ढाका: ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है. बांग्लादेश के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव जोयनल आबेदीन ने यह घोषणा की.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख की नियुक्ति के बारे में निर्णय राष्ट्रपति शहाबुद्दीन और भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों के बीच एक बैठक के दौरान लिया गया.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जोयनल आबेदीन ने कहा कि अंतरिम सरकार के बाकी के सदस्यों के नाम को विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन की 13 सदस्यीय टीम बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति और अंतरिम सरकार की रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए बंगभवन गई थी. वे राष्ट्रपति और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों से मिलने के लिए मंगलवार को शाम 6 बजे (स्थानीय समय) बंगभवन गए.
5 अगस्त को बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर शेख हसीना द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद बांग्लादेश अस्थिर राजनीतिक स्थिति का सामना कर रहा है. सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग करने वाले छात्रों द्वारा मुख्य रूप से किए गए विरोध प्रदर्शन, सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गए.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना द्वारा बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के एक दिन बाद, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम प्रशासन के गठन के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा की.
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की तीनों सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं के साथ बैठक के निर्णय के आधार पर राष्ट्रीय संसद को भंग कर दिया गया.
इसमें आगे कहा गया कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया है. बयान में कहा गया कि 1 जुलाई से 5 अगस्त तक छात्र आंदोलन और विभिन्न मामलों में हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिनमें से कई को पहले ही रिहा किया जा चुका है.
सोमवार को एक बयान में राष्ट्रपति की प्रेस टीम ने कहा कि शहाबुद्दीन की अगुवाई में हुई बैठक में खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का “सर्वसम्मति से फैसला” लिया गया. राष्ट्रपति के बयान में कहा गया, “बैठक में छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा करने का भी फैसला किया गया है.”