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Thursday, 21 November, 2024
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हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों के ‘50 वोट के बदले एक नौकरी’ के वादे पर क्यों हो रहा है विवाद

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और राज्य भाजपा इकाई ने पांच अक्टूबर को होने वाले चुनाव से पहले कांग्रेस पर कटाक्ष किया, जहां बेरोज़गारी एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरी है. हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने उम्मीदवारों के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.

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गुरुग्राम: कांग्रेस ने चुनावी राज्य हरियाणा में खुद को उस समय विवादों से घिरा पाया जब उसके नेताओं ने कथित तौर पर योग्यता के बजाय सिफारिशों के आधार पर नौकरी देने का वादा किया.

नौकरी विवाद ने कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं क्योंकि पांच अक्टूबर के विधानसभा चुनाव के बाद दो नेताओं, फरीदाबाद एनआईटी विधायक नीरज शर्मा और रेवाड़ी उम्मीदवार चिरंजीव राव ने उपमुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश किया है.

हालांकि, कांग्रेस को सत्ताधारी भाजपा के मुकाबले राज्य में बढ़त हासिल है, जो 10 साल सत्ता में रहने के बाद सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही है, लेकिन ये ताज़ा विवाद ऐसे समय में सामने आए हैं, जब चुनाव बस कुछ ही दिन दूर हैं.

भाजपा राज्य इकाई के एक्स हैंडल से कांग्रेस नेताओं के वीडियो पोस्ट कर रही है, जिसमें लोगों को बताया जा रहा है कि हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल योग्यता के बजाय सिफारिशों के आधार पर नौकरी दे रहा है. यहां तक ​​कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट करके इस मुद्दे पर कांग्रेस पर कटाक्ष किया है.

फरीदाबाद एनआईटी से दोबारा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा द्वारा बेरोज़गारी के मुद्दे पर हर 50 वोट पर एक नौकरी देने का वादा करने के बाद नौकरियों का विवाद शुरू हुआ.

शर्मा ने एक सार्वजनिक सभा में अपने समर्थकों से कहा, “अगर आप मुझे जिताकर भेजेंगे, तो मुझे 2,000 नौकरियों का कोटा मिलेगा और हर 50 वोट पर एक नौकरी मिलेगी. योग्यता की यह अवधारणा हमारे लोगों की समझ से परे है.”

जब उनकी टिप्पणी पर विवाद हुआ, तो शर्मा ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि चुनाव में लगभग एक करोड़ से ज़्यादा लोग वोट डालने वाले हैं और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 2 लाख नौकरियों की घोषणा की, “यह स्वाभाविक है कि हर 50 मतदाताओं में से एक को नौकरी मिलेगी”.

उन्होंने कहा, “मेरे बयान को भाजपा ने बेवजह तोड़-मरोड़ कर पेश किया है ताकि फर्जी कहानी गढ़ी जा सके.”

संपर्क किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने दिप्रिंट से कहा कि कांग्रेस पहले ही हरियाणा में बेरोज़गार युवाओं को दो लाख नौकरियां देने का वादा कर चुकी है और पार्टी के उम्मीदवार इसी वादे को दोहरा रहे हैं. उन्होंने भाजपा पर “अधूरे वीडियो” पोस्ट करके कांग्रेस उम्मीदवारों के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) की शोधकर्ता ज्योति मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया कि बेरोज़गारी एक गंभीर मुद्दा है जो आगामी राज्य चुनावों में मतदाताओं के व्यवहार को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है.

मिश्रा ने कहा, “नौकरी देने पर जोर देने के बावजूद कांग्रेस को भाजपा की ओर से हमलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उस पर पक्षपात की राजनीति पर वापस लौटने का आरोप लगाया जा रहा है, जिससे कुछ मतदाताओं के बीच बेरोज़गारी के मुद्दे पर उसकी कहानी का प्रभाव कम हो सकता है.”


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‘पर्ची-परमेश्वर’

नौकरियों के मुद्दे पर अपने विवादित बयानों के लिए आलोचनाओं के घेरे में शर्मा अकेले नहीं हैं. कांग्रेस नेताओं ने नौकरियों पर कई बयानों के लिए खुद को भाजपा के निशाने पर पाया है, जिसके बारे में सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि यह कोटा मांगने और सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी सुरक्षित करने के लिए एक “पर्ची-परमेश्वर” (सिफारिश) प्रणाली है.

असंध से पूर्व विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार शमशेर गोगी ने भी एक सार्वजनिक बैठक में “अपनों का ख्याल रखने” का वादा करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया.

गोगी ने कहा, “सभी को सरकार में हिस्सा मिलेगा और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे रिश्तेदार भी खुश रहें. हम बाहर से आने वालों को भी भाईचारे में बसाएंगे. हम पहले अपने लोगों का ख्याल रखेंगे. इसलिए सरकार बनाने के लिए चुनाव जीतना ज़रूरी है.”

कांग्रेस ने इन बयानों से खुद को अलग करते हुए कहा कि ये निजी हैं, लेकिन इससे भाजपा को विपक्ष पर निशाना साधने से रोकने का मौका नहीं मिला.

सीएम सैनी ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें लिखा था, “कांग्रेस मैनिफेस्टो का दूसरा वादा पहले अपना घर भरो बाद में कुछ बच जाए तो जनता के लिए करो….”

भाजपा का “पर्ची-परमेश्वर” वाला बयान हरियाणा कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के एक वीडियो के वायरल होने के बाद आया है, जिसमें उन्होंने युवाओं को 5,000 नौकरियां देने का वादा किया है. उदय भान अपने पारंपरिक होडल विधानसभा क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.

उदय भान वीडियो में कह रहे हैं, “हमारी सरकार सत्ता में आएगी और उदय भान इसके केंद्र में होंगे. हम कम से कम 5,000 लोगों को सरकारी नौकरी देंगे. यह हमारा वादा है.”

हरियाणा भाजपा इकाई ने अपने आधिकारिक हैंडल से यह वीडियो शेयर किया. पोस्ट का कैप्शन है: “पर्ची-परमेश्वर के हिस्सेदारों में कोटा मांगने और नौकरियों में हिस्सेदारी बताने की जैसे होड़ लग गई है. कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कह रहा है कि 5 हज़ार युवाओं की नौकरी पर्ची से लगाऊंगा और सिर्फ अपनों को नौकरी दूंगा. बाकी हरियाणा के पढ़ने लिखने वाले युवा जाएं तेल लेने.”

भाजपा ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों के दौरान बिना किसी रिश्वत या सिफारिश के बेरोज़गार युवाओं को नौकरी दी है.

बीजेपी ने गन्नौर से कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप शर्मा और उनके बेटे चाणक्य पंडित की सरकारी नौकरियों पर की गई टिप्पणी की भी आलोचना की.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वकील चाणक्य पंडित — जो लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस टिकट के आकांक्षी थे, एक वीडियो सामने आने के बाद आलोचनाओं के घेरे में आ गए, जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है कि वे कांग्रेस के दिग्गज नेता हुड्डा के पास नौकरी के आवेदन लेकर जाएंगे, जिन्हें चुनाव में पार्टी का चेहरा माना जाता है.

उन्होंने एक रैली में कहा, “मैं आपको अपना नंबर देता हूं और आप बस अपना रोल नंबर मेरे पास लेकर आएं. मैं आपका आवेदन चौधरी भूपेंद्र हुड्डा के पास ले जाऊंगा.”

सीएम सैनी ने अपने एक्स हैंडल से चाणक्य का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “हुड्डा के काम करने का तरीका और कांग्रेसी कल्चर को जगजाहिर करते हुए…हरियाणा में हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस अब केवल पार्टी नहीं रही दुकान हो चुकी है. दाम दो नौकरी लो. यह हरियाणा के मेहनती युवाओं का,गरीबों के सपनों का और हरियाणा के स्वाभिमान का अपमान है.”

उदयभान से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका.

चाणक्य पंडित ने कहा कि हालांकि, वे उम्मीदवार नहीं हैं, लेकिन वे अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सरकार तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

पंडित ने कहा, “भाजपा सरकार का रिश्वत या सिफारिश के बिना नौकरी देने का दावा एक दिखावा है और यह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष लंबित भर्तियों के खिलाफ याचिकाओं की संख्या से साबित होता है. नीट इतनी पवित्र प्रवेश परीक्षा है कि इसे यूपीएससी परीक्षा के बराबर माना जाता है, लेकिन भाजपा शासन के दौरान नीट परीक्षा भी लीक हो गई.”

सीएम सैनी ने कांग्रेस पर तब भी हमला बोला जब कुलदीप शर्मा ने एक सभा में कहा कि हुड्डा दो लाख सरकारी नौकरियां ला रहे हैं और “आपका जो भी हिस्सा होगा, हम उससे 20-25 प्रतिशत अधिक देंगे”.

सैनी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से शर्मा का वीडियो पोस्ट करके इस टिप्पणी के साथ जवाब दिया, “कांग्रेस का ध्येय वाक्य…“लूटा था लूटेंगे नौकरी खर्ची-पर्ची से बांटी थी बाटेंगे. ये हैं गन्नौर से कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप शर्मा जी.”

हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान कोई स्थायी नौकरी नहीं दी, बल्कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिए अनुबंध के आधार पर लोगों की भर्ती करती रही.

उन्होंने कहा, “हमने सभी खाली पड़े पदों को भरने और युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर दो लाख नौकरियां देने की घोषणा की है. भाजपा अधूरे वीडियो पोस्ट करके कांग्रेस उम्मीदवारों के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रही है.”

सीएसडीएस की मिश्रा ने कहा कि राजनीतिक दल बेरोज़गारी के मुद्दे के महत्व को समझते हैं और इन चिंताओं को दूर करने के लिए अपने अभियान तैयार कर रहे हैं, जिसमें युवा मतदाता विशेष रूप से इन वादों से प्रभावित हैं.

उन्होंने कहा कि बेरोज़गारी पर ध्यान लोकसभा चुनावों में इसकी प्रमुखता से उपजा है, जहां यह हरियाणा के मतदाताओं के बीच एक प्रमुख चिंता का विषय था.

उन्होंने कहा, चुनाव के बाद लोकनीति-सीएसडीएस एनईएस पोल के अनुसार, 26 प्रतिशत मतदाता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की रोज़गार सृजन में असमर्थता से असंतुष्ट थे और 40 प्रतिशत मतदाता इस मुद्दे के कारण भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को एक और कार्यकाल देने के लिए तैयार नहीं थे.

मिश्रा ने कहा, “सभी उम्मीदवार रोज़गार सृजन और राज्य में व्याप्त रोज़गार संकट को दूर करने का वादा कर रहे हैं. पार्टी के उम्मीदवार स्थानीय स्तर पर इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, अपने संदेशों को इस तरह से ढाल रहे हैं कि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके मतदाता महसूस करें कि ये वादे उनके निर्वाचन क्षेत्रों में यथार्थवादी और प्राप्त करने योग्य हैं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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