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Thursday, 19 September, 2024
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शी और पुतिन से मिले पीएम मोदी, पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्वपक्षीय वार्ता की.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने बिश्केक के एससीओ सम्मेलन मे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रतिनिधिमंडल की वार्ता की. इसमें पीएम ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगानी चाहिए. इसका दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ रहा है. वहीं इस बीच विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा भारत ने शांतिपूर्ण संबंध बनाने की कोशिश की थी लेकिन पाकिस्तान इसे पटरी से हटा दिया है.

विदेश सचिव विजय गोखले ने पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति की मुलकात को लेकर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को रूस के व्लादिवोस्टोक में सितंबर की शुरुआत में होने वाले ईस्टर्न इकॉनॉमिक की बैठक का निमंत्रण दिया है जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है.

प्रेसवार्ता में बताया कि ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई है. भारत के स्किल्ड संसाधन के इस्तेमाल पर दोनों देशों ने चर्चा की है. गोखले ने बताया कि एनर्जी, मैनपावर, ट्रेड, भारतीय रेल के मॉडर्नाइजेशन, डिफेंस आदि के मुद्दे पर भी रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा की गई है.

उन्होंने बताया कि किसी भी इंटरनैशनल और रीजनल मुद्दे पर इस बैठक में चर्चा नहीं की गई है. अमेठी में एके-203 की फैक्ट्री लगाने लिए पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद कहा है.

चीन के साथ बातीचीत की दी जानकारी

वहीं इससे पहले चीन के साथ बैठक के लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि चीन और भारत के बीच बातीचत में दोनों देशों ने माना है कि अगला साल भारत-चीन के लिए महत्वपूर्ण है. अगले साल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध के 70 साल पूरे हो रहे हैं.

मंत्रालय के अनुसार गुरुवार की बैठक में ट्रेड डेफिसिट के बारे में भी चर्चा हुई. इस बैठक में पीएम मोदी ने चाइनीज प्रेजिडेंट शी चिनफिंग से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रवैये पर चर्चा की. चीन के प्रेजिडेंट को बताया गया कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

प्रेसवार्ता में बताया गया कि नवंबर में भारत-चीन के बीच अनौपचारिक द्विपक्षीय वार्ता होगा, इसकी जगह और समय का अभी फैसला नहीं हुआ है.

वहीं इससे पहले एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. पीएम ने अमेठी में एके-203 की फैक्ट्री की इकाई के लिए रूस के राष्ट्रपति के समर्थन के लिए आभार जताया. वह किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में आठ देशों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में पहुंचे हैं. यह सम्मेलन गुरुवार को शुरू होकर 14 जून तक चलेगा.

इस दौरान अजहर मसूद का मुद्दा जोर-शोर से उठा. आतंकवाद का मुद्दा छाया रहा.

पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शि जिनपिंग की मुलाकात

वहीं इससे पहले पीएम ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. मोदी ने दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर शी जिनपिंग के बधाई संदेश के लिए उनका धन्यवाद किया. इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

मई में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा काली सूची में डालने के खिलाफ चीन द्वारा आपत्तियों के बाद मुलाकात हुई है.

बता दें कि दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी का एससीओ पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है. एससीओ, चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा समूह है जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया था.

वहीं इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक पहुंचे. एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी होनी तय थी. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहेंगे, लेकिन मोदी पाक प्रधानमंत्री से कोई बातचीत नहीं करेंगे.

आपको बता दें, चर्चा यह थी कि प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक जाएंगे, लेकिन बाद में भारत ने इसे ख़ारिज कर दिया. भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह पीएम के विमान को बिश्केक जाने के लिए उसके हवाई क्षेत्र से गुजरने की इजाजत दे. पाकिस्तान सैद्धांतिक रूप से इसके लिए तैयार हो गया था.

किर्गिस्तान में भारतीय राजदूत आलोक डिमरी, शंघाई सहयोग संगठन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की किर्गिस्तान की यात्रा को लेकर बताया कि शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री की किर्गिस्तान की द्विपक्षीय यात्रा 14 जून से शुरू होगी. वह एक व्यापार मंच का उद्घाटन करेंगे. प्रतिनिधिमंडल स्तर पर भी बातचीत होगी.

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