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Tuesday, 17 December, 2024
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बिहार में कैथी लिपि में लिखे पुराने दस्तावेज़ पढ़ने के लिए राजस्व विभाग ने छापी बुकलेट

अधिकांश लोगों ने इस संबंध में विभाग और क्षेत्रीय कार्यालयों में अपनी समस्याएं रखी थीं, जिसके बाद विभाग ने इस बुकलेट को छापने का फैसला लिया है.

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नई दिल्ली: बिहार में विगत सर्वे खतियान एवं अनेक पुराने दस्तावेज़ के कैथी लिपि में लिखे होने के कारण विशेष सर्वेक्षण प्रक्रिया में आम रैयतों के साथ-साथ सर्वे कर्मियों को भी अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, जिन्हें देखते हुए राजस्व विभाग द्वारा कैथी लिपि से संबंधित एक बुकलेट छापने का फैसला लिया गया है.

बुकलेट विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है.

पुराने कैथी में लिखित दस्तावेज़ को हिंदी लिपि में रूपांतरित करने के लिए लोग निजी व्यक्तियों या पुराने सरकारी कर्मियों का सहारा लेते थे एवं इसके लिए कभी कभी उनसे अनावश्यक राशि की वसूली भी कर ली जाती थी.

अधिकांश लोगों ने इस संबंध में विभाग और क्षेत्रीय कार्यालयों में अपनी समस्याएं रखी थीं, जिसके बाद विभाग ने इस बुकलेट को छापने का फैसला लिया है.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने अपने कार्यालय कक्ष में कैथी लिपि पर लिखी गई इस किताब का अनावरण किया. इस दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव जय सिंह, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे प्रियदर्शिनी उपस्थित रहे.

बुकलेट की मदद से आम रैयत भी इस लिपि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने राजस्व दस्तावेज़ का अवलोकन कर सकता है. इस कार्य के लिए बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के शोध छात्र प्रीतम कुमार की सेवाएं ली गईं.

विभाग द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 7 जिलों यथाः पश्चिम चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर, सीवान, सारण, मुंगेर एवं जमुई के बंदोबस्त कार्यालयों में पदस्थापित विशेष सर्वेक्षण कर्मियों को दिया जा चुका है.

विभाग द्वारा राज्य के अन्य सभी जिलों में भी ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है. विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से राज्य के सभी वैसे रैयत लाभान्वित होंगे जिनके पास भू-स्वामित्व से संबंधित पुराने दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे हुए हैं और उसके आधार पर ही उनकी भूमि के स्वामित्व का निर्धारण वर्तमान सर्वे की प्रक्रिया में किया जाना है.


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