लखनऊ: यह कहते हुए कि “पुलिसकर्मियों को हथियार सिर्फ सजाने के लिए नहीं दिए गए हैं”, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने दिप्रिंट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि राज्य में अपराधियों से सख्ती से निपटा जाता है, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों.
उनकी टिप्पणियां यूपी को अनौपचारिक रूप से “मुठभेड़ राज्य” कहे जाने की पृष्ठभूमि में आईं, जिसमें पुलिस के साथ गोलीबारी में कई अपराधी मारे गए या घायल हुए. दिप्रिंट ने पहले भी रिपोर्ट दी है कि 19 मार्च 2017 से लेकर 6 जनवरी 2024 तक जब योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यमंत्री का पद संभाला था, राज्य में 10,900 से अधिक मुठभेड़ हुईं.
हालांकि, कुमार ने कहा कि मुठभेड़ में पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं. यूपी डीजीपी ने कहा, “हमने अपने सैनिक भी खोए हैं…ये पेशेवर खतरे हैं. अगर कोई अपराधी हम पर गोली चला रहा है तो हम जवाबी कार्रवाई करते हैं. हताहत किसी भी तरफ से हो सकता है.”
उन्होंने आगे कहा, “अगर ज़रूरी हुआ तो हम कानून द्वारा सशक्त हैं और कुछ दिशानिर्देश हैं जिनका हर पुलिस कार्रवाई के बाद पालन करना होता है.”
कुल मिलाकर, कानून-व्यवस्था की स्थिति ने आम लोगों को काफी राहत दी है. कुमार ने कहा, यह “यूपी में हमें जिस तरह का निवेश मिल रहा है, उसमें परिलक्षित होता है”.
डीजीपी ने कहा, “सरकार का एक अलग मॉडल है. कानून-व्यवस्था का यह मॉडल हर जगह मशहूर है.”
कुमार ने इन आरोपों से भी इनकार किया कि यूपी में ज्यादातर मुठभेड़ों में एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जाता है.
उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधियों से निपटने में “निष्पक्ष” रही है, उन्होंने कहा, “अपराधियों से निपटते समय, हम कोई भेदभाव नहीं करते. अगर कोई ऑपरेशन चल रहा हो तो आप यह नहीं चुन सकते कि कौन किस समुदाय से है और किस जाति से है.”
कुमार को इस साल जनवरी में यूपी का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया. मई 2025 में सेवानिवृत्त होने से पहले वे एक साल से कुछ अधिक समय तक शीर्ष पद पर काम करेंगे. इससे पहले, वे विशेष महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) और महानिदेशक (आर्थिक अपराध शाखा) के पद पर थे.
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‘मुख्तार अंसारी को दी गई पूरी मेडिकल मदद’
लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ, कुमार ने कहा कि यूपी “स्वतंत्र, निष्पक्ष, हिंसा मुक्त, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव” के लिए तैयार है.
यूपी के डीजीपी ने कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति के लिए राज्य में बढ़े विदेशी निवेश को भी श्रेय दिया.
यह बताते हुए कि पिछले पांच साल में विदेशी निवेश पहले के 15 साल की तुलना में 400 गुना बढ़ा है, उन्होंने कहा, “यह यूपी में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है और मुख्य कारक बेहतर कानून-व्यवस्था की स्थिति है.”
कुमार ने यह भी बताया कि व्यापार करने में आसानी के मामले में राज्य ने अपनी रैंक में सुधार किया है.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “हमारे पास एक बहुत ही गतिशील राजनीतिक नेतृत्व है जिसने हमें दिशा और अटूट समर्थन दिया है, और सभी नीतिगत मामलों में विचारों की स्पष्टता है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य का समग्र विकास हुआ है.”
कुमार ने जेल में बंद गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी की मौत में “बेईमानी” के आरोपों को खारिज कर दिया, जिनका पिछले महीने निधन हो गया था. उन्होंने कहा कि अंसारी जब पंजाब की जेल में थे तो उन्होंने हलफनामा दायर कर कहा था कि वे हृदय रोग से पीड़ित हैं. हालांकि, उनके परिवार ने जेल में उन्हें ज़हर देने की “साजिश” का आरोप लगाया है, लेकिन जिस अस्पताल में उनकी मृत्यु हुई, उसने मौत के कारण में दिल का दौरा पड़ने की पुष्टि की है. कुमार ने कहा कि यूपी जेल में जाने के बाद से अंसारी को सभी मेडिकल मदद और सहायता दी गई है की गई — बल्कि “80 से अधिक बार”.
‘हमारी बदनामी होगी’
एक “सख्त” अधिकारी के रूप में अपनी सार्वजनिक छवि के बारे में बोलते हुए कुमार ने कहा, “जब आप माफियाओं या अपराधियों से निपट रहे हैं, जिनका चार दशकों का आपराधिक इतिहास है और उन्हें कभी दोषी नहीं ठहराया गया – जो कि एक समानांतर सरकार चला रहे हों, तो आपको ऐसा करना ही होगा कि आप उनके साथ बहुत सख्त रहें.”
हालांकि, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में उचित जांच और संतुलन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोगों द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों के दायरे में काम कर रही है.
डीजीपी ने कहा, “सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं…कोई भी समस्या होने पर हमारी बदनामी होगी.”
यह बताते हुए कि यूपी देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और क्षेत्रफल के हिसाब से भी सबसे बड़ा राज्य है, उन्होंने कहा, “इस प्रकृति की किसी भी चीज़ का प्रबंधन करना…यह बहुत चुनौतीपूर्ण है.”
उन्होंने आगे कहा, यूपी पुलिस सभी अपराधियों से “बहुत सख्ती से” निपट रही है. उन्होंने कहा, “हमने माफियाओं के खिलाफ बहुत कड़ी कार्रवाई की है…सभी कार्रवाई कानून के मुताबिक की जा रही है”.
कुमार ने कहा कि एक साल से भी कम समय में गैंगस्टर्स से जुड़े 31,000 मामलों में सज़ा हुई है और इनमें से 31 मामले मौत की सज़ा के साथ खत्म हुए.
उन्होंने कहा, “40 साल के आपराधिक रिकॉर्ड वाले माफियाओं को पिछले 1.5-2 साल में पहली बार दोषी ठहराया जाना विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताता है.” उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में गवाहों की सुरक्षा पर भी काम कर रही है.
डीजीपी ने कहा, “सौभाग्य से इस देश के किसी भी संवैधानिक निकाय से आज तक कुछ भी प्रतिकूल नहीं हुआ है और सभी अधीनस्थों को इसकी ज़रूरत है और साथ ही, हम ऐसे किसी भी व्यक्ति पर नज़र रख रहे हैं जो गुमराह हो जाता है और कानूनी रास्ते से भटक जाता है.”
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