सोनिया गांधी की राज ठाकरे से मुलाकात कांग्रेस के वैचारिक संकट को दर्शाती है. कांग्रेस पार्टी अपनी राजनीतिक स्थिति से परेशान होकर अब साम्यवाद, समाजवाद और नरम हिंदुत्व का अनुसरण करते हुए क्षेत्रीय, स्वदेशी भाव रखने वाले नेताओं को भी साथ लाने के लिए तैयार है. मोदी युग में वैचारिक मिलावट संकट में फंसने की विधि है.