scorecardresearch
Wednesday, 18 December, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावउत्तर प्रदेश में बीजेपी ने ऐसे भेदा महागठबंधन का चक्रव्यूह

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने ऐसे भेदा महागठबंधन का चक्रव्यूह

जानकार इसे मोदी फैक्टर बनाम जातिगत समीकरण की लड़ाई बता रहे थे जिसमें जीत मोदी फैक्टर की हुई. सपा और बसपा का कोर वोटर भी बीजेपी की ओर खिसका.

Text Size:

लखनऊ: 2014 लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. अब 2019 में भी यह करिश्मा दोहराया है. इस बार बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की है. उसकी सहयोगी अपना दल (एस) को भी 2 सीटें मिली हैं. सबसे खास बात ये है कि बीजेपी को रोकने के लिए तैयार हुए महागठबंधन को बीजेपी ने भेद लिया. सपा, बसपा व आरएलडी का गढ़ कही जाने वाली कई सीटों पर भी बीजेपी ने जीत हासिल की.

मोदी फैक्टर और अंडर करेंट

यूपी में बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा कारण मोदी फैक्टर ही था. कई सीटों पर जनता मौजूदा बीजेपी सांसद से नाराज़ थी लेकिन मोदी के नाम पर बीजेपी को वहां वोट मिला. चुनावी कवरेज के दौरान हमने देखा कि अधिकतर सीटों पर जनता बीजेपी उम्मीदवार से ज्यादा मोदी फैक्टर को ध्यान में रखते हुए वोट कर रही है. केवल शहरी सीटों पर ही नहीं बल्कि गांव-गांव में मोदी फैक्टर का असर दिखा. गांव-गांव तक प्रचार करने की रणनीति सफल हुई.

सरकारी योजनाओं का मिला लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना समेत तमाम सरकारी योजनाओं का भी जमकर प्रचार हुआ जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिखा. जिनको गैस सिलेंडर मिले, शौचालय मिले उनका वोट बीजेपी को गया. वहीं कुछ साल पहले तक यूपी में सड़क और बिजली बड़े मुद्दे होते थे लेकिन इस चुनाव में ऐसा नहीं हुआ. गांव-गांव तक बिजली पहुंची जिसकी ग्रामीणों ने भी जमकर तारीफ की.


यह भी पढ़ें : समाजवादी आंदोलन से जुड़े वो दो परिवार जिनके बड़े नेता हारे


बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के मुताबिक मोदी फैक्टर सबसे बड़ा फैक्टर रहा. इसके अलावा सरकारी योजनाओं का लाभ भी अहम साबित हुआ. महागठबंधन कास्ट, कैश और क्राइम पर आधारित था जबकि हम कमल संदेश, बाइक रैली, मैं भी चौकीदार जैसे कार्यक्रम चलाते रहे. मेरा बूथ सबसे मजबूत की कामयाबी का असर देखें. बूथ लेवल कार्यकर्ताओं का भी इस जीत में अहम योगदान है.

सपा-बसपा का वोट नहीं हुआ ट्रांसफर, कांग्रेस ने भी किया नुकसान

यूपी की राजनीति के जानकार इसे मोदी फैक्टर बनाम जातिगत समीकरण की लड़ाई बता रहे थे जिसमें जीत मोदी फैक्टर की हुई. सपा और बसपा का कोर वोटर भी बीजेपी की ओर खिसका. अधिकतर सीटों पर बसपा का वोट सपा में ट्रांसफर नहीं हुआ. वहीं बीजेपी के वोटबैंक में कांग्रेस सेंधमारी नहीं कर पाई. प्रियंका फैक्टर भी कांग्रेस के लिए काम न आया.

मोदी, शाह, योगी ने जमकर बहाया पसीना

यूपी में बीजेपी को धार देने के लिए पीएम मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व यूपी के सीएम योगी ने जमकर पसीना बहाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी में 29 और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 28 चुनावी रैलियां कीं. पीएम मोदी ने पूरे देश में जो चार रोड शो किए, उनमें से एक रोड शो यूपी में भी हुआ. योगी ने सबसे अधिक 137 रैलियां कीं और उनके ज़रिए बीजेपी को धार देने की पूरी कोशिश की गई.


यह भी पढ़ें : कैसे मोदी-शाह की भाजपा ने कांग्रेस और बाकियों को इन चुनावों में पछाड़ा


यूपी में सीएम के साथ दोनों डिप्टी सीएम भी चुनाव प्रचार में पीछे नहीं रहे. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी में 110 चुनावी रैलियों और जनसभाओं को संबोधित किया. दूसरे डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने यूपी में 64 चुनावी रैलियों के साथ दूसरे राज्यों में 19 रैलियां कीं. इन सबका लाभ बीजेपी को मिला.

share & View comments