नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में शामिल हुईं स्मृति ईरानी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और टेक्सटाइल मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है. वे इससे पहले भी टेक्सटाइल मंत्रालय देख चुकी हैं.
31 मई को राष्ट्रपति भवन में हुए शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बाद स्मृति ईरानी के लिए सबसे ज्यादा तालियां बजाई गईं. बता दें कि सांसद स्मृति कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी परंपरागत सीट अमेठी से हराकर सदन में पहुंची हैं. अमेठी लोकसभा सीट से स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करीब 55 हजार वोटों से हराया है. इस सीट से गांधी लगातार तीन बार सांसद रहे हैं लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति इस सीट से राहुल गांधी से हार गई थीं और उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाया गया था.
2014 लोकसभा चुनाव के समय प्रियंका गांधी के एक रोड शो के दौरान एक पत्रकार ने स्मृति ईरानी को लेकर सवाल पूछ लिया था. प्रियंका ने जवाब दिया था- कौन..स्मृति? ये लाइन मुस्कुराती हुई प्रियंका की तस्वीर के साथ अखबारों की फ्रंट पेज हेडलाइन बनी लेकिन इसके बाद स्मृति लगातार अखबारों में छाई रही हैं. कभी डिग्री विवाद को लेकर तो कभी रोहित वेमुला के मामले को लेकर.
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16वीं लोकसभा में सबसे पहले उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय सौंपा गया था लेकिन लगातार हो रही आलोचना के बाद उनसे ये मंत्रालय वापस ले लिया गया. इसके बाद उन्हें सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. यहां से भी खबरे आई थीं कि आईएएस ऑफिसर उनके काम करने के तरीकों से असतुंष्ट होकर अपना तबादला कराना चाहते थे. उन पर कपड़ा मंत्रालय में रहते हुए अपनी मंहगी साड़ियों के बिल विभाग से भरवाने के आरोप भी लगे.
पिछला चुनाव हार जाने के बाद इस चुनाव में सबकी नजरें स्मृति की हार-जीत पर टिकी थीं लेकिन वह लगातार अमेठी जाकर जनता का विश्वास जीतने में कामयाब हुईं. नतीजे आने के बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो.
अपनी जीत के बाद स्मृति अमेठी में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता के दाह संस्कार में शामिल हुईं. इस दौरान अर्थी को कंधा देते हुए स्मृति की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई. इस बात की तारीफ उनके विरोधियों ने भी की.
अमेठी का दिल तो स्मृति ने जीत लिया है. अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कार्यभार संभालकर वह देश की महिलाओं के लिए क्या कुछ करती हैं यह देखने वाली बात होगी.
जिस देश मे बलात्कारियों को बचाने का कानून बना हो .जहाँ वकील बलात्कारियों को बचाने की जुटी पेरवी करते हो .उस देश की बहू .बेटी केसे सुरक्षित हो सकती हे .
इस कानून मे संशोधन कर बलात्कारी को फाँसी की सजा का प्रावधान होना चाहिये