गोवा में एससीओ बैठक में बिलावल भुट्टो के अनुचित व्यवहार के विपरीत, एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा भारत की बेहतर डिप्लोमेसी का एक उदाहरण थी. उन्होंने मैत्रीपूर्ण लेकिन दृढ़ता से बातचीत की और पाकिस्तान व चीन दोनों को आतंकवाद और क्षेत्रीय अखंडता पर भारत के रुख से अवगत कराया. बयानबाजी पर संयम बरतना परिपक्वतापूर्ण व्यवहार को दर्शाता है.