मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल की 26 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी के परिवार का आरोप है कि तीन सीनियर डॉक्टर्स के प्रताड़ना से परेशान होकर 22 मई को उनकी बेटी पायल ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी. परिवार वालों ने दिप्रिंट से बातचीत में आरोप लगाया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है. पायल को उसकी तीन सीनियर डॉक्टर्स उसे लगातार प्रताड़ित कर रही थीं. 6 महीने में यह इतना बढ़ा कि उसने अपनी जान देना बेहतर समझा.
नायर अस्पताल के टॉपिकल नेशनल मेडिकल कॉलेज में गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स के सेकेंड ईयर में पढ़ने वाली पायल की शादी 2016 में डॉक्टर सलमान से हुई थी. सलमान मुंबई के ही बालासाहेब ठाकरे मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. इस हैरेसमेंट के बारे में वह बताते हैं, ‘दिसबंर 2018 में एक शाम डिनर के बाद हम दोनों साथ थे और वो अचानक ही जोर-जोर से रोने लगी. कहने लगी कि अब उससे सहा नहीं जाता है. मैंने उसे कुछ दिन अस्पताल जाने नहीं दिया. घर पर रहकर वो ठीक हो गई थी. करीब एक सप्ताह बाद मैं उसके साथ हेड ऑफ डिपार्टमेंट से मिला. हमने उन्हें इस पूरे प्रकरण के बारे में बताया. मैंने उनसे कहा था कि मुझे मेरी बीवी हंसती खेलती चाहिए. उसका मानसिक संतुलन खराब नहीं होना चाहिए. इसके बाद उन्होंने पायल को एक कोर्स के लिए दूसरी यूनिट में भेज दिया. फरवरी 2019 तक वो ठीक थी.’
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6 महीने लगातार हुए इस टॉर्चर के बारे में वो बताते हैं, ‘उसके बाद उसे नए सेमेस्टर में वापस उसी यूनिट में आना पड़ा. वापस आते ही तीनों डॉक्टर्स ने उसे फिर हैरेस करना शुरू कर दिया. हमने फिर शिकायत की. लेकिन इस बार जो प्रोफेसर पहले पायल को सुलझी हुई और समझदार बता रही थीं वो भी उन लड़कियों की साइड लेने लगीं. हमने पायल को समझाया कि एडमिशन के दौरान नए जूनियर्स आएंगे तो इन लड़कियों का ध्यान बंट जाएगा लेकिन नया बैच आने के बाद इन लड़कियों ने उसको जूनियर्स के सामने भी हैरेस करना शुरू कर दिया.’
वो आगे जोड़ते हैं, ‘मैं उसके साथ ज्यादा समय बिताने लगा. डिनर के बाद उसके साथ लेट तक रुकने लगा. मैंने हॉस्टल की तरफ एक कमरा भी ले लिया ताकि वो हॉस्टल में हो रहे शोषण से दूर रह सके. तब तक हम मुंह जुबानी ही शिकायतें करते रहे. क्योंकि हमारा मकसद उन लड़कियों का करियर खराब करना नहीं था. हम चाहते थे कि हमारी पायल उस हैरेसमेंट से बच जाए. पिछले 15 दिन पहले मेरे पिताजी का एक ऑपरेशन हुआ तो उसने मुझे फोन पर हॉस्टल की बातें बताना कम कर दिया था. मैं मिल भी नहीं पा रहा था. हमारी बातचीत भी उसकी आत्महत्या के एक दिन पहले हुई थी.’
फिलहाल पायल की आत्महत्या को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो चुका है. ट्विटर पर जस्टिस फॉर पायल हैशटैग से शेयर किया जा रहा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि रोहित वेमुला के बाद कितने पिछड़े और आदिवासी लोग जाति सिस्टम का शिकार होते रहेंगे.
पायल की मां दिप्रिंट को बताती हैं, ‘मेरी बेटी हंसमुख थी. बड़े लाड-प्यार से पाला था उसे. उसकी हर ख्वाहिश पूरी की थी. उस दिन भी वो परेशान थी. शाम साढे 4 बजे वो फोन करके फूट-फूटकर रो पड़ी. मैंने उसे कहा कि हम जल्दी ही मिलने आएंगे लेकिन साढ़े 7 बजे तक वो खुद को खत्म कर चुकी थी.’
पायल के परिवार का आरोप है कि वो करीब 10 दिन पहले ही लिखित शिकायत लेकर डीन के ऑफिस भी पहुंचे थे. लेकिन डीन के सेक्रेटरी ने उन्हें मिलने नहीं दिया. पायल को वाट्सऐप ग्रुप्स पर भी उसके आदिवासी होने को लेकर भगोड़ी जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए. परिवार ने ये स्क्रीनशॉट पुलिस को दे दिए हैं.
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पायल के माता-पिता ने अग्रीपाड़ा पुलिस थाने में डॉक्टर हेमा आहूजा, डॉक्टर भक्ति मेहर और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), एससी/एसटी एक्ट, एंटी रैगिंग एक्ट के तरत मामला दर्ज कर लिया है. इस घटना के बाद से ही तीनों आरोपी लड़कियां फरार हैं. फिलहाल किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि एक पांच सदस्यों की एक आंतरिक कमेटी का गठन कर कार्रवाई भी शुरू कर दी है. उनका आश्वासन है कि मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. साथ ही खबरें हैं कि इस मामले को लेकर महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर ने तीन आरोपी डॉक्टरों की सदस्यता निरस्त कर दी है.
डॉक्टर सलमान ने अपने वाट्सऐप पर माता-पिता और अपनी पत्नी के तस्वीर का डीपी बनाया हुआ है. साथ ही लिखा है- हैप्पी फेमिली फॉरएवर. यानि की हमेशा के लिए खुशहाल परिवार लेकिन इस परिवार की खुशहाली जा चुकी है. पायल की मां का रो-रोकर बुराहाल है लेकिन वो चाहती हैं कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो ताकि किसी परिवार की पायल उनसे दूर न हो सके.