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Tuesday, 17 December, 2024
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48 साल कांग्रेस में रहे फिर ज्वाइन की NCP, सलमान-शाहरुख के बीच कराई सुलह, कौन थे बाबा सिद्दीकी

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की शनिवार को मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमलावरों में से 2 को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके थे.

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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी, जो इस साल की शुरुआत में कांग्रेस पार्टी छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) में शामिल हुए थे, उनकी शनिवार को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई. वे 65 वर्ष के थे.

तीन हमलावरों ने उन पर दो-तीन राउंड फायरिंग की. दो को हिरासत में लिया गया है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडियाकर्मियों से कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. मैंने पुलिस और डॉक्टरों से जानकारी ली है. दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, एक यूपी से और दूसरा हरियाणा से है और एक आरोपी फरार है. जो कुछ भी हुआ है वह दुखद है. किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में नहीं लेनी चाहिए. मैंने सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.”

शिंदे ने घोषणा की है कि सिद्दीकी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

सिद्दीकी 48 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद फरवरी में अजित पवार की एनसीपी में शामिल हुए थे. वह बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे.

वह 1992 और 1997 में कांग्रेस के टिकट पर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पार्षद चुने गए. 1999 में उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर बांद्रा पश्चिम से जीत हासिल की. ​​2004 और 2009 में भी वह सीट पर बने रहे.

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़, जो उनकी पिछली पार्टी की पूर्व सहयोगी थीं, ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया.

गायकवाड़ ने एक्स पर लिखा, “श्री बाबा सिद्दीकी जी पर गोलीबारी की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. शहर में क्या चल रहा है? यह कैसे हो सकता है? मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं.”

एनसीपी के दूसरे धड़े के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए.

पवार ने एक्स पर लिखा, “राज्य की ध्वस्त कानून व्यवस्था चिंता का विषय है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पूर्व राज्य मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या किया जाना दुखद है. अगर गृह मंत्री और हुक्मरान राज्य की गाड़ी को इस तरह से आगे बढ़ा रहे हैं, तो यह आम लोगों के लिए खतरे की घंटी है. इसकी न केवल जांच की जरूरत है, बल्कि हुक्मरानों को जिम्मेदारी स्वीकार कर पद से हटने की भी जरूरत है. बाबा सिद्दीकी को भावभीनी श्रद्धांजलि. उनके परिवार के प्रति संवेदना.”

सिद्दीकी कौन थे?

पटना में जन्मे और मुंबई में पले-बढ़े सिद्दीकी ने अपनी किशोरावस्था में कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.

सिद्दीकी को दिवंगत अभिनेता और पूर्व सांसद सुनील दत्त राजनीति और कांग्रेस में लेकर आए थे. वह दत्त परिवार के करीबी और विश्वासपात्र थे और दोनों परिवारों के बीच आज भी घनिष्ठ संबंध हैं.

जब दत्त की बेटी प्रिया 2005 में अपने पहले लोकसभा चुनाव में खुद के लिए प्रचार नहीं कर पाई थीं, तो सिद्दीकी ने उनके लिए जोरदार प्रचार किया था. प्रिया दत्त गर्भवती थीं और चुनाव से ठीक पहले उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा था.

यहां तक ​​कि जब प्रिया बाद में मुंबई कांग्रेस की आंतरिक गुटीय राजनीति का न चाहते हुई भी शिकार हो गईं तो सिद्दीकी ने ही उन्हें इससे बाहर निकलने में मदद की थी.

उनकी मृत्यु पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पूर्व कांग्रेस सांसद प्रिया ने एक्स पर पोस्ट किया कि वह सिद्दीकी की दुखद मौत से “स्तब्ध हैं और हिल गई हैं” हैं और वह उनके लिए एक राजनीतिक सहयोगी से कहीं अधिक थे. उन्होंने लिखा, “वह परिवार की तरह थे.”

उन्होंने कहा, “मेरे पिता के लिए बाबा सिद्दीकी एक बेटे की तरह थे और मेरे लिए वे एक भाई और एक प्यारे दोस्त थे. मेरे पिता की राजनीतिक यात्रा के दौरान और उसके बाद भी वे उनके साथ मजबूती से खड़े रहे. जब मैंने राजनीति में प्रवेश किया, तो उन्होंने मुझे इसके उतार-चढ़ाव के दौरान मार्गदर्शन किया और अपना अटूट समर्थन दिया.”

विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, सिद्दीकी ने कांग्रेस-एनसीपी सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम, खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) और उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. 2014 में, वे भाजपा के आशीष शेलार से हार गए.

बांद्रा के इस प्रभावशाली राजनेता के बॉलीवुड से भी करीबी संबंध थे. उन्हें संजय दत्त और सलमान खान का करीबी माना जाता था. उनकी सालाना इफ्तार पार्टियों में हाई-प्रोफाइल मेहमान आते थे, जिनमें राजनीतिक दिग्गज, बॉलीवुड हस्तियां और उद्योगपति शामिल होते थे. बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान और सलमान खान के बीच 2013 में उनकी एक इफ्तार पार्टी में उनके बीच चल रहा “कोल्ड वॉर” खत्म हो गया था.

जून 2017 में, प्रवर्तन निदेशालय ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में सिद्दीकी के कार्यालय और आवास पर छापा मारा था. यह छापेमारी 2012 के एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज पुलिस केस के आधार पर की गई थी.

सात इमारतों वाली यह परियोजना बांद्रा रिक्लेमेशन क्षेत्र में स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) योजना के तहत स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य बांद्रा में जमात-ए-जमूरिया झुग्गियों के निवासियों का पुनर्वास करना था. कथित तौर पर यह कॉन्ट्रैक्ट सिद्दीकी के संपर्क के कारण डेवलपर्स को दिया गया था.

उनके बेटे जीशान सिद्दीकी बांद्रा ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधायक बने हैं. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जीशान, हालांकि कांग्रेस के विधायक हैं, पर अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए अजीत पवार की एनसीपी में शामिल हो सकते हैं.

इस साल महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में जीशान पर आरोप लगा था कि वह उन कांग्रेस विधायकों में शामिल थे जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी. जीशान को बांद्रा में अजीत पवार की रैली में अपने पिता के साथ मंच साझा करते हुए भी देखा गया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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