हैदराबाद: शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कडप्पा में संबोधित एक रैली में सीबीआई की चार्जशीट में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम वाईएस राजशेखर रेड्डी का नाम आने से पैदा हुए विवाद का कहा कि इस मामले में उनकी पार्टी के शामिल होने की बात कहना निराधार है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस “वाईएसआर, उनकी छवि के खिलाफ कभी कुछ नहीं कर सकती”.
राहुल की टिप्पणियां युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख जगन की लगातार टिप्पणियों की एक स्पष्ट प्रतिक्रिया थी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर 2012 में “गलत तरीके से उन्हें 16 महीने के लिए जेल में डालने” का आरोप लगाया था.
2012 में, तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार के काल में, सीबीआई ने एक विशेष अदालत के समक्ष एक आरोपपत्र में वाईएसआर का नाम लिया था, जिसमें कथित तौर पर आंध्र प्रदेश के दिवंगत सीएम वाईएसआर पर जगन मोहन के बिजनेस में निवेश करने के बदले में दो फार्मा कंपनियों को जमीन आवंटित करने की आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था.
बाद में उसी साल मई में, जगन को केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया और सितंबर 2013 में जमानत पर रिहा होने तक उन्हें 16 महीने के लिए हैदराबाद जेल में रखा गया.
शनिवार को, आंध्र प्रदेश में 13 मई को एक साथ होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार के आखिरी दिन, राहुल, कांग्रेस आंध्र प्रदेश इकाई की प्रमुख और कडप्पा लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार के समर्थन में वाईएसआर परिवार के गृह क्षेत्र, वाईएसआर कडप्पा जिले में थे.
रैली में राहुल ने कहा कि वाईएसआर उनके पिता राजीव गांधी के भाई थे और उनके पिता के निधन के बाद उनके राजनीतिक गुरु थे. उन्होंने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा वाईएसआर की 2003 की संयुक्त आंध्र प्रदेश की पदयात्रा से प्रेरित थी.
राहुल ने कहा, “वाईएसआर ने मुझे देश भर में ऐसी यात्रा पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया था. राहुल ने कहा, मेरा मोहब्बत की दुकान का संदेश वाईएसआर के सर्व-समावेशी कल्याणकारी शासन के दृष्टिकोण के विचार से प्रेरित है, जो अब आंध्र प्रदेश में गायब है.”
अन्य कारकों के अलावा, जनता से जुड़ने वाली वाईएसआर की प्रसिद्ध यात्रा ने कांग्रेस को संयुक्त राज्य और अधिकांश लोकसभा सीटें जीतने में मदद की, जिससे वह 2004 में केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार बनाने में सक्षम हुई.
यह कारनामा 2009 में वाईएसआर के नेतृत्व में दोहराया गया था. हालांकि, करिश्माई कांग्रेस सीएम की उसी साल बाद में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई. इस दुर्घटना के बाद जगन ने सोनिया गांधी के खिलाफ विद्रोह कर दिया और 2011 में वाईएसआरसीपी की शुरुआत करके वाईएसआर की राजनीतिक विरासत पर सफलतापूर्वक दावा ठोंक दिया जिससे राज्य कांग्रेस संकट में आ गई.
राहुल ने, शर्मिला और उनके पति “भाई” मोरुसुपल्ली अनिल, कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल और के.वी.पी. रामचंद्र राव के साथ कडप्पा से 60 किमी दूर इडुपुलापाया में वाईएसआर मेमोरियल का दौरा किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
बाद में, कडप्पा शहर में ‘एपी न्याय साधना सभा’ नामक एक पार्टी रैली को संबोधित करते हुए, राहुल ने कहा कि वह लोगों को कांग्रेस और वाईएसआर के बीच के जुड़ाव को समझाना चाहते थे.
राहुल ने लोगों से कहा, “इसे अलग अलग नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस कभी भी वाईएसआर और उनकी प्रतिष्ठा के खिलाफ कुछ नहीं कर सकती. ये सीबीआई मामले में नाम शामिल करने के आरोप झूठे हैं. कांग्रेस ने कभी भी आरोप पत्र में वाईएसआर का नाम शामिल नहीं किया. वह हमारा था, हमारा है; हम उन्हें या उनकी छवि को कभी नुकसान नहीं पहुंचा सकते.
‘मेरी चेल्ली संसद में भेजो’
शर्मिला को अपने साथ रखते हुए, राहुल ने मतदाताओं से उन्हें संसद में भेजने की अपील की, और कहा कि उन्होंने पहले कभी किसी उम्मीदवार के पक्ष में ऐसी अपील नहीं की.
राहुल ने कहा, “वाईएसआर की बेटी, मेरी चेल्ली (बहन) अब यहां कडप्पा से चुनाव मैदान में है. वाईएसआर विचारधारा को बरकरार रखने के लिए आपको उन्हें संसद में भेजना होगा. मैंने किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में ऐसी गारंटी नहीं मांगी है, लेकिन यहां मैं आंध्र प्रदेश और कडप्पा के लोगों से विनती कर रहा हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि आंध्र प्रदेश की जनता की आवाज लोकसभा में सुनी जाए. टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) या वाईएसआरसीपी पार्टियों के लिए यह संभव नहीं है क्योंकि वे नियंत्रित हैं, लेकिन मोदी (पीएम नरेंद्र मोदी) शर्मिला पर दबाव नहीं डाल सकते,”
कडप्पा लोकसभा क्षेत्र वाईएस भाई-बहन के लिए प्रतिद्वंद्विता का आधार बन गया है. अपनी बहन के मैदान में होने के बावजूद, जगन ने अपने चचेरे भाई वाई.एस. अविनाश को फिर से नोमिनेट किया है, भले ही सीबीआई ने मौजूदा सांसद को उनके चाचा वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की 2019 में हुई हत्या मामले में आरोपी बनाया है.
भाई-बहन के बीच 2021 से मतभेद चल रहा है, जब शर्मिला ने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी बनाकर अपने रास्ते अलग कर लिए. उन्होंने पिछले साल पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया और इस जनवरी में उन्हें आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) का प्रमुख बनाया गया.
इस संदर्भ में, राहुल द्वारा शर्मिला को अपनी चेल्ली बताने से कडप्पा की जनता का ध्यान उनकी तरफ खिंचा है, जिन्होंने इस पर खुशी जताई है.
अपने भाई के खिलाफ हमला जारी रखते हुए शर्मिला ने राहुल के सामने बोलते हुए आरोप लगाया कि जगन के कहने पर मामले से छुटकारा पाने के लिए वाईएसआर का नाम सीबीआई के आरोप पत्र में शामिल किया गया है.
‘वो 16 महीने मुझे कौन लौटाएगा?’
राहुल के दौरे से एक दिन पहले जगन ने शुक्रवार को कडप्पा शहर में एक रैली को संबोधित किया.
जगन ने लोगों को आगाह करते हुए कहा, “जब 2009 में नन्ना (पिता) की मृत्यु हो गई, तो आप सभी जानते हैं कि हमारा परिवार उनसे (कांग्रेस) कितना परेशान था. अब, इतने वर्षों के बाद, दिल्ली से ये लोग चुनाव के समय वाईएसआर समाधि पर श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं. वाईएसआर के फॉलोवर और आंध्र प्रदेश की जनता उस पार्टी का बहुत पहले ही अंतिम संस्कार कर चुकी है. कांग्रेस के लिए एक वोट हमें वाईएसआर की विरासत को मिटाने की योजना में की साजिश में साथ देने जैसा बना देगी.”
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने फिर से कांग्रेस पर उनकी मृत्यु के बाद वाईएसआर के नाम और प्रतिष्ठा को खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
जगन ने सवाल किया, “पार्टी ने आरोप पत्र में वाईएसआर का नाम लिया है. इसने मुझे, वाईएसआर के बेटे को, गलत तरीके से 16 महीने तक जेल में रखा. वो 16 महीने मुझे कौन वापस देगा? और अब, यह एक कदम आगे बढ़कर हम पर मामले में वाईएसआर का नाम डलवाने का आरोप लगा रही है. क्या उस पार्टी में कोई नैतिकता, मानवता, ज़रा भी कृतज्ञता है?”
शर्मिला और वाई.एस. विवेकानंद की बेटी सुनीता नारेड्डी, अपने कैंपेन में हत्या के मामले को उठा रही हैं और सार्वजनिक रूप से अविनाश को फिर से कैंडीडेट बनाने के लिए जगन की आलोचना कर रही हैं.
इसके जवाब में जगन अपनी दोनों बहनों पर टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और उनके राजनीतिक सहयोगियों की बीजेपी-जेएसपी की उनके खिलाफ साजिश का हिस्सा बनने का आरोप लगा रहे हैं.
शुक्रवार को कडप्पा में पत्रकारों से बात करते हुए शर्मिला जगन की टिप्पणियों और “अपने साथ हुए अन्याय” के बारे में बात करते हुए रो पड़ीं.
शनिवार को शर्मिला ने जगन की तुलना गिरगिट से करते हुए कहा कि वाईएसआर का हेलीकॉप्टर क्रैश होने के समय उन्होंने देश के एक शीर्ष कॉर्पोरेट समूह का हाथ होने का आरोप लगाया था, लेकिन बाद में सीएम के रूप में उन्होंने उसी कंपनी के एक व्यक्ति को अपनी पार्टी से राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया.
“एक विपक्षी नेता के रूप में, उन्होंने विवेका (वाई.एस. विवेकानंद) मामले में सीबीआई जांच की मांग की और सीएम के रूप में उसी मांग से पीछे हट गए. इसलिए, शर्मिला, जिन्होंने पहले उनके लिए कैंपेन चलाया था, अन्याय से लड़ने के लिए जगन के खिलाफ हो गईं.”
इस बीच, शर्मिला की टीम ने वाई.एस. विजयम्मा की ओर से एक छोटा वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने कडप्पा के मतदाताओं से अपील की कि वे उनकी बेटी को संसद भेजें ताकि वह भी उनके पति की तरह सेवा कर सकें. सूत्रों ने कहा कि विजयम्मा राजनीतिक गहमागहमी और भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता से दूर अमेरिका में हैं.
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