पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी छठ पर्व की तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को पटना में गंगा नदी के किनारे बने घाटों का निरीक्षण किया.
उन्होंने अधिकारियों को स्वच्छता, सुरक्षा, तथा श्रद्धालुओं के लिए कपड़े बदलने के अस्थायी कक्ष और शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ कुमार ने नसरीगंज घाट से अपना निरीक्षण शुरू किया और स्टीमर से कंगन घाट तक गए.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर प्रकार से छठ घाटों को तैयार कराएं. छठ व्रती सुगमतापूर्वक गंगा नदी के छठ घाटों तक आवागमन कर सकें, इसे ध्यान में रखते हुए रास्तों को दुरूस्त कराएं.
छठ व्रतियों को अर्घ्य देने में कोई परेशानी न हो, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें. छठ व्रतियों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी सुविधाओं का विशेष ख्याल रखें ताकि उन्हें अर्घ्य देने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो.
कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि जिला प्रशासन छठ पर्व महोत्सव के लिए आवश्यक प्रबंध कर रहा है. छठ महोत्सव सात और आठ नवंबर को मनाया जाएगा.
छठ बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक महीने के छठे दिन होता है और इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है.
इस त्योहार में चार दिनों तक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ पवित्रता और उपवास का पालन किया जाता है. पहले दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाई जाती है और श्रद्धालु अक्सर अनुष्ठान के लिए गंगा जल घर ले आते हैं.
दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है, जिसमें दिन भर का उपवास रखा जाता है और धरती माता को अर्घ्य देने के साथ इसका समापन होता है.
तीसरे दिन शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसे सांझिया अर्घ्य भी कहा जाता है.
अंतिम दिन, श्रद्धालु अपना उपवास तोड़ने से पहले उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं तथा पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ प्रसाद बांटते हैं.
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.