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Friday, 8 November, 2024
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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दिया

विरल आचार्य पिछली दो मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान बाकी सदस्यों से अलग राय रख रहे थे.

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नई दिल्ली : आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही पद छोड़ दिया. उन्होंने अपने कार्यकाल के ख़त्म होने के छह महीने पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया है.

आचार्य ने 26 अक्टूबर, 2018 को आरबीआई की स्वायत्तता कायम रखने को लेकर बयान दिया था. वह पिछली दो मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान बाकी सदस्यों से अलग राय रख रहे थे.

आरबीआई ज्वाइन करने वाले आचार्य आर्थिक उदारीकरण के बाद केंद्रीय बैंक के सबसे कम उम्र के डिप्टी गवर्नर थे. उन्होंने 23 जनवरी, 2017 को आरबीआई को ज्वाइन किया था. आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के बाद विरल आचार्य मौद्रिक नीति समीक्षा में अन्य सदस्यों से अलग राय रखते थे.

पिछले सात महीने में पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के बाद ये दूसरे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया हैं .

बिज़नेस स्टैंडर्ड के मुताबिक विरल आचार्य जो कि मौद्रिक नीति के प्रभारी थे, वे फरवरी 2020 के बजाय अगस्त में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में लौटेंगे.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एनएस विश्वनाथन डिप्टी गवर्नर जिनका कार्यकाल जुलाई के पहले सप्ताह में समाप्त होने वाला है. उन्हें एक और कार्यकाल मिलने की संभावना है और आरबीआई में कार्यकारी निदेशक माइकल पात्रा और वित्त मंत्रालय में प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल भी डिप्टी गवर्नर के पद की दौड़ में हैं.

आपको बता दे इससे पहले अरविंद सुब्रमण्यम ने जुलाई 2018 में व्यक्तिगत कारणों से मुख्य आर्थिक सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया था और अगस्‍त 2017 में नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे अरविंद पनगढ़िया ने भी अपना पद छोड़ दिया.

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