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Thursday, 21 November, 2024
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वायुसेना के लापता विमान एएन32 का मलबा अरुणाचल प्रदेश के लीपो में मिला

एएन-32 का मलबा हवाई रास्ते के 15-20 किलोमीटर की दूरी पर अरुणाचल प्रदेश के लिपो से उत्तर दिशा में मिला है. वायुसेना ने मलबे की पहचान कर ली है.

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नई दिल्ली: पिछले नौ दिनों से गायब भारतीय वायुसेना के लापता विमान एएन-32 का मलबा मिला है. इसे वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई-17 ने खोजा है. एएन-32 का मलबा हवाई रास्ते के 15-20 किलोमीटर की दूरी पर अरुणाचल प्रदेश के लिपो से उत्तर दिशा में मिला है. वायुसेना ने मलबे की पहचान कर ली है. वायु सेना ने मलबे की पहचान के बाद जांच में और तेजी लाने की बात कही है.

पिछले नौ दिनों से गायब विमान को खोजने में भारतीय वायु सेना ने दिन रात एक कर दिया था. गायब विमान की खोज में पूरी तरह से वायु सेना मिशन की तरह से काम कर रहा था. पिछले दिनों इस विमान के बारे में किसी भी तरह की जानकारी देने वाले को वायु सेना ने पांच लाख रुपये तक देने की घोषणा की थी.

एएन-32 भारतीय वायुसेना का माहवाहक विमान है. 3 जून को असम के जोरहाट से विमान ने अरुणाचल प्रदेश के लिए उड़ान भरी थी लेकिन वह गायब हो गया था. इसमें 13 लोग सवार थे. मंगलवार को एमआई-17 हेलीकॉप्टर एकबार फिर हवाई यान को खोजने निकला और उसे लापता विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश में ही मिला.

बता दें कि पिछले दिनों खराब मौसम की वजह से वायुसेना का तलाशी अभियान प्रभावित हुई थी. विमान ढ़ूढ़ने का हरसंभव प्रयास कर रही है आईएएफ विमान एएन-32 में 13 लोग सवार थे. अधिकारियों ने लापता विमान का सुराग लगाने के लिए नौसेना के पी-8आई विमान की तैनाती की है. लापता विमान एएन-32 को ढ़ूढ़ने के लिए भारतीय वायु सेना अपने सभी संसधानों का इस्तेमाल कर रही है. वे इस काम के लिए सेना, अरुणाचल प्रदेश सिविल अथॉरिटी और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों की भी मदद ले रही है.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता व विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस व कई सरकारी व नागरिक एजेंसियों द्वारा तलाशी की जा रही है. हालांकि, उन्होंने कहा कि विमान या उसके मलबे का कोई संकेत नहीं है.

रत्नाकर सिंह ने कहा कि मंगलवार को नौसेना के लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी-8आई ने तमिलनाडु के आईएनएस राजली से खोज और बचाव अभियान में शामिल होने के लिए उड़ान भरा. नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि पी-8आई समुद्री टोही, पनडुब्बी रोधी अभियानों और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया अभियानों के लिए सेंसर से लैस है.

नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘पी-8आई विमान में बहुत शक्तिशाली सिंथेटिक एपर्चर रडार है. जिसका इस्तेमाल लापता विमान का पता लगाने के लिए एसएआर स्वीप के दौरान किया जाएगा.’ लापता विमान की खोजबीन के लिए सोमवार को भारतीय वायु सेना के सी-130, एएन-32 विमान, भारतीय वायुसेना के दो एमआई-17 और भारतीय सेना के एएलएच हेलीकॉप्टरों को लगाया गया.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भी उपग्रहों की मदद से बचावकर्ताओं को सहयोग कर रहा है.

शनिवार को वायु सेना के चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने जोरहाट एयर फोर्स स्टेशन पर चल रहे खोजबीन और बचाव मिशन की समीक्षा की. वे गुमशुदा हुए लोगों के परिवारों से मिले और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

ज्ञात हो कि एएन-32 विमान ने सोमवार दोपहर 12.25 मिनट पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी और महज 35 मिनट के अंदर उससे संपर्क टूट गया. ग्राउंड स्टाफ ने दोपहर करीब 1 बजे आखिरी बार विमान से संपर्क किया था.

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