं के अनुसार, 15 अक्टूबर को अभिनेता को एक टिकट भेजा गया — जिसे कथित तौर पर शशांक ने बुक किया था — और 25,000 रुपए का अग्रिम भुगतान किया गया. लवी ने खुद को राहुल सैनी बताकर खान और उनके इवेंट मैनेजर यादव से बात की थी.

The property where Mushtaq Khan was held hostage | By special arrangement | ThePrint
वह संपत्ति जहां मुश्ताक खान को बंधक बनाकर रखा गया था | विशेष व्यवस्था | दिप्रिंट

जांच के मुताबिक, 20 नवंबर को खान दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. योजना के अनुसार, लवी, जो लगातार उनके संपर्क में था, ने फोन पर उन्हें मेरठ-दिल्ली रोड पर एक शिकंजी दुकान पर कैब से आने को कहा, जिसे उन्होंने बुक किया था. इस बीच, लवी और गिरोह के अन्य सदस्य दो कारों में — एक स्विफ्ट डिजायर टैक्सी और लवी की UP20CH5138 स्कॉर्पियो में — शिकंजी दुकान पहुंचे. दुकान पर सीसीटीवी कैमरे नहीं थे.

कैब ने खान को छोड़ दिया और वहां से चली गई. “यहां, उन्होंने खान को स्कॉर्पियो में बैठाया जबकि अन्य लोग डिजायर में उनके पीछे बिजनौर की ओर चले गए. खान को उसी समय पता चल गया था कि उनका अपहरण हो चुका है. उन्होंने उन्हें एक खाली इमारत (लवी की पुश्तैनी संपत्ति) में ले जाकर उनका मोबाइल फोन, नकदी, वॉलेट और बैग छीन लिया और उनके बैंक खाते की जानकारी देने की धमकी दी,” एसपी अभिषेक झा ने कहा. “इसके बाद उन्होंने शराब पी और सो गए. इसी का फायदा उठाकर मुश्ताक खान अगली सुबह वहां से भाग निकले. वह मोहल्ला चहसीरी क्षेत्र की एक मस्जिद पहुंचे और अपने परिवार से संपर्क किया, उन्होंने वापस लौटने की व्यवस्था की.”

उसी सुबह अपहरणकर्ताओं ने खान के बैंक खाते से 2.2 लाख रुपए निकाल लिए और खरीदारी की. पुलिस के अनुसार, उन्होंने खान के बैंक खातों से 1,000 रुपए का यूपीआई भुगतान किया और 26,000 रुपए का राशन, एक मिक्सर ग्राइंडर और एक हीटिंग रॉड खरीदी.

मुश्ताक खान का मामला तब सामने आया जब सुनील पाल के अपहरण की खबर मीडिया में आई. शिवम यादव ने 9 दिसंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिससे बिजनौर पुलिस की अपहरण मामलों की जांच शुरू हुई और यह उजागर हुआ कि यह गिरोह मुख्य रूप से बिजनौर से संचालित होता था.

खान के मामले की तरह ही, गिरोह ने सुनील पाल को 2 दिसंबर को एक जन्मदिन पार्टी में शामिल होने के लिए बुलाया और उनसे  7.5 लाख रुपए लूट लिए. पाल को  35,000 रुपए की अग्रिम राशि दी गई थी और एक टिकट भेजा गया था.

गिरोह ने पाल को एक बैंक्वेट हॉल में बंधक बनाकर रखा, जहां जांचकर्ताओं के अनुसार, लवी पहले केयरटेकर के रूप में काम करता था. “लवी को पता था कि हॉल खाली है, इसलिए वह सुनील पाल को वहां ले गया,” डीएसपी प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने बताया.

इस बीच, पाल की पत्नी सरिता ने सांता क्रूज़ पुलिस स्टेशन में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई, क्योंकि वह उनसे संपर्क नहीं कर पा रही थीं. पाल के अनुसार, आरोपियों ने उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी और उन्हें दिल्ली-मेरठ रोड पर एक कार में जबरदस्ती बैठाकर बिजनौर के बैंक्वेट हॉल में ले गए, जहां उन्हें 24 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया.

पुलिस के अनुसार, अपहरणकर्ताओं ने पाल से कहा कि वे बेरोजगार हैं और उनसे 20 रुपए लाख की मांग की. “पाल ने उन्हें बताया कि उनके खाते में इतने पैसे नहीं हैं. अपहरणकर्ताओं ने फिर 8 रुपए  लाख की मांग की. पाल ने पैसा उधार लेकर फिरौती चुकाई,” मेरठ एडीजी डी.के. ठाकुर ने कहा.

आरोपियों ने कथित तौर पर सुनील पाल को 20,000 रुपए नकद दिए और उन्हें मुंबई लौटने को कहा. पाल ने मुंबई पुलिस से संपर्क किया और अपनी आपबीती सुनाई.

इस बीच, लवी और अर्जुन कर्णवाल ने ज्वेलरी की दुकानों पर जाकर दो सोने के सिक्के और एक चेन खरीदी और फिर पाल से उन दुकानों से जुड़े बैंक खातों में 2.25 रुपए लाख ट्रांसफर करने को कहा.

मुंबई पुलिस ने दोनों ज्वेलरी दुकानों के बैंक खातों का पता लगाया और उन्हें फ्रीज कर दिया. इसके बाद दुकान मालिकों ने पुलिस से संपर्क किया और सीसीटीवी फुटेज सौंपे, जिसके बाद मेरठ पुलिस ने मामला संभाल लिया.

हालांकि, मामला मीडिया में आने के बाद एक ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें कथित तौर पर लवी और पाल के बीच की बातचीत थी, जिससे अपहरण को ‘नाटक’ बताया जा रहा था. इस दावे को नकारते हुए पाल ने मीडिया को बताया कि यह एक एडिटेड ऑडियो है और अपहरणकर्ताओं ने उन्हें रिकॉर्डिंग में जो बातें कहते हुए सुना जा रहा है, वह जबरदस्ती कहलवाई थीं.

“हमने वही किया जो आपने कहा, और अब आपने हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है,” एक आवाज, जिसे लवी का बताया जा रहा है, सुनाई देती है। “पुलिस मेरी पत्नी के पास आई थी जब मामला सामने आया. न तो वह गई और न ही मैं. चिंता मत करो, सब कुछ संभाल लिया जाएगा,” पाल जवाब में कहते हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों के अनुसार, इस रिकॉर्डिंग के कुछ हिस्से कर्णवाल के फोन में पाए गए थे. सूत्रों ने बताया कि लवी ने यह रिकॉर्डिंग पाल द्वारा किए गए दावों का जवाब देने के लिए अपलोड की थी. विवेक सैनी ने रिकॉर्डिंग में लवी की आवाज की पहचान की और पुलिस को बताया कि वही आदमी ने पिछले साल उसका भी अपहरण किया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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