ब्रैम्पटन: कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर सोमवार शाम (स्थानीय समय) एक हज़ार से ज़्यादा कनाडाई हिंदू इकट्ठा हुए और देश में हिंदू मंदिरों पर बार-बार हो रहे हमलों के खिलाफ़ विरोध जताया. मंदिर पर खालिस्तानी चरमपंथियों ने हमला किया था.
एकजुटता रैली के आयोजकों ने कनाडाई राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर खालिस्तानियों को और समर्थन न देने का दबाव डाला.
उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विवरण साझा किए गए.
CoHNA ने दीवाली वीकेंड के दौरान कनाडा भर में हिंदू मंदिरों पर हुए कई हमलों को उजागर किया और देश में “हिंदूफोबिया” को रोकने का आह्वान किया.
पोस्ट में लिखा गया है, “हिंदू मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध में एक हजार से अधिक #CanadianHindus ब्रैम्पटन में एकत्र हुए हैं.”
इसमें आगे कहा गया है, “कल, पवित्र #Diwali weekend के दौरान, कनाडा के हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया. हम कनाडा से इस #Hinduphobia को तुरंत रोकने की मांग करते हैं!”
रविवार को टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में भारतीय वाणिज्य दूतावास शिविर में “हिंसक” एक्टिविटी देखा गया. हमलों के बाद, कनाडा में हिंदू समुदाय के लिए काम करने वाले एक गैर-लाभकारी संगठन हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन ने मंदिर पर हमले का एक वीडियो साझा किया और कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों ने बच्चों और महिलाओं पर हमला किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “जानबूझकर किए गए हमले” की कड़ी निंदा की और कहा कि भारतीय राजनयिकों को “डराने की कायराना कोशिशें” भयावह हैं और नई दिल्ली को उम्मीद है कि कनाडाई अधिकारी न्याय सुनिश्चित करेंगे और कानून का शासन बनाए रखेंगे.
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, “मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे राजनयिकों को डराने की कायराना कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं. हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन बनाए रखेगी.”
प्रधानमंत्री मोदी का यह कड़ा बयान विदेश मंत्रालय द्वारा कल ओंटारियो के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करने के कुछ घंटों बाद आया है.
ब्रैम्पटन में हिंसा के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजा स्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि हिंसा में लिप्त लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा. हम कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं.”
उन्होंने कहा, “भारतीयों और कनाडाई नागरिकों को समान रूप से सेवाएं प्रदान करने के लिए हमारे वाणिज्यिक दूतावास अधिकारियों की आउटरीच किसी धमकी, उत्पीड़न और हिंसा की वजह से नहीं रुकेगी.”
भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति और भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने वाणिज्य दूतावास शिविर के बाहर ‘भारत विरोधी’ तत्वों द्वारा “हिंसक व्यवधान” की निंदा की.
उच्चायोग ने यह भी कहा कि आगे कोई भी कार्यक्रम स्थानीय अधिकारियों द्वारा किए गए “सुरक्षा इंतजामों पर निर्भर” होगा.
हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो कनाडा में धार्मिक असहिष्णुता की चिंताजनक प्रवृत्ति को रेखांकित करती हैं.
यह भी पढ़ेंः कनाडा में हिंदू मंदिर के बाहर हुई हिंसा की ट्रूडो ने की निंदा, बोले- सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार