नई दिल्ली: बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे “हर खेत तक सिंचाई का पानी” कार्यक्रम के तहत राज्य भर के किसानों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय -2 के अंतर्गत राज्य के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए क्रियान्वित किया जा रहा है.
इस कार्यक्रम के अंतर्गत लघु जल संसाधन विभाग ने कई योजनाओं को लागू किया है, जिनमें आहर-पईन का जीर्णोद्धार, वीयर/ चेक डैम का निर्माण और उदवह सिंचाई योजना का पुनर्निर्माण शामिल है. इन उपायों के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों में सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.
वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक, 981 योजनाओं/ संरचनाओं का कार्य शुरू किया गया है, जिनमें 723 आहर-पईन, 62 चेक डैम और 196 उदवह सिंचाई योजनाएं शामिल हैं. इन प्रयासों से लगभग 149029 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता पुनः स्थापित होगी, जिससे किसानों को सिंचाई में सहायता मिलेगी और उनके कृषि कार्यों में सुधार होगा. इसके अलावा, 38 लाख घन मीटर जल संचयन का पुनर्स्थापन भी होगा, जो जल संरक्षण में सहायक साबित होगा.
लघु जल संसाधन विभाग के अधिकारी इस परियोजना को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और उनका उद्देश्य राज्य के सभी किसानों तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाना है. इससे न सिर्फ कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र को भी आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी.
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