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Monday, 30 September, 2024
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उदयनिधि का डिप्टी सीएम बनना और कैबिनेट में 4 दलित मंत्री, तमिलनाडु में 2026 चुनाव के लिए क्या है DMK की रणनीति

सेंथिल बालाजी की बहाली पश्चिमी तमिलनाडु में उनके समर्थन आधार के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण है, जो डीएमके की उस क्षेत्र में पैठ बनाने की महत्त्वाकांक्षाओं को दर्शाता है जहां पिछली बार एआईएडीएमके ने सबसे अधिक सीटें जीती थीं.

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चेन्नई: महीनों की अटकलों के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को कैबिनेट में हुई फेरबदल के बाद उपमुख्यमंत्री के पद पर पदोन्नत कर दिया गया है. इस फेरबदल में चार विधायकों को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है – जिसमें पूर्व बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी भी शामिल हैं, जिन्हें 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था.

शनिवार रात राजभवन से एक प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की गई कि राज्यपाल ने उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित करने और उन्हें उनके मौजूदा पोर्टफोलियो, युवा कल्याण और खेल विकास विभाग के अलावा योजना और विकास विभाग आवंटित करने की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी, डॉ. गोवी चेझियान, आर. राजेंद्रन और एस.एम. नासर को मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिशों को भी मंजूरी दे दी है.

इस घटनाक्रम ने उदयनिधि की पदोन्नति और कैबिनेट फेरबदल को लेकर हफ्तों से चल रही अटकलों की पुष्टि की. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि यह कदम 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों का सामना करने की पार्टी की बड़ी योजना का हिस्सा है.

DMK के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “लोगों को बेतरतीब ढंग से हटाया या जोड़ा नहीं गया. यह 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने के लिए जानबूझकर लिया गया फैसला था.”

इस संदर्भ में, बालाजी को फिर से कैबिनेट में शामिल करना महत्वपूर्ण है, जिन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र में उनका काफी जनाधार है. बालाजी इस क्षेत्र के गौंडर समुदाय के एक प्रभावशाली नेता हैं.

यह सत्तारूढ़ द्रमुक की उस क्षेत्र में पैठ बनाने की महत्त्वाकांक्षाओं को भी रेखांकित करता है, जहां अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने 2021 के विधानसभा चुनावों में अधिकांश सीटें जीती थीं.

इसके अतिरिक्त, चेझियान के शामिल होने से तमिलनाडु विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार होगा कि राज्य मंत्रिमंडल में चार दलित मंत्री हैं.

वह अरुंथथियार समुदाय से एम. मथिवेंथन, देवेंद्र कुला वेल्लालर समुदाय से एन कयालविझी सेल्वराज और आदि द्रविड़ समुदाय के सी.वी. गणेशन के साथ शामिल होंगे.

वरिष्ठ द्रमुक नेताओं ने कहा कि उदयनिधि की पदोन्नति को लेकर पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं है क्योंकि वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “कोई टकराव नहीं दिख रहा है, लेकिन कुछ वरिष्ठ मंत्री इस बात से डरे हुए थे कि उनके विभागों में गड़बड़ी हो सकती है. जब उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके विभागों में गड़बड़ी नहीं की जाएगी, तो वे मान गए.”

इसके बजाय, स्टालिन ने अपने विभागों में से एक, योजना और शहरी विकास, उदयनिधि को दे दिया – जिसे पार्टी के सदस्य वरिष्ठ नेताओं को खुश करने के कदम के रूप में देखते हैं.

राज्य के एक कैबिनेट मंत्री ने दिप्रिंट को बताया, “सभी महत्वपूर्ण विभाग वरिष्ठ मंत्रियों के पास होने के कारण, यदि कोई विभाग किसी वरिष्ठ से ले लिया जाता है, तो इससे यह लग सकता है कि उदयनिधि अपने वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों से आगे निकल गए हैं. यही एकमात्र कारण है कि सीएम ने अपना विभाग उदयनिधि को आवंटित किया.”

गीता जीवन और राजा कन्नप्पन सहित कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से अपील की कि उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए.


यह भी पढ़ेंः AIADMK से पश्चिमी TN को छीनने की कोशिश, कोयंबटूर एयरपोर्ट को लेकर 14 साल पुराने विवाद को DMK ने किया खत्म


कैबिनेट फेरबदल DMK का 2026 का प्लान दिखाता है

पार्टी सूत्रों ने कहा कि उदयनिधि को पदोन्नत करने की योजना जनवरी की शुरुआत में ही तैयार कर ली गई थी, लेकिन बहुजन समाज पार्टी के नेता के. आर्मस्ट्रांग की हत्या और बालाजी की लंबित जमानत याचिका सहित विभिन्न कारणों से इसे स्थगित रखा गया था. विधानसभा चुनावों के लिए उन्हें पार्टी का चेहरा बनाने के लिए यह कदम उठाया गया.

अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) और नाम तमिलझार काची के स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की तैयारी है, और भाजपा और एआईएडीएमके के निकट भविष्य में हाथ मिलाने के मूड में नहीं होने के कारण, 2026 में पांच मोर्चे मैदान में होंगे.

ऊपर उद्धृत मंत्री ने कहा, “2026 में संभावित पंच-कोणीय लड़ाई में, हमें भाजपा के के. अन्नामलाई और टीवीके के विजय के बराबर एक युवा नेता की आवश्यकता थी. यह कदम 2026 के चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है.”

उदयनिधि पहले से ही चुनावों के समन्वय के लिए गठित समिति का हिस्सा हैं और भले ही के.एन. नेहरू, थंगम थेन्नारासु और ई.वी. वेलु सहित वरिष्ठ मंत्री भी समिति में हैं, लेकिन उदयनिधि ही बैठकें बुला रहे हैं और स्टालिन को घटनाक्रम की जानकारी दे रहे हैं.

बालाजी की फिर से नियुक्ति भी चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई थी.

2021 में, हालांकि डीएमके के गठबंधन, जिसमें कांग्रेस और वीसीके शामिल थे, ने 159 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन इसमें भी अकेले डीएमके ने 133 सीटें थी जो कि खुद-ब-खुद बहुमत का आंकड़ा था. पर पार्टी राज्य के पश्चिमी क्षेत्र कोयंबटूर जिले में एक भी सीट नहीं जीत सकी. इस जिले में एआईएडीएमके ने नौ सीटों पर और भाजपा ने एक सीट पर जीत हासिल की.

हालांकि, जनवरी 2022 में बालाजी को कोयंबटूर और आसपास के जिलों का प्रभारी बनाए जाने के बाद, उन्होंने कोयंबटूर शहर नगर निगम में मेयर पद सहित गांव और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित की.

पार्टी के सूत्रों के अनुसार, उन्हें बिजली मंत्री नियुक्त किए जाने की संभावना है. यही पद उन्होंने पिछली बार भी संभाला था.

आरक्षित तिरुविदमारुदुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक गोवी चेझियान की कैबिनेट में नियुक्ति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि डीएमके की आलोचना अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की पार्टी के रूप में की जाती रही है.

डीएमके के सूत्रों के अनुसार, उन्हें उच्च शिक्षा विभाग आवंटित किए जाने की संभावना है, जिससे वह दक्षिण-पूर्वी तंजावुर जिले से एकमात्र मंत्री बन जाएंगे.

सलेम उत्तर से विधायक आर. राजेंद्रन की नियुक्ति सलेम जिले में एआईएडीएमके के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए की गई है, जो पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी का पैतृक जिला है.

राजेंद्रन पहली बार 2006 में जिले से विधायक चुने गए थे. हालांकि वे 2011 का चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने 2016 और 2021 में विधानसभा चुनाव जीते.

जल्द ही घोषित किए जाएंगे पोर्टफोलियो

हालांकि मंत्रियों के लिए विभागों पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के करीबी सूत्रों ने पुष्टि की है कि आवंटन मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से किया जाएगा.

पार्टी के एक सूत्र ने पुष्टि की कि नासर को अल्पसंख्यक कल्याण, अनिवासी तमिलों के कल्याण, शरणार्थियों और विस्थापितों और वक्फ बोर्ड का मंत्री बनाया जाएगा.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि के. पोनमुडी, जो वर्तमान में उच्च शिक्षा विभाग संभाल रहे हैं, को वन विभाग में पुनः नियुक्त किया जाएगा, जबकि वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु को पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भी आवंटित किया जाएगा. आदि द्रविड़ कल्याण मंत्री एन. कायलविझी सेल्वराज को मानव संसाधन प्रबंधन विभाग आवंटित किया जाएगा.

राज्य सरकार द्वारा अनुशंसित विभागों की पूरी सूची रविवार को उपमुख्यमंत्री और अन्य कैबिनेट सहयोगियों के शपथ लेने के बाद जारी की जाएगी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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