नई दिल्ली: एक बड़े घटनाक्रम में, अफ्रीकी देश मोरक्को ने WhAP 8×8 इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल के निर्माण के लिए टाटा समूह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें न्यूनतम 35 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री होगी.
मोरक्को से आ रही रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 36 महीनों की अवधि में स्वदेशी सामग्री के प्रयोग को 50 प्रतिशत के स्तर तक बढ़ाया जाएगा. यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि कितने WhAP खरीदे जा रहे हैं.
जबकि भारतीय सेना ने खुद बहुत सीमित संख्या में WhAP खरीदे हैं, जिन्हें अन्य परिचालन क्षेत्रों के अलावा लद्दाख में भी तैनात किया गया है, लेकिन बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के लिए एक बड़ा ऑर्डर लंबित है.
मोरक्को में टाटा द्वारा किया गया यह पहला सौदा नहीं है. पिछले साल, रॉयल मोरक्कन आर्म्ड फोर्सेज ने अपने छह-पहिए वाले 90 सैन्य ट्रकों की खरीददारी की थी.
WhAP, या पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफ़ॉर्म, भारत का पहला पानी और जमीन पर चलने वाला पैदल सेना का लड़ाकू वाहन (पहिएदार) है, और इसे हर तरह की परिस्थितियों में लड़ने, सभी इलाकों में काम करने और बढ़ी हुई मारक क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है.
सरकारी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ संयुक्त रूप से डिज़ाइन किए गए, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के प्रमुख उत्पाद में स्वचालित ट्रांसमिशन, फ्लोटेशन और प्रोपल्शन के साथ इंटीग्रेटेड पावर पैक है.
WhAP का दो वीपन कॉन्फिगुरेशन में अनावरण किया गया है. शुरू में यह छत पर लगे, रिमोट नियंत्रित रिमोट हथियार सिस्टम के साथ आया था, जिसमें 30×113 मिमी ऑटोकैनन और 7.62×51 मिमी कोएक्सियल मशीन गन लगी हुई थी.
इसमें एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल लांचर के एकीकरण की संभावना के साथ एक स्वचालित ग्रेनेड लांचर भी था.
एक अन्य संस्करण BMP 2 के टरेट के साथ आया और ऊपर बताए गए अन्य हथियारों के अलावा 30 मिमी ऑटोकैनन से लैस था.
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