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Friday, 22 November, 2024
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ईरान ने इज़रायल पर बैलिस्टिक मिसाइल से किया हमला, कहा- ऑपरेशन ख़त्म हुआ, लेकिन तनाव बढ़ा

तेहरान ने सीरिया में 1 अप्रैल के हवाई हमले का बदला लिया है जिसमें उसके दो कमांडर मारे गए थे, जिसके लिए वह तेल अवीव को दोषी मानता है. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ आदि ने हमलों की निंदा की.

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नई दिल्ली: शनिवार रात इजरायल पर 200 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागते हुए, ईरान ने पहली बार सीधे इजराइली क्षेत्र पर हमला किया. माना जा रहा है कि ऐसा ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क में उसके वाणिज्यिक दूतावास पर हुए हवाई हमले के जवाब में किया है, जिसमें उसके दो वरिष्ठ कमांडर और कई अन्य लोग मारे गए थे.

इज़रायल रक्षा बलों (आईडीएफ) के प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हगारी के अनुसार, ईरानी हवाई हमलों को इंटरसेप्ट कर दिया गया था. हगारी ने दावा किया कि ईरानी हवाई हमले में एक नाबालिग घायल हो गया.

ईरान के सर्वोच्च नेता इमाम सैय्यद अली खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करके कहा: “किसी भी देश में वाणिज्यिक दूतावास और दूतावास कार्यालय जहां भी मौजूद हैं, उन्हें उस देश की ज़मीन माना जाता है, जहां से दूतावास संबंधित है. हमारे वाणिज्यिक दूतावास पर हमला करना हमारी धरती पर हमला करने जैसा है…इस बात (इजरायल को) दंडित किया जाना चाहिए और दंडित किया जाएगा.”

हगारी के अनुसार ईरानी हमलों से एक इजरायली सैन्य प्रतिष्ठान को हल्की क्षति हुई. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने कैबिनेट के मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की.

 

बाइडेन ने शनिवार को एक बयान में इज़रायल की सैन्य सुविधाओं के खिलाफ ईरान द्वारा किए गए हवाई हमलों की “निंदा” की. उन्होंने घोषणा की कि अमेरिका तेहरान के हवाई हमलों के लिए “संयुक्त राजनयिक प्रतिक्रिया का समन्वय” करने के लिए रविवार को सात समूह (जी7) नेताओं की बैठक बुलाएगा.

इज़राइल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से “ईरान की स्पष्ट रूप से निंदा” करने के लिए तुरंत एक बैठक बुलाने और उसके इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नॉमिनेट करने का आह्वान किया.

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने यूएनएससी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा, “मैं इन गंभीर उल्लंघनों के लिए ईरान की स्पष्ट रूप से निंदा करने और आईआरजीसी को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने और त्वरित कार्रवाई करने के लिए तुरंत सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने के इजरायल के अनुरोध की पुष्टि करता हूं.”

संयुक्त राष्ट्र में उसके स्थायी मिशन के एक बयान से संकेत मिलता है कि तेहरान अपनी प्रतिशोध को अब खत्म हुआ मानता है. एक्स पर एक बयान में, ईरानी स्थायी मिशन ने कहा कि “मामले को समाप्त माना जा सकता है”.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और यूएनएससी के अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में, ईरान ने दावा किया कि यह “कार्य” संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 51 में उल्लिखित “आत्मरक्षा के अधिकार” के तहत किया गया.

“ईरान इस्लामी गणराज्य आवश्यकता पड़ने पर आत्मरक्षा के अपने अंतर्निहित अधिकार का प्रयोग करने में संकोच नहीं करेगा. क्या इजरायली शासन को फिर से कोई सैन्य आक्रमण करना चाहिए, ईरान की प्रतिक्रिया निश्चित रूप से और निर्णायक रूप से मजबूत और अधिक दृढ़ होगी, ”यूएनएससी को लिखे ईरानी पत्र में कहा गया है.

रविवार को जारी एक बयान में, भारत के विदेश मंत्रालय ने “तत्काल तनाव कम करने” का आह्वान किया.

“हम इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से गंभीर रूप से चिंतित हैं जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है. हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं. हम उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.’ क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ निकट संपर्क में हैं. यह महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे.”

ईरान की जवाबी प्रतिक्रिया 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों के साथ एक कंटेनर जहाज ‘एमएससी एरीज़’ को जब्त करने के कुछ घंटों बाद आई है. बताया जा रहा है कि यह जहाज ज़ोडियाक मैरीटाइम से संबद्ध है, जो इजरायल में जन्मे अरबपति ईयाल ओफ़र के बिजनेस ग्रुप का एक हिस्सा है.

दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए “राजनयिक चैनलों” के माध्यम से ईरानी अधिकारियों के साथ “संपर्क” में है.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने शनिवार को एक बयान में इज़रायल की सुरक्षा के लिए बाइडेन की “आयरनक्लाड” प्रतिबद्धता की पुष्टि की. ईरानी जवाबी हमलों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बाइडेन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से मुलाकात की.

रियल-टाइम फ्लाइट ट्रैकिंग सिस्टम Flightradar24 के अनुसार; ईराक, जॉर्डन, इज़रायल, लेबनान और ईरान के आसपास का हवाई क्षेत्र शनिवार देर शाम बंद कर दिया गया.

ईरान की जवाबी कार्रवाई 1 अप्रैल को सीरिया के दमिश्क में उसके राजनयिक परिसर पर हवाई हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के दो वरिष्ठ कमांडरों और कई अधिकारियों के मारे जाने के बाद आई है. तेहरान ने हमले के लिए तेल अवीव को जिम्मेदार ठहराया है.

इसके कमांडरों में से एक ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहिदी, लेबनान और सीरिया के आईआरजीसी सलाहकार हैं.

इज़रायल वीकेंड में ईरान द्वारा जवाबी हमले की तैयारी कर रहा है. बताया गया है कि अमेरिका ने शुक्रवार को अपने सैन्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सिक्युरिटी एसेट तैनात करना शुरू कर दिया है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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