नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में राजस्थान से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है. राज्य की 25 लोकसभा सीटों पर 24 पर भाजपा ने बढ़त बनाई हुई है. वहीं एक सीट पर निर्दलीय आगे है. ताजा रुझानों में कांग्रेस को एक भी सीट पर बढ़त नहीं बनाई है. पार्टी राज्य में मिशन 21 को लेकर मैदान में उतरी थी. हाल ही राज्य की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस पार्टी के लिए यह बहुत बड़ा झटका है. राज्य में सभी भाजपा के उम्मीदवार आगे चल रहे है. नागौर लोकसभा सीट से निर्दलीय हनुमान बेनीवाल आगे चल रहे है.
2014 की मोदी लहर में राज्य की सभी 25 सीटों पर जीत हासिल करके भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. 2014 में भाजपा को 55.61 प्रतिशत वोट मिले थे. राज्य में वसुंधरा राजे की भाजपा सरकार थी. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में, राज्य में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई. राज्य के चुनाव के दौरान एक नारा बहुत तेज़ी उछला था कि ‘मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी ख़ैर नहीं.’ इसी से साफ हो गया था कि भले ही कांग्रेस विधानसभा चुनाव निकाल जाए, लेकिन 2019 के आम चुनाव में मतदाता वापस के भारतीय जनता पार्टी के पास वापस लौटेंगे. इसी आंकलन पर एग्ज़िट पोल के आंकड़ों ने भी मुहर लगाई थी.
राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बड़ी जीत के बाद पार्टी के सामने उसी तरह के नतीजो को लोकसभा में भी दोहराने का ध्येय था. पार्टी ने कर्ज़ माफी और ‘न्याय’ योजना के आधार पर मत मांगे पर शायद पार्टी के संगठन में गहलोत और सचिन पायलेट खेमों में समन्वय की थोड़ी कमी रही और मोदी का चेहरा और राष्ट्रवाद का मुद्दा राज्य में काम कर गया.
विधानसभा चुनाव में 200 सीटों में से कांग्रेस पार्टी ने 99 सीटे जीती थी. भाजपा को 73 सीट हासिल हुई थी. 13 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. इसके अलावा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया को दो, भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो, राष्ट्रीय लोक दल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को तीन सीटें मिली थीं. कांग्रेस पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ राज्य में सरकार बनाई है. राज्य के सीएम अशोक गहलोत हैं.