बेंगलुरु: कथित तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और जनता दल (सेक्युलर) नेता प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियो ने कर्नाटक के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने ऑनलाइन सर्कुलेट होने वाले वीडियो से संबंधित यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
प्रज्वल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जेडी(एस) के चुनाव पूर्व गठबंधन के तहत संयुक्त उम्मीदवार के रूप में हासन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा-जेडी(एस) सभी 28 सीटों पर लड़ रहे हैं, जिसमें जेडी(एस) के उम्मीदवार हासन, कोलार और मांड्या से मैदान में हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार देर शाम एसआईटी के गठन की घोषणा की, जब राज्य महिला आयोग ने सरकार से उन आरोपों की जांच करने को कहा कि “प्रभावशाली राजनेताओं ने महिलाओं से यौन संबंध बनाने की मांग की” और “उनमें से कुछ के साथ बलात्कार किया”.
यह घटनाक्रम रविवार को कर्नाटक में चार बैक-टू-बैक चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से कुछ घंटे पहले हुआ.
एक्स पर एक पोस्ट में, सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा, “सरकार ने प्रज्वल रेवन्ना अश्लील वीडियो मामले के संबंध में एक विशेष जांच दल बनाने का फैसला किया है. हासन में अश्लील वीडियो प्रसारित हो रहे हैं जिनमें दिख रहा है कि महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न किया गया है. इसी पृष्ठभूमि में महिला आयोग की अध्यक्ष ने सरकार को एसआईटी जांच कराने के लिए पत्र लिखा था. उनके अनुरोध के आधार पर, हमने ऐसा करने का फैसला किया है.
एसआईटी के गठन का निर्णय 26 अप्रैल को हासन सहित कर्नाटक के 14 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के एक दिन बाद आया, क्योंकि 14 और निर्वाचन क्षेत्र दूसरे चरण में मतदान के लिए तैयार हैं.
प्रज्वल, पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना के बेटे और पूर्व सीएम एच.डी. कुमारस्वामी के भतीजे हैं. प्रज्ज्वल को जिले में आखिरी बार शुक्रवार शाम को देखा गया था और तब से उनके बारे में कोई खबर नहीं है.
पत्रकारों से बात करते हुए प्रज्वल के चाचा एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि वह और उनके पिता देवगौड़ा हमेशा महिलाओं का सम्मान करते रहे हैं और उनकी शिकायतों पर ध्यान देते थे.
उन्होंने रविवार को संवाददाताओं से कहा, “एसआईटी जांच का आदेश पहले ही दिया जा चुका है… पहले जांच के (निष्कर्ष) सामने आने दीजिए… देश के कानून के अनुसार… ‘उप्पु थिंदवारु नीर कुडिलेबेकु (एक कन्नड़ कहावत जिसका अर्थ है कि लोगों को अपने कार्यों के लिए परिणाम भुगतना पड़ता है)’. जिसने गलती की है उसे माफ करने का सवाल ही नहीं उठता. निष्कर्ष सामने आने दीजिए, फिर मैं टिप्पणी करूंगा,”
उन्होंने कहा कि वह प्रज्वल के संपर्क में नहीं हैं. उन्होंने कहा, “उन्होंने एक एसआईटी का गठन किया है, और अगर वह (प्रज्वल) विदेश चला गया है, तो उसे वापस लाना उनकी (जांच प्राधिकरण की) जिम्मेदारी है.”
दिप्रिंट कॉल के ज़रिए प्रज्वल, उनके कार्यालय और उनके पिता तक पहुंचा. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
प्रज्वल के स्टाफ के एक सदस्य ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “प्रज्वल शुक्रवार शाम एक अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे और पूरे समय वहीं थे. इसके बाद, हमें नहीं पता कि वह कहां गया.”
सूत्रों का कहना है कि माना जा रहा है कि प्रज्वल ने देश छोड़ दिया है, लेकिन वह कहां गए हैं और कितने समय के लिए गए हैं, इसकी कोई पुष्टि नहीं है.
24 अप्रैल को, प्रज्वल के एक समर्थक ने नवीन गौड़ा नामक व्यक्ति के खिलाफ कथित तौर पर युवा सांसद की “विरूपित या बदली हुई” तस्वीरें और वीडियो प्रसारित करने के लिए शिकायत दर्ज की थी.
इस घटनाक्रम ने कांग्रेस को कर्नाटक में शेष 14 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 7 मई को होने वाले मतदान से पहले भाजपा-जेडी(एस) गठबंधन पर हमला करने के लिए नया हथियार दे दिया है.
कर्नाटक के ग्रामीण विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खड़गे ने एक्स पोस्ट में पीएम को संबोधित करते हुए कहा, “आपने जेडीएस उम्मीदवार को हासन संसदीय टिकट क्यों दिया, यह जानने के बावजूद कि उम्मीदवार ने सैकड़ों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया था?”
Dear @narendramodi avare,
Welcome to Karnataka once again.
While you are here, instead of fabricating lies about:
– Mangalsutras
– Muslim reservations
– ManifestoTell Kannadigas the truth about:
– Why you gave the Hassan parliamentary ticket to a JDS candidate, despite… https://t.co/joNpg7BZ8F
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) April 28, 2024
दो महिलाएं, जो कथित रूप से प्रज्ज्वल द्वारा पीड़ित हैं, कन्नड़ टीवी समाचार चैनल – पावर टीवी – पर प्रज्वल के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित गंभीर आरोप लगाती हुई दिखाई दी हैं.
भाजपा ने अभी तक आरोपों या कर्नाटक सरकार द्वारा एसआईटी गठित करने के फैसले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
प्रज्वल को पिछले साल सितंबर में सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें इस फैसले पर स्टे मिल गया था. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उनके हलफनामे में जानकारी छिपाने के लिए प्रज्वल के 2019 के चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया था और यहां तक कि उनके पिता और भाई सूरज को उनकी आय छिपाने और 2019 के बीजेपी कैंडीडेट ए मंजू द्वारा उनके खिलाफ चुनावो में भ्रष्ट आचरण अपनाने के बारे में शिकायत दर्ज कराने पर नोटिस भी जारी किया था. मंजू अब हासन जिले से जेडी(एस) विधायक हैं.
पारिवारिक झगड़े
91 वर्षीय देवेगौड़ा के परिवार के नौ सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं. उनके दामाद और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सी.एन. मंजूनाथ बेंगलुरु से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे हैं जो कि राजनीति में प्रवेश करने वाले जेडीएस के नौवें सदस्य हैं.
हालांकि, गौड़ा परिवार के भीतर उनके दो बेटों, एच.डी. कुमारस्वामी और एच.डी. रेवन्ना के बीच प्रभुत्व के लिए लड़ाई चल रही है. एच.डी. रेवन्ना के दोनों बेटे, प्रज्वल और सूरज, राजनीति में सक्रिय हैं. सूरज एमएलसी हैं.
दूसरी ओर, कुमारस्वामी के बेटे निखिल, जो कि अभिनेता भी हैं, ने मांड्या से 2019 का लोकसभा चुनाव और रामानगर से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे.
परिवार के अंदरूनी समीकरणों से वाकिफ लोगों के मुताबिक, कड़वाहट तीसरी पीढ़ी तक पहुंच गई है.
पार्टी से पहले परिवार की परंपरा ने जेडी(एस) की संभावनाओं को प्रभावित किया है, जो 2018 में राज्य विधानसभा में 37 सीटों से घटकर 2023 में केवल 19 रह गई है. जेडी (एस) का वोट शेयर लगभग 18 प्रतिशत से गिरकर केवल 13 प्रतिशत रह गया है. पार्टी पुराने मैसूरु क्षेत्र में महत्वपूर्ण सीटें हार गई. 2023 के चुनावों में जेडी (एस) के 139 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. एच.डी. रेवन्ना की जीत का अंतर 2018 में 43,832 से घटकर पिछले साल मई में 3,152 हो गया.
2018 में, एच.डी. कुमारस्वामी ने दो सीटों – चन्नापटना और रामानगर – से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. चन्नापटना में उन्होंने 2018 में 21,530 के अंतर से जीत हासिल की, लेकिन 2023 में यह बढ़त घटकर 15,915 रह गई.
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