scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशदृष्टि IAS के संस्थापक ने UPSC एस्पिरेंट्स की मौत पर तोड़ी चुप्पी — ‘हर कोई बलि का बकरा चाहता है’

दृष्टि IAS के संस्थापक ने UPSC एस्पिरेंट्स की मौत पर तोड़ी चुप्पी — ‘हर कोई बलि का बकरा चाहता है’

विकास दिव्यकीर्ति ने एक बयान में घटना पर अपनी देरी से प्रतिक्रिया के लिए माफी मांगी और कहा कि छात्रों का गुस्सा ‘जायज़’ है. हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें ‘निशाना बनाया जा रहा है’.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रसिद्ध शिक्षक और लोकप्रिय कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस के प्रमुख विकास दिव्यकीर्ति ने मंगलवार को एक बयान जारी कर तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स की मौत पर अपनी देरी से प्रतिक्रिया के लिए माफी मांगी, जो दिल्ली के राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने के बाद डूब गए थे.

यह बयान सोमवार रात को उनके घर के बाहर कई यूपीएससी एस्पिरेंट्स के इकट्ठा होने और मौतों पर समर्थन और प्रतिक्रिया की मांग करने के एक दिन बाद आया.

विकास दिव्यकीर्ति द्वारा मंगलवार दोपहर हिंदी में जारी बयान में कहा गया, “हम अधूरी जानकारी के आधार पर टिप्पणी नहीं करना चाहते थे, और देरी के लिए हम माफ़ी चाहते हैं.”

इस घटना के बाद पूरे शहर में छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली के आईएएस कोचिंग हब, ओल्ड राजिंदर नगर और मुखर्जी नगर में सैकड़ों सिविल सेवक एस्पिरेंट्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

बयान में कहा गया, “इस दुर्घटना को लेकर छात्रों में गुस्सा पूरी तरह से जायज़ है. यह गुस्सा कोचिंग संस्थानों के लिए सरकारी नीति दिशानिर्देशों की वकालत करने की दिशा में निर्देशित किया जाए तो यह फायदेमंद होगा. हम इस संबंध में सरकार के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने के लिए तैयार हैं.”

इसमें दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा की गई कार्रवाई का भी ज़िक्र किया गया.

इसमें कहा गया, “पिछले कुछ दिनों में दिल्ली नगर निगम द्वारा की गई व्यापक कार्रवाई एक स्वागत योग्य विकास है.”

बयान में दिव्यकीर्ति ने सरकार के लिए कदम उठाने का सुझाव दिया.

उन्होंने कहा, “इस समस्या का स्थायी समाधान यह होगा कि सरकार दिल्ली में कोचिंग संस्थानों के लिए विशिष्ट क्षेत्रों का चयन करे. अगर सरकार खुद म्यूजियम, लाइब्रेरी और हॉल तैयार करेगी, तो उनके रखरखाव या सुरक्षा प्रावधानों के साथ कोई समस्या नहीं होगी.” उन्होंने सुझाव दिया, “हम आपको आश्वासन देते हैं कि हम छात्रों की सुरक्षा के बारे में अधिक सतर्क रहेंगे.”

हालांकि, एएनआई से बात करते हुए, दिव्यकीर्ति ने दावा किया कि उनके साथ “बलि का बकरा” जैसा व्यवहार किया जा रहा है. उनके द्वारा स्थापित संस्थान दृष्टि आईएएस उन कोचिंग सेंटरों में से एक है, जिनके बेसमेंट को शनिवार की घटना के बाद एमसीडी ने सील कर दिया है.

उन्होंने कहा, “मुझे निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि ऐसे मामलों में हर कोई बलि का बकरा चाहता है. इससे प्रशासन के लिए चीज़ें आसान हो जाती हैं. उन्हें लगता है कि वे सुरक्षित हैं और वे उस एक व्यक्ति को पीड़ित होने देते हैं और यहां तक ​​कि समाज को भी लगता है कि उन्होंने आरोपी को पकड़ लिया है…छात्र भावनात्मक उथल-पुथल से गुज़र रहे हैं. उनके गुस्से का कारण यह है कि मैं उनके साथ क्यों नहीं खड़ा हुआ.”

दिव्यकीर्ति ने कहा, “सीलिंग की कार्रवाई 50 से अधिक संस्थानों में हुई, उनमें से एक हमारा भी है…तीन बच्चों की मौत हो गई, यह एक दर्दनाक मौत थी…अभी विरोध कर रहे छात्रों द्वारा कही गई सभी बातें सही हैं. यह अच्छा है कि मैं आज तीन-चार छात्रों से मिला हूं. मेरी दिल्ली के एलजी के साथ बैठक हुई थी. उस बैठक में कुछ छात्र भी आए थे और कई संस्थानों के मालिक भी थे. दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारी भी थे…डीडीए, एमसीडी, अग्निशमन विभाग, मुख्य सचिव भी थे.”

ओल्ड राजिंदर नगर में प्रदर्शन कर रहे एस्पिरेंट्स ने एमसीडी कमिश्नर से धरना स्थल पर आने की मांग की है. वे मृतकों के परिवारों के लिए एक करोड़ रुपये का मुआवजा और क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं.

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने सोमवार को तीनों एस्पिरेंट्स के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: सीमित बजट, परिवार से दूर, दो वक्त का खाना, — UPSC की तैयारी की भारी कीमत


 

share & View comments