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शुक्रवार, 27 जून, 2025
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मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद गिरफ्तार, भेजा गया जेल

संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया है. अमेरिका ने भी अपनी तरफ से उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है और इनाम रखा है.

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नई दिल्ली : वैश्विक आतंकी घोषित और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को बुधवार को पाकिस्तान में दोबारा गिरफ्तार किया है और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

पाकिस्तान के लोग ही हाफिज की गिरफ्तारी का मजाक उड़ाने लगे हैं. पाकिस्तान की लेखिका नायला इनायत ट्विटर पर लिखती हैं कि अगर एक दशक में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी का नोबल प्राइज किसी दिया जाय तो हाफिज सईद इसे जीत सकता है.

माना जा रहा है आर्थिक रूप बेहाल पाकिस्तान किसी तरह की पाबंदी नहीं झेलना चाहता है. उसे फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैक लिस्ट होने का डर है. इसलिए वह प्रतिबंधित आतंकी की गिरफ्तारी का नाटक करने को मजबूर होता है. जो कि उसी का पाला पोसा है.

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया है. अमेरिका ने भी अपनी तरफ से उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है और इनाम भी रखा है.

वहीं बता दें कि हाफिज पर ही 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने का आरोप है. इसका जिक्र भारत बार-बार करता रहा है. भारत ने इसको लेकर सबूत के रूप में अब तक कई दस्तावेज सौंपे हैं. लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक उसके खिलाफ को ठोस कदम उठाने के बजाय महज दिखावा करता रहा है.

सईद ने जुटाया था आतंक के लिए पैसा

बता दें कि इसी महीने पाक में सईद के खिलाफ आतंक के लिए पैसा जुटाने करने का आरोप मामला दर्ज किया गया था. यह कार्रवाई पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधीविभाग ने की थी. हाफिज व 12 सहयोगियों के खिलाफ 23 मामलों में केस दर्ज किया गया था.

यूएनओ और अमेरिका ने 2014 में आतंकी घोषित किया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सईद को दिसंबर 2008 में प्रतिबंधित किया था. नवंबर 2017 में पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा हुआ था. जेयूडी लश्कर ए तैयबा का अग्रिम संगठन माना जाता है. लश्कर ए तैयाबा मुम्बई हमले के जिम्मेदार है जिसमें 166 मारे गये थे. अमेरिका ने जून, 2014 में लश्कर ए तैयबा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था.

एक दिन पहले जमानत मिलने की थी खबर

वहीं इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान की मीडिया के हवाले से खबर थी कि जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज़ सईद और तीन अन्य को लाहौर में एक आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने मदरसा भूमि के कथित अवैध उपयोग से संबंधित एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी है. यह खबर डॉन न्यूज ने प्रकाशित की थी.

एटीसी के जिन अभियुक्तों को अंतरिम जमानत देने की बात थी उनमें सईद, हाफिज मसूद, अमीर हामजा और मलिक जफर शामिल हैं, जिन्हें 31 अगस्त तक 50 हज़ार रुपये पर जमानत देकर गिरफ्तारी से छूट देने की बात कही गई थी. सुनवाई के दौरान आरोपी के कानूनी वकील ने जोर देकर कहा था कि जमात-उद-दावा अवैध रूप से भूमि के किसी भी हिस्से का उपयोग नहीं कर रहा है और अदालत से जमानत याचिका स्वीकार करने का आग्रह किया था.

इस बीच लाहौर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) को हाफिज की ओर से दायर की गई याचिका के संदर्भ में नोटिस जारी किया था.

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