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Wednesday, 27 November, 2024
होमदेशउदयपुर के राजपरिवार में विवाद जारी, महाराणा पीछे नहीं हटेंगे, प्रतिद्वंद्वी गुट ने कहा ‘लगाइए धारा-144’

उदयपुर के राजपरिवार में विवाद जारी, महाराणा पीछे नहीं हटेंगे, प्रतिद्वंद्वी गुट ने कहा ‘लगाइए धारा-144’

मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में नव-अभिषिक्त भाजपा विधायक विश्वराज सिंह ने कहा कि उन्हें बुधवार शाम 5 बजे महल में जाने की ‘आधिकारिक अनुमति’ मिल गई है. इस बीच, महल के द्वार बंद हैं.

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उदयपुर: अरविंद सिंह के बेटे और विश्वराज सिंह के चचेरे भाई लक्ष्यराज सिंह ने कहा, “उदयपुर में कानून का राज है और अब हम इसे नहीं देख पा रहे हैं. सरकार को धारा-144 लागू करने की ज़रूरत है.”

दरअसल, मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह वर्तमान में एक गरमागरम बहस में उलझे हैं, जिसने झीलों के शहर को हिलाकर रख दिया है.

सोमवार रात को परिवार में हुए भयंकर ड्रामे के बाद उदयपुर के सिटी पैलेस के गेट पुलिस बैरिकेड्स के पीछे बमुश्किल दिखाई दे रहे थे, जब विश्वराज, जिन्हें उनके पिता महेंद्र सिंह की मृत्यु के बाद मेवाड़ के 77वें महाराणा के पद पर नियुक्त किया गया था, ने अपने चाचा अरविंद सिंह के महल में प्रवेश करने का प्रयास किया.

प्रवेश से रोके जाने पर नाथद्वारा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक विश्वराज और उनके समर्थकों ने महल परिसर के बाहर डेरा डाल दिया. सिटी पैलेस के अंदर स्थित एक मंदिर में प्रार्थना करना विश्वराज द्वारा महाराणा पदभार ग्रहण करने के लिए ज़रूरी अनुष्ठानों का हिस्सा है.

पिछले कई दशकों से परिवार संपत्ति विवाद में उलझा हुआ है, जिसमें अरविंद सिंह गुट सिटी पैलेस और इसके तीन आलीशान होटलों के साथ-साथ उदयपुर के प्रसिद्ध एकलिंगजी मंदिर का संचालन करते हैं, लेकिन सोमवार रात को मामला तब और बिगड़ गया जब दोनों गुटों के बीच टकराव के कारण पथराव हुआ जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल को विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने का काम सौंपा गया है.

विश्वराज सिंह के निवास समोर बाग में राजपूत गौरव से भरे समर्थकों की भीड़ है. उनका कहना है कि उन्हें महल में प्रवेश करने से कोई नहीं रोक सकता. इस बीच, महल के द्वार अभी भी नहीं खुले हैं.

दिप्रिंट द्वारा संपर्क किए जाने पर विश्वराज ने कहा, “मुझे अभी भी समझ में नहीं आ रहा है कि यह (हिंसा) क्यों हुई. इतने लोग अन्यथा नहीं आते, वह केवल एकजुटता दिखाने आए थे.”

सिंह ने कहा कि उन्हें बुधवार शाम 5 बजे महल में जाने और परिवार के कुलदेवता की पूजा करने की रस्म पूरी करने की आधिकारिक अनुमति मिल गई है. इससे पहले दिन में, उन्होंने एकलिंगजी मंदिर का दौरा किया — एक और राज्याभिषेक अनुष्ठान.

लक्ष्यराज ने मंगलवार को कहा था, “(एकलिंगजी) मंदिर सभी के लिए खुला है. यह एक ऐसी भावना है जो सभी की है. यह दिखावे के लिए नहीं है.”

लक्ष्यराज ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार से महल के द्वार के बाहर लोगों को इकट्ठा होने से रोकने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अगर विश्वराज को लगता है कि महल उनका है, तो उन्हें कानूनी सहारा लेना चाहिए. “द्वार हमेशा खुले रहते हैं”.

उन्होंने कहा, “अगर मैं आपके घर में घुसना चाहूं, तो क्या मैं बिना अनुमति के ऐसा कर सकता हूं? क्या मुझे यह अधिकार है? और अगर आप मना करते हैं, तो क्या आपके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाएगा?”

लक्ष्यराज ने यह भी दावा किया कि उनके भाजपा विधायक चचेरे भाई को विशेष व्यवहार मिला है क्योंकि वह “सरकार की गोद में बैठे हैं”. उन्होंने कहा कि राज्य की मशीनरी आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध होनी चाहिए.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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