नई दिल्ली: गुरुवार को चल रहे शीतकालीन सत्र के चौथे दिन जैसे ही संसद बुलाई जाएगी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो विधेयकों जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को राज्यसभा में विचार और पारित होने के लिए के लिए सदन के समक्ष रखेंगे.
दोनों विधेयक पहले बुधवार को लोकसभा द्वारा पारित किए जा चुके हैं. सदन ने दो दिनों तक की विस्तृत बहस के बाद जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया.
“जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 को लोकसभा द्वारा पारित जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन करने के लिए लाया गया है. जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 को 26 जुलाई, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था.
यह अधिनियम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के सदस्यों को नौकरियों और व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण प्रदान करता है.
वहीं जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करने के लिए लाया गया है.
अधिनियम ने जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सीटों की कुल संख्या निर्दिष्ट करने के लिए 1950 के अधिनियम की दूसरी अनुसूची में संशोधन किया. प्रस्तावित विधेयक विधानसभा सीटों की कुल संख्या बढ़ाने और अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें व अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करता है.
इस बीच, राज्यसभा के चौथे दिन ”देश में आर्थिक स्थिति” पर अल्पकालिक चर्चा जारी रहेगी.
इससे पहले राज्यसभा में ‘देश में आर्थिक स्थिति’ पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा, “अगर भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रहा है, तो क्यों विकास का असर ज़मीनी स्तर पर महसूस नहीं होता? हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, हम दुनिया में सबसे तेज़ दर से बढ़ रहे हैं और हमारे पास सबसे बड़ा एफडीआई आ रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इसका असर क्यों नहीं दिखता? मैं विशेष रूप से पूछना चाहता हूं यह महंगाई और बेरोज़गारी के आंकड़ों में क्यों नहीं दिखता?”
बहस में भाग लेते हुए, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर भारत की विकास दर पर जोर दिया और कहा कि देश की मजबूत जीडीपी नंबर “हिन्दुत्व की विकास दर” में दिखाई देती हैं.
केंद्र में पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2 प्रतिशत से आगे जाने का प्रयास कर रही है, जिसे मजाक में “विकास की हिंदू दर” के रूप में लेबल किया गया था.
एजेंडे में कहा गया है कि इसके अलावा, भाजपा सांसद अनिल जैन और नीरज शेखर द्वारा गृह मामलों पर विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति की 249वीं और 250वीं रिपोर्ट (अंग्रेजी और हिंदी में) राज्यसभा में पेश करने की संभावना है.
शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर को शुरू हुआ है और 22 दिसंबर तक चलेगा.
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